सोयाबीन एक तरह का दलहन है, जिसका उपयोग खाने और तेल निकालने के लिए किया जाता है। यह पोषक तत्वों का खजाना है, जिसके सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है। शाकाहारी लोगों को इसका सेवन जरूर करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इसमें मांस जितना पोषण मौजूद होता है। सोयाबीन में प्रोटीन और आइसोफ्लेवोंस पाए जाते हैं, जो हड्डियों को कमजोर होने से रोकते हैं, जिससे जल्दी फ्रैक्चर होने का खतरा नहीं होता (1)। इस लेख में सोयाबीन खाने के फायदे और सोयाबीन कैसे बनता है इसकी जानकारी देंगे।
सोयाबीन क्या हैं – What is Soya bean in Hindi
सोयाबीन के बीज क्रीम रंग के होते हैं। इनके सेवन से शारीरिक और मानसिक स्थिति को सुधार करने में सहायता मिलती है। इसकी खेती सबसे पहले चीन में की गई थी, लेकिन आज पूरे एशिया में इसकी अच्छी उपलब्धता है। सोयाबीन वसा का अच्छा और सस्ता स्रोत माना जाता है। इससे दूध, टोफू, सोया सॉस व बीन पेस्ट बनाए जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले गुण के कारण डॉक्टर भी सोयाबीन खाने की सलाह देते हैं (1)।
इस लेख के आगे के भाग में सोयाबीन खाने के फायदे के बारे में जानकारी देंगे ।
सोयाबीन के फायदे – Benefits of Soybean in Hindi
सोयाबीन के फायदे अनेक हैं, जिसमें से कुछ के बारे में हम आगे जानकारी दे रहे हैं । इन्हें जानने के बाद आप अपने खाने में सोयाबीन को जरूर शामिल करना चाहेंगे।
1. मधुमेह के लिए सोयाबीन के फायदे
शुगर युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से मधुमेह की समस्या बढ़ सकती है। ऐसे में सोयाबीन के सेवन से मधुमेह की बीमारी को नियंत्रण में लाया जा सकता है। इसमें पाए जाने वाले प्रोटीन ग्लूकोज को नियंत्रित करते हैं और इंसुलिन में आने वाली बाधा को कम कर सकते हैं। साथ ही सोयाबीन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होने के कारण इससे बने उत्पादों का सेवन मधुमेह के मरीज के लिए उचित माना गया है (1) (2)।
2. हड्डियों के लिए
सोयाबीन खाने से हड्डियां मजबूत होती है। यह एस्ट्रोजन हार्मोन (इसे फीमेल हार्मोन भी कहते है) और हड्डियों के सुरक्षा में भी सहायक होता है। सोयाबीन में फाइटोएस्ट्रोजेन्स (phytoestrogens) पाए जाते हैं, जो हड्डियों को कमजोर होने से बचा सकते हैं (3)।
3. हृदय के लिए सोयाबीन के फायदे
सोयाबीन खाने से हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो सूजन और हृदय रोग को रोकने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। सोयाबीन का सेवन करने से रक्त संचार को प्रभावित करने वाले कण को कम किया जा सकता है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि सोयाबीन के सेवन से हृदय संबंधी रोग से दूर रहा जा सकता है (4)।
4. वजन घटाने के लिए
एक वैज्ञानिक अध्ययन से यह पता चलता है कि सोयाबीन के सेवन से शरीर के वजन और चर्बी को कम किया जा सकता है। यह सब सोयाबीन में पाए जाने वाले थर्मोजेनिक के प्रभाव के कारण संभव है (5) (6)। इसके सेवन के साथ-साथ व्यायाम पर भी ध्यान देना जरूरी है।
5. कैंसर के लिए
सोयाबीन के फायदों के बारे में बात करें, तो उन्हीं फायदों में से एक कैंसर से बचाव भी है। जैसा कि आप जान ही चुके हैं कि सोयाबीन में आइसोफ्लेवोंस (एक तरह के रासायनिक कंपाउंड) पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। साथ ही सोयाबीन को पाइथोकेमिकल्स के समूह का भी मुख्य स्रोत माना गया है। ये दोनों तत्व एंटीकैंसर के रूप में अपना असर दिखाते हैं। सोयाबीन के सेवन से स्तन और गर्भाशय से संबंधित कैंसर को रोकने में मदद मिल सकती है (7)।
6. कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में
सोयाबीन के फायदे की बात हो रही है, तो आपको बता दें कि इसका सेवन कोलेस्ट्रॉल के लिए भी फायदेमंद है। सोयाबीन के बीज में पाए जाने वाले आइसोफ्लेवोंस आपके कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने का काम करते हैं। सोयाबीन के सेवन से खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा तो कम होती है, लेकिन अच्छे कोलेस्ट्रॉल पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता (8)।
7. रक्तचाप के लिए सोयाबीन के फायदे
सोयाबीन में प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है। इससे बने सप्लीमेंट्स को लेने से सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में भी इस बात की पुष्टि की गई है कि उच्च रक्तचाप को नियंत्रण में लाने के लिए सोयाबीन प्रोटीन से बने सप्लीमेंट्स का सेवन किया जा सकता है (9)।
8. माहवारी में सहायक
सोया उत्पादों में एस्ट्रोजेन जैसे यौगिक होते हैं, जो शरीर में एस्ट्रोजेन हार्मोन के निर्माण में मदद करते हैं। इसके सेवन से मासिक धर्म नियमित रूप से आते हैं, बांझपन और रजोनिवृत्ति से पहले होने वाली समस्याओं से भी राहत मिल सकती है। कुछ महिलाओं को मासिक धर्म के समय डिसमेनोरिया का सामना करना पड़ता है। यह एक चिकित्सीय स्थिति है, जिसमें महिला को गर्भाशय में असहनीय दर्द होता है। इस संबंध में किए गए एक वैज्ञानिक के अध्ययन अनुसार, जो महिलाएं रेड मीट के मुकाबले अधिक सोया खाद्य पदार्थों का सेवन करती हैं, उन्हें डिसमेनोरिया से जल्द राहत मिल सकती है। साथ ही प्रीमेन्स्ट्रुअल से भी आराम मिलता है। मासिक धर्म से पहले होने वाली विभिन्न समस्याओं को प्रीमेन्स्ट्रुअल कहा जाता है (10) (11)।
9. नींद और अवसाद के लिए
सोयाबीन में फाइटोएस्ट्रोजन (एक तरह का हार्मोन) गुण होता है (2), जो रासायनिक संरचना में मानव एस्ट्रोजन से मिलता-जुलता है। एस्ट्रोजन नींद के अवधि में वृद्धि करता है। एक रिसर्च से यह पता चलता है कि सोयाबीन का सेवन नींद के लिए लाभकारी हो सकता है (12)। नींद पूरी होने से अवसाद की समस्या भी दूर हो सकती है। बुजुर्गों में अवसाद की समस्या होना आम बात है, ऐसे में सोयाबीन का सेवन उनके लिए लाभकारी हो सकता है (13)।
10. त्वचा के लिए
सोयाबीन के बीज में एंटी-इंफ्लेमेटरी व कोलेजन (प्रोटीन का समूह) के गुण पाए जाते हैं। ये सभी मिलकर त्वचा को खिला-खिला और जवां बनाने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट आपकी त्वचा को अल्ट्रा वाइलेट किरणों से भी सुरक्षा पहुंचाता है (14)। इससे बनी क्रीम के उपयोग से भी त्वचा को लाभ पहुंचता हैI
11. बालों के लिए
सोयाबीन के फायदे में से एक फायदा बालों के लिए भी है। सोयाबीन के बीज में फाइबर, विटामिन-बी, विटामिन-सी, और अन्य मिनरल्स पाए जाते हैं। ये बालों के विकास और मजबूती के लिए सहायक होते हैं। इसमें आयरन की भी अच्छी मात्रा होती है, जो बालों को झड़ने से रोकने में सहायता पहुंचता है (15)।
इस लेख के अगले भाग में हम सोयाबीन के बीज में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों की जानकारी दे रहे हैं।
सोयाबीन के पौष्टिक तत्व – Soybean Nutritional Value in Hindi
सोयाबीन पौष्टिक तत्वों का भंडार होता है। इसमें कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं और उनमें उनकी मात्रा कितनी होती है, आइए जानते हैं (16) :
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 g | |
---|---|---|
पानी | 8.54 g | |
ऊर्जा | 446 kcal | |
प्रोटीन | 36.49 g | |
टोटल लिपिड (फैट) | 19.94 g | |
कार्बोहाइड्रेट | 30.16 g | |
फाइबर , टोटल डाइटरी | 9.3 g | |
शुगर, टोटल | 7.33 g | |
मिनरल्स | ||
कैल्शियम ,Ca | 277 gm | |
आयरन ,Fe | 15.70 mg | |
मैग्नीशियम , Mg | 280 mg | |
फास्फोरस ,P | 704 mg | |
पोटैशियम ,K | 1797 mg | |
सोडियम ,Na | 2 mg | |
जिंक ,Zn | 4. 89 mg | |
विटामिन्स | ||
विटामिन सी , टोटल एस्कॉर्बिक एसिड | 6. 0 mg | |
थाइमिन | 0. 874 mg | |
राइबोफ्लेविन | 0. 870 mg | |
नियासिन | 1.623 mg | |
विटामिन बी -6 | 0. 377 mg | |
फोलेट DFE | 375 µg | |
विटामिन बी-12 | 0. 00 µg | |
विटामिन ए ,RAE | 1 µg | |
विटमिन ए ,IU | 22 IU | |
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफ़ेरॉल) | 0. 85 mg | |
विटामिन डी (D2 +D3) | 0. 0 µg | |
विटामिन डी | 0 IU | |
विटामिन के (पिल्लोक्विनोने ) | 47. 0 µg | |
लिपिड | ||
फैटी एसिड्स , टोटल सैचुरेटेड | 2. 884 g | |
फैटी एसिड्स टोटल मोनोसैचुरेटेड | 4. 404 g | |
फैटी एसिड्स , टोटल पोलयूंसैचुरेटेड | 11. 255 g | |
फैटी एसिड्स , टोटल ट्रांस | 0. 000 g | |
कोलेस्ट्रॉल | 0 mg |
आगे हम सोयाबीन के उपयोग की जानकारी दे रहे हैं।
खाने में सोयाबीन का उपयोग कैसे करें – How to Use Soya bean in Hindi
सोयाबीन ऐसा दलहन है, जिसे अनेक प्रकार से उपयोग किया जा सकता है (6)। इस लेख में सोयाबीन खाने की विधि की जानकारी के साथ सोयाबीन कैसे बनता है, यह भी बताएंगे ।
- सोयाबीन के बीजों की सब्जी बनाई जा सकती है।
- सोयाबीन को सोया मिल्क की तरह उपयोग किया जाता है।
- सोयाबीन से बड़ी और सोया दूध से टोफू बनाया जाता है, जिसकी सब्जी बनाई जा सकती है।
- सोयाबीन को सूप की तरह भी उपयोग किया जाता है।
- सोयाबीन को अंकुरित करके भी खाया जा सकता है।
- सोयाबीन से तेल निकालकर सब्जी बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
- सोयाबीन का उपयोग क्रीम बनाने में भी किया जाता है।
सोयाबीन की सब्जी बनाने की विधि :
1. सोयाबीन-आलू करी
सामग्री :
- 50 ग्राम सोयाबीन बड़ी
- 200 ग्राम आलू
- 2 टमाटर
- 2 प्याज
- 1 चम्मच हल्दी पाउडर
- 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 2 चम्मच धनिया पाउडर
- 1 चम्मच गरम मसाला
- 2 हरी मिर्च
- आधा चम्मच अदरक पेस्ट
- थोड़े धनिया पत्ते
- 2 कप पानी
- तेल आवश्यकतानुसार
- नमक स्वादानुसार
विधि :
- कढ़ाई को गैस पर रखकर तेल गर्म करें।
- फिर सोयाबीन बड़ी को भून कर निकाल लें।
- फिर उसी तेल में प्याज व हरी मिर्च को डालकर सुनहरा होने तक भून लें।
- प्याज भुनने के बाद उसमें आलू डाल दें।
- उसके बाद टमाटर और स्वादानुसार नमक डालें।
- टमाटर को गलने दें, फिर सोयाबीन को भी डाल दें।
- साथ ही अदरक पेस्ट, हल्दी, धनिया, मिर्च और गरम मसाला पाउडर भी डालें।
- थोड़ी देर सामान्य आंच पर पकने दें।
- फिर उसमें पानी डालकर थोड़ी देर पानी को सूखने दें। ध्यान रहे कि करी पूरी तरह नहीं सूखनी चाहिए।
- गैस बंद करने के बाद ऊपर से धनिया पत्ते बारीक काटकर डालें।
- इस सोया-आलू करी को आप रोटी या चावल किसी के साथ भी खा सकते हैं।
अब जानिए सोयाबीन के नुकसान के बारे में।
सोयाबीन के नुकसान – Side Effects of Soybean in Hindi
सोयाबीन हो या कोई अन्य खाद्य पदार्थ आवश्यकता से अधिक मात्रा में सेवन करने पर आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
- सोयाबीन में फाइटोएस्ट्रोजेन पाए जाते हैं। इसका सेवन अधिक मात्रा में करने से पुरुषों के स्पर्म की गुणवत्ता में कमी आ सकती है (17)।
- सोयाबीन का सेवन ज्यादा मात्रा में करने से यौन क्षमता भी प्रभावित हो सकती है (17)।
- सोयाबीन का सेवन अधिक मात्रा में करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
सोयाबीन खाने के फायदे अनेक हैं। इसलिए, इसका सही मात्रा में सेवन किया जाए, तो सोयाबीन के नुकसान से डरने की जरूरत नहीं है। सोयाबीन को अपने डायट चार्ट में शामिल कर, स्वाद के साथ-साथ इसके गुणों का भी लाभ उठाएं। इसके सेवन से जुड़े अनुभव को आप हमारे साथ कमेंट बॉक्स के माध्यम से शेयर कर सकते हैं और अगर आपके पास इससे जुड़ी कोई अन्य जानकारी है, तो उसे भी हमारे साथ शेयर कर सकते हैं।
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