शलजम की गिनती चुनिंदा गुणकारी सब्जियों में की जाती है। यह ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसे सलाद के साथ-साथ विभिन्न पकवान व सब्जियां बनाने में भी प्रयोग किया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम ब्रेसिका रापा (Brassica Rapa) है। जहां यह खाने में स्वादिष्ट है, वहीं इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। स्टाइलक्रेज के इस लेख में शलजम के फायदे और शलजम के नुकसान के बारे में विस्तार से बताएंगे। हालांकि, इस लेख में बताई गई स्वास्थ्य समस्याओं में शलजम का सेवन करने से कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन यह किसी भी बीमारी का पूर्ण उपचार नहीं है।
आइए, अब जानते हैं कि शलजम स्वास्थ्य के लिए किस प्रकार लाभदायक साबित हो सकता है।
शलजम के फायदे – Benefits of Turnip (Shalgam) in Hindi
शलजम का सेवन करने से सेहत को इस प्रकार ठीक रखा जा सकता है।
1. इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए
शरीर का स्वास्थ्य पूरी तरह से इम्युनिटी पर निर्भर करता है। इसलिए, इम्युनिटी को मजबूत करने के लिए शलजम के फायदे देखे जा सकते हैं। इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए शलजम इसलिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि एक वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार शलजम में इम्यूनोलॉजिकल (प्रतिरक्षात्मक) प्रभाव पाया है। शलजम का यह प्रभाव इम्युनिटी बढ़ाने के लिए भी लाभदायक हो सकता है (1)।
2. हृदय स्वास्थ्य के लिए
हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए शलजम के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, प्राकृतिक रूप से शलजम एक सक्रिय एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है। यह एंटी-ऑक्सीडेंट क्रिया शरीर में मौजूद टॉक्सिक के खिलाफ काम करती है। इस टॉक्सिन के कारण हृदय रोग का खतरा हो सकता है। इसलिए, शलजम का सेवन आपके हृदय रोग के जोखिम को कम करने में लाभदायक हो सकता है (2)।
3. कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए
कैंसर के जोखिम से बचने के लिए भी शलजम के गुण फायदा पहुंचा सकता है। ऐसा इसलिए हो सकता है, क्योंकि शलजम में सक्रिय रूप से एंटी-कैंसर एक्टिविटी पाई जाती है (3)। एंटी-कैंसर एक्टिविटी कैंसर होने के जोखिम को कम कर सकती है और कैंसर सेल्स को पनपने से रोक सकती है (4)।
नोट- कैंसर की स्थिति में डॉक्टरी इलाज जरूरी है। सिर्फ घरेलू नुस्खों के जरिए इस बीमारी का इलाज संभव नहीं है।
4. ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए
ब्लड प्रेशर के बढ़ने से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जिसमें हृदय से जुड़े रोग भी शामिल हो सकते हैं (5)। वहीं, शलजम का सेवन ब्लड प्रेशर के बढ़ने के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है, क्योंकि इसमें पोटैशियम की मात्रा पाई जाती है। यह पोषक तत्व ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने में और उसे नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (6)। ध्यान रहे कि ब्लड प्रेशर की बढ़ी हुई स्थिति में डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
5. वजन घटाने के लिए
वजन घटाने के लिए लोग कई तरह के उपाय अपनाते हैं, जबकि शलजम को आहार रूप में शामिल करके भी वजन घटाने के लाभ देखे जा सकते हैं। शलजम में फाइबर होता है (7)। वजन घटाने के लिए फाइबर का सेवन लाभदायक हो सकता है। फाइबर युक्त आहार का सेवन लंबे समय तक पेट को भरा रखने का काम कर सकता है, जिससे बार-बार खाने की आदत नियंत्रित हो सकती है। इस प्रकार यह प्रक्रिया बढ़ते वजन पर काबू पाने में मदद कर सकती है (8)। इसके अलावा, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार शलजम का सेवन वजन घटाने के लिए निष्क्रिय भी साबित हुआ (9)। इसलिए, वजन घटाने के मामले में शलजम का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। साथ ही वजन घटाने के लिए घरेलू नुस्खे के साथ-साथ प्रतिदिन एक्सरसाइज, योग व पौष्टिक आहार का सेवन करना भी जरूरी है।
6. आंखों के स्वास्थ्य के लिए
आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी शलजम का इस्तेमाल कर सकते हैं। शलजम में विटामिन-बी6 और फोलेट की मात्रा पाई जाती है (10)। शलजम में पाई जाने वाली विटामिन-बी6 और फोलेट की मात्रा का सेवन आंखों के देखने की क्षमता में होने वाली कमी में सुधार कर सकता है और वैज्ञानिक अध्ययन के द्वारा भी इस बात की पुष्टि की गई कि इन पोषक तत्वों का सेवन उम्र से जुड़ी देखने की क्षमता में आने वाली कमी के लिए लाभदायक हो सकता है (11)। साथ ही शलजम में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो आंखों की रोशनी को बेहतर करने में मदद कर सकते हैं (2)।
7. हड्डियों के स्वास्थ्य लिए
हड्डियों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी शलजम का सेवन लाभदायक परिणाम दिखा सकता है। ऐसा इसलिए भी मुमकिन हो सकता है, क्योंकि शलजम में कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है (10)। कैल्शियम का सेवन न केवल हड्डियों के स्वास्थ्य को मजबूत बना सकता है, बल्कि इसको कमजोर होने से भी बचा सकता है (12)। वहीं, बढ़ती हुई उम्र की स्थिति में हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए एक बार डॉक्टर से चेकअप जरूर करवाना चाहिए।
8. फेफड़ों की स्वास्थ्य समस्या के लिए
फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए भी शलजम का सेवन फायदेमंद हो सकता है। एक वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार शलजम का सेवन फेफड़ों का कैंसर होने से बचाने का काम कर सकता है। (13)। हालांकि, यह अन्य किस प्रकार से फेफड़ों के लिए लाभदायक हो सकता है, इस पर अभी और मेडिकल रिसर्च होने की जरूरत है। इस स्थिति में मेडिकल ट्रीटमेंट का सहारा और डॉक्टर से परामर्श लेना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।
9. त्वचा के लिए
त्वचा के अच्छे स्वास्थ्य के लिए शलजम के औषधीय गुण देखे जा सकते हैं। शलजम में विटामिन-सी की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है और यह एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट का भी मुख्य स्रोत है (14)। विटामिन-सी त्वचा को चमकदार बनाने और त्वचा पर मौजूद धब्बों को ठीक करने जैसा काम कर सकता है (15)। इसके लिए आप शलजम को जूस के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
10. बालों के स्वास्थ्य के लिए
बालों को तो हर कोई खूबसूरत रखना चाहता है और आहार रूप में शलजम का सेवन भी बालों को खूबसूरत बनाए रखने में मदद कर सकता है। दरअसल, शलजम के औषधीय गुण में जिंक, मैग्नीशियम और आयरन की मात्रा पाई जाती है और ये पोषक तत्व बालों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं (10), (16)।
आइए, अब लेख के अगले भाग में जानते हैं कि इसमें कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं।
शलजम के पौष्टिक तत्व – Turnip (Shalgam) Nutritional Value in Hindi
शलजम के पौष्टिक तत्वों को नीचे सूची के माध्यम से दर्शाया जा रहा है (10)।
पौष्टिक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
जल | 91.87g |
ऊर्जा | 28kcal |
प्रोटीन | 0.9g |
टोटल लिपिड | 0.1g |
कार्बोहाइड्रेट | 6.43g |
फाइबर, कुल डाइटरी | 1.8g |
शुगर टोटल | 3.8g |
मिनरल | |
कैल्शियम | 30mg |
आयरन | 0.3mg |
मैग्नीशियम | 11mg |
फास्फोरस | 27mg |
पोटैशियम | 191mg |
सोडियम | 67mg |
जिंक | 0.27mg |
कॉपर | 0.085mg |
सेलेनियम | 0.7μg |
विटामिन | |
विटामिन सी, कुल एस्कॉर्बिक एसिड | 21mg |
थियामिन | 0.04mg |
राइबोफ्लेविन | 0.03mg |
नियासिन | 0.4mg |
विटामिन बी-6 | 0.09mg |
फोलेट, कुल | 15μg |
विटामिन-ई | 0.03 mg |
लिपिड | |
फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड | 0.011g |
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड | 0.006g |
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड | 0.053g |
आइए, अब शलजम के उपयोग करने के तरीके के बारे में जानते हैं।
शलजम का उपयोग – How to Use Turnip (Shalgam) in Hindi
शलजम को इस प्रकार उपयोग किया जा सकता है।
- शलजम का उपयोग सलाद की तरह किया जा सकता है।
- शलजम को सब्जी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
- शलजम के जूस को पीने में इस्तेमाल किया जा सकता है।
- शलजम के साथ आलू मिलाकर स्वादिष्ट सब्जी बनाई जा सकती है।
- शलजम का अचार भी बनाया जा सकता है।
कब खाएं : शलजम का सेवन दिनभर में सलाद की तरह या सब्जी बनाकर किसी भी समय कर सकते हैं।
कितना खाएं : एक व्यक्ति के लिए एक दिन में एक या दो शलजम का सेवन पर्याप्त हो सकता है। इसके सेवन की सही मात्रा की जानकारी के लिए एक बार आहार विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
आइए, अब शलजम के नुकसान से भी परिचित हो जाते हैं।
शलजम के नुकसान – Side Effects of Turnip (Shalgam) in Hindi
शलजम के सेवन से निम्न स्थितियों में नुकसान हो सकते हैं।
- शलजम में विटामिन-के की मात्रा पाई जाती है (10)। अगर इसका सेवन वाफरीन (ब्लड क्लोट्स रोकने की एक दवा) के साथ किया जा रहा है, तो दवा का असर कम हो सकता है (16)।
- शलजम में फास्फोरस की अधिक मात्रा पाई जाती है, जिसका अधिक मात्रा में सेवन हृदय, किडनी और हड्डियों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के साथ-साथ मृत्यु का खतरा भी बढ़ा सकता है(10), (17)।
- शलजम में पोटैशियम की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है, जिसका अधिक सेवन हृदय की कार्यप्रणाली को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है (10), (18)।
- कुछ लोग सलाद के ऊपर शलजम की पत्तियों का भी उपयोग करते हैं। इसमें विटामिन-ए की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। गर्भावस्था के दौरान इसका अधिक सेवन करने से शिशुओं में जन्म दोष का खतरा बढ़ सकता है(19), (20)।
- इसके सेवन से अगर अन्य कोई भी समस्या होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उनकी सलाह के बाद ही इसका दोबारा सेवन शुरू करें।
अब तो आप जान ही गए होंगे कि शलजम के गुण किस प्रकार किन-किन स्वास्थ्य जोखिम को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त इसके सेवन से जुड़ी हुई कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में भी आपको बताया गया है, जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। हालांकि, इस लेख में बताई हुई स्वास्थ्य समस्या का यह पूर्ण रूप से उपचार नहीं कर सकता है, लेकिन उसके जोखिम से आपको बचा जरूर सकता है। आप इसके सेवन के दौरान डॉक्टर की भी सलाह ले सकते हैं। अगर आप इस विषय के संबंध में कुछ और जानना चाहते हैं या कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो आप नीचे दिए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं।
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