दिन भर की ऊर्जा और ताजगी के पीछे बड़ा हाथ रात की अच्छी नींद का होता है। भरपूर नींद न होने से अगले दिन थकान व बैचेनी रहना आम है। नींद पूरी न होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे चिंता, तनाव, दिमाग का शांत न रहना व कोई अन्य बीमारी आदि। ऐसा ही एक कारण हो सकता है स्लीप एपनिया। स्लीप एपनिया के कारण नींद में सांस लेने में मुश्किल होती है, जिससे रात में बार-बार नींद खुलती रहती है। ऐसा कई कारणों से हो सकता है, जिनके बारे में हम स्टाइलक्रेज के इस लेख में बताएंगे। इस लेख में आप जानेंगे स्लीप एपनिया के प्रकार, कारण और लक्षण के बारे में। साथ ही, हम आपको स्लीप एप्निया के इलाज के बारे में भी बताएंगे।
लेख में सबसे पहले जानिए कि स्लीप एपनिया क्या है।
स्लीप एपनिया क्या है? – What is Sleep Apnea in Hindi
स्लीप एप्निया नींद में होने वाली सांस की तकलीफ को कहा जाता है। दरअसल, एपनिया का मतलब होता है ‘सांस के बिना’ (1)। इस समस्या में व्यक्ति के श्वास नली के ऊपरी वायु मार्ग में बार-बार रुकावट आ जाती है, जिस कारण वायु प्रवाह ठीक तरह से नहीं होता है (2)। यह रुकावट लगभग 10 सेकंड के लिए होती है और गहरी सांस के साथ कुछ सेकंड के लिए नींद खुल सकती है, लेकिन स्लीप एपनिया से पीड़ित व्यक्ति को इसका एहसास नहीं होता (1)।
स्लीप एपनिया के प्रकार के बारे में हम लेख के इस भाग में बता रहे हैं।
स्लीप एपनिया के प्रकार – Types of Sleep Apnea in Hindi
स्लीप एपनिया के प्रकार दो तरह के होते हैं, जो निम्नलिखित हैं:
- ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया : यह स्लीप एपनिया का सबसे आम प्रकार है। इसमें वायु मार्ग में रुकावट आती है और सांस लेने में तकलीफ होती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, स्लीप एपनिया के 90-96 प्रतिशत मामले ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के होते हैं (1)।
- सेंट्रल स्लीप एपनिया : यह स्लीप एपनिया का दुर्लभ प्रकार है। इसमें दिमाग कुछ समय के लिए उन मांसपेशियों को संकेत भेजना बंद कर देता है, जो सांस को नियंत्रित करती हैं। इस वजह से सांस लेने में मुश्किल होने लगती है (3)।
नोट : कुछ दुर्लभ स्थितियों में व्यक्ति को दोनों प्रकार के स्लीप एपनिया एक साथ हो सकते हैं। ऐसे स्थिति को ओबेसिटी हाइपोवेंटिलेशन सिंड्रोम कहा जाता है (3)।
लेख के अगले भाग में जानिए स्लीप एप्निया के कारण के बारे में।
स्लीप एपनिया के कारण – Causes of Sleep Apnea in Hindi
स्लीप एप्निया के कारण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं (2) (3):
- मोटापा
- बड़े आकार के टॉन्सिल
- थाइराइड
- ग्रोथ हार्मोन का बढ़ा हुआ स्तर
- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (हार्मोन विकार)
- न्यूरोमस्कुलर रोग
- किडनी में समस्या
- जन्म की असामान्यताएं (क्लेफ्ट लिप्स, डाउन सिंड्रोम)
- जन्मजात सेंट्रल हाइपोवेंटिलेशन सिंड्रोम (Congenital central hypoventilation syndrome)
- समय से पहले जन्म
- दिमागी संक्रमण
- स्ट्रोक
- रीढ़ की समस्या
- कुछ प्रकार की दवाइयां जैसे नारकोटिक
स्लीप एप्निया के लक्षण जानने के लिए पढ़ते रहें यह आर्टिकल।
स्लीप एपनिया के लक्षण – Symptoms of Sleep Apnea in Hindi
स्लीप एप्निया के लक्षण आसानी से समझ आने लगते हैं। स्लीप एप्निया के लक्षण के बारे में नीचे विस्तार से जानिए (2) :
- दिन में ज्यादा नींद आना
- थकान
- ध्यान, सतर्कता और एकाग्रता में कमी
- शब्द याद रखने और पहले देखी गई चीजों को पहचानने में समस्या
- जागने पर मुंह सूखना और सिरदर्द रहना
- यौन संबंध में कम रूचि
- पेशाब करने के लिए रात में अक्सर जागना
स्लीप एप्निया के कारण के अलावा कुछ जोखिम कारक भी हो सकते हैं, जिनके बारे में लेख के अगले भाग में बताया गया है।
स्लीप एपनिया के जोखिम कारक – Risk Factors of Sleep Apnea in Hindi
कुछ जोखिम कारक स्लीप एप्निया के कारण में योगदान कर सकते हैं। वो सभी कुछ इस प्रकार हैं (1) (2):
- अधिक आयु: उम्र के साथ स्लीप एपनिया होने का खतरा भी बढ़ने लगता है।
- पुरुष: महिलाओं की तुलना में पुरुषों को स्लीप एपनिया होने की आशंका ज्यादा होती है।
- अस्वस्थ जीवनशैली: धूम्रपान, शराब, असंतुलित आहार व व्यायाम न करना आदि भी स्लीप एप्निया के कारण में योगदान कर सकते हैं।
- आनुवंशिक
- 30 से ज्यादा बॉडी मास इंडेक्स
- मीनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति के बाद
- नींद की गोलियां
स्लीप एप्निया के कारण और जोखिम कारक के बाद, आइए अब आपको स्लीप एप्निया के इलाज के बारे में बताते हैं।
स्लीप एपनिया का इलाज – Treatment of Sleep Apnea in Hindi
स्लीप एप्निया के इलाज के लिए निम्नलिखित उपायों को अपनाया जा सकता है (2):
- श्वास उपकरण (Breathing devices): स्लीप एप्निया के इलाज के लिए डॉक्टर श्वास उपकरण जैसे CPAP मशीन (Continuous Positive Airway Pressure) इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।
- मौखिक उपकरण: इन उपकरणों को सोते समय मरीज को पहनाया जाता है। ये श्वास नली के ऊपरी वायु मार्ग को खोलने में मदद करते हैं।
- ओरोफेशियल थेरेपी: स्लीप एप्निया के इलाज के लिए मरीज को मुंह और जुबान की थेरेपी करवाई जा सकती है। इस थेरेपी से जुबान की स्थिति और मुंह की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद मिल सकती है।
- प्रत्यारोपण (Implants): प्रत्यारोपण की मदद से शरीर में एक उपकरण लगाया जाता है, जो बंद श्वास नली को खोलने वाली मांसपेशियों तक एक कंपन भेजता है। इससे श्वास नली खुल जाती है और सांस लेने में आसानी होती है। कुछ प्रकार के प्रत्यारोपण, स्लीप एपनिया के दोनों प्रकार के इलाज में मदद करते हैं।
- सर्जरी: जब स्लीप एप्निया के इलाज के लिए ऊपर बताए गए उपायों से लाभ नहीं होता, तो डॉक्टर सर्जरी करवाने की सलाह देते हैं। यह कई बार बढ़े हुए टॉन्सिल्स की वजह से हो सकता है। इन सर्जरी से टॉन्सिल्स को निकाला जाता है और वायु मार्ग को खोला जाता है।
स्लीप एपनिया के प्रकार, लक्षण और इलाज के बारे में जानने के बाद अब हम बता रहे हैं कि इस समस्या में किस प्रकार का आहार लेना चाहिए।
स्लीप एपनिया में परहेज – What to Avoid During Sleep Apnea in Hindi
स्लीप एपनिया से पीड़ित लोगों को नीचे बताए गए खाद्य पदार्थों को अपने आहार से हटाने की सलाह दी जाती है (4):
- तले हुए खाद्य पदार्थ
- अधिक फैट वाले आहार
- अधिक फैट वाला मीट
- ज्यादा मीठा खाना
- बेकरी उत्पाद जैसे केक आदि
आर्टिकल के इस हिस्से में हम बता रहे हैं कि स्लीप एपनिया में क्या खाना चाहिए।
स्लीप-एपनिया में क्या खाना चाहिए – What to eat during Sleep Apnea in Hindi
अगर आपको स्लीप एपनिया की समस्या है, तो आपको नीचे बताए गए खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करने की सलाह दी जाती है (4):
- साबुत अनाज (होल ग्रेन)
- हरी सब्जियां
- नट्स
- ओलिव ऑयल
- दही
- चीज़
- चिकन
- अंडे
- मछली
स्लीप एप्निया के इलाज के साथ यह जानना भी जरूरी है कि इससे कैसे बचा जाए। लेख के अगले भाग में जानिए स्लीप एपनिया के बचने के उपाय के बारे में।
स्लीप एपनिया से बचने के उपाय – Prevention Tips for Sleep Apnea in Hindi
स्लीप एप्निया के कारण से बचना इससे बचने के सबसे महत्वपूर्ण उपायों में से एक है। इसके अलावा, स्वस्थ जीवनशैली अपना कर आप स्लीप एपनिया से बच सकते हैं, जैसे (2):
- संतुलित आहार का सेवन करें।
- धूम्रपान और शराब का सेवन न करें।
- अपना वजन नियंत्रित रखें।
- समय से सोना और समय से जागना।
- नियमित व्यायाम करें।
अगर आपके परिवार में या कोई परिचित व्यक्ति गहरी सांस के साथ नींद खुल जाने की शिकायत करता है या आपने खुद में स्लीप एप्निया के लक्षण महसूस किए हैं, तो हो सकता है कि आप भी स्लीप एपनिया से पीड़ित हों। ऐसे में स्लीप एप्निया के इलाज के लिए तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें। उम्मीद करते हैं कि इस लेख से आपको स्लीप एपनिया के प्रकार और उससे जुड़ी हर जानकारी मिल गई होगी। अगर अभी भी आपके मन में इस विषय के संबंध में कोई सवाल है, तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में लिख कर हमसे पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे।
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