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Monday, January 27, 2020

करेले के फायदे, उपयोग और नुकसान – Bitter Gourd (Karela) Benefits and Side Effects in Hindi

करेला, चुनिंदा स्वास्थ्यवर्धक सब्जियों में गिना जाता है। स्वाद में कड़वा होने के कारण कई लोग इसे खाना पसंद नहीं करते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि करेला कई बीमारियों के प्रभाव व उनके लक्षणों को कम करने की क्षमता रखता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम शरीर के लिए करेले के फायदे बताने जा रहे हैं। यहां आपको करेला खाने के फायदे से लेकर करेला का उपयोग कैसे किया जा सकता है, इस संबंध में जरूरी जानकारी मिलेगी। लेख को पढ़ते समय पाठक इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि करेला यहां बताई गई किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है, लेकिन यह इनके इलाज में एक सहायक भूमिका जरूर निभा सकता है।

आइये सबसे पहले हम करेले के बारे में कुछ सामान्य जानकारी हासिल कर लेते हैं।

करेला क्या है ?

करेला एक हरी सब्जी है और यह स्क्वैश परिवार का सदस्य है। करेले का वैज्ञानिक नाम मोमोर्डिका चरैन्टिया (Momordica Charantia) है। इसे अंग्रेजी में बिटर मेलन और बिटर गॉर्ड के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा, इसे बंगाली में कॉरोला, कन्नड़ में हगालाकायी और हिंदी में करेला कहा जाता है। यह अफ्रीका, कैरिबियन, भारत और मध्य पूर्वी देशों में बहुत लोकप्रिय है। भले ही यह खाने में कड़वा हो, लेकिन यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है (1)। स्वास्थ्य के लिए यह किस प्रकार लाभदायक है, यह जानकारी नीचे दी गई है।

अब जानते हैं यह कड़वी सब्जी स्वास्थ्य के लिए किस प्रकार लाभदायक हो सकती है।

करेले के फायदे – Karela Benefits in Hindi

नीचे जानिए स्वास्थ्य के लिए करेला खाने के फायदे।

1. मधुमेह के लिए करेला खाने के फायदे

मधुमेह से बचाव के लिए करेले का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, एनसीबीआई (NCBI – National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध में करेले के एंटीडायबिटिक गुण साबित होते हैं। अध्ययन में यह बात भी सामने आई कि करेला हाइपोग्लाइसेमिक (Hypoglycemic – ब्लड शुगर को कम करना) प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है (2)।

वहीं जानवरों पर किए गए एक शोध में भी करेले के हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव का असर देखा गया है (3)। इंसानों पर इसका प्रभाव कितना कारगर होगा, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है। मधुमेह के घरेलू उपाय के तौर पर इसका सेवन संतुलित मात्रा में डॉक्टरी परामर्श पर किया जा सकता है।

2. वजन घटाने के लिए करेला के फायदे

वजन घटाने के घरेलू उपाय के तौर पर भी करेला एक कारगर भूमिका निभा सकता है। दरअसल, एक वैज्ञानिक शोध में बढ़ते वजन के लिए करेले के फायदे देखे गए हैं। अध्ययन के निष्कर्ष में पाया गया कि उच्च वसा का सेवन करने वाले चूहों में करेले का एंटीओबेसिटी (मोटापा कम करने वाला गुण) प्रभाव पाया गया, जिससे बढ़ते वजन में रुकावट देखी गई। इसके साथ ही लिपिड मेटाबोलिज्म में बढ़ोतरी पायी गई (4)। फिलहाल, मनुष्यों पर इसके प्रभाव के लिए अभी और शोध की आवश्यकता है।

3. कैंसर से बचाव के लिए करेला के औषधीय गुण

करेले के औषधीय गुणों की बात की जाए तो यह कैंसर के जोखिम को भी कम करने में मदद कर सकता है। करेले से जुड़े अध्ययन में यह बात सामने आई है कि करेले में कैंसर के जोखिम को कम करने के गुण मौजूद होते है। शोध में आयुर्वेद की बात भी कही गई है। आयुर्वेद के अनुसार करेले का उपयोग कैंसर जैसी बीमारी के उपचार में भी किया जा सकता है।

शोध में कहा गया कि करेला का उपयोग कैंसर कोशिकाओं के निर्माण में बाधा डालने का काम कर कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है। यह प्रोस्टेट कैंसर और पेट के कैंसर से बचाव में मदद कर सकता है (5)। हालांकि, पाठक इस बात का ध्यान रखें कि कैंसर एक गंभीर बीमारी है, इसलिए सिर्फ करेले का सेवन इस बीमारी को ठीक करने में असमर्थ है। बेहतर है कि कैंसर के लिए व्यक्ति डॉक्टरी इलाज को पहली प्राथमिकता दें और डॉक्टर की सलाह के बाद ही करेले का सेवन करें।

4. लिवर के लिए करेला खाने के फायदे

करेला लिवर के लिए लाभकारी हो सकता है। दरअसल, चूहों पर किए गए एक शोध में इसके हेपेटोप्रोटेक्टिव (Hepatoprotective – लिवर को सुरक्षित रखने का गुण) प्रभाव के बारे में पता चला है। साथ ही फैटी लिवर जैसी बीमारी में भी इसके लाभ देखे जा सकते हैं। फैटी लिवर वह समस्या होती है, जिसमें लिवर में फैट जमा होने लगता है। देखा गया है कि अत्यधिक शराब का सेवन भी इस समस्या का कारण बन सकता है (6)। यहां करेले के फायदे देखे जा सकते हैं। नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी के एक शोध के अनुसार, करेले का अर्क ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को कम करके अल्कोहलिक फैटी लिवर की बीमारी पर सकारात्मक प्रभाव दिखा सकता है (7) एक अन्य शोध के मुताबिक करेला, फैटी लिवर की बीमारी बढ़ने के दौरान फैट के जमाव को रोकने में मदद कर सकता है (8)।

5. कोलेस्ट्रॉल के लिए करेले के फायदे

कोलेस्ट्रॉल हृदय संबंधी रोग और दिल के दौरे का जोखिम बढ़ सकता है (9)। ऐसे में उन खाद्य पदार्थों का सेवन जरूरी हो जाता है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित या कम करने में मदद कर सकें। यहां करेला लाभाकारी साबित हो सकता है। इस विषय पर आधारित एक शोध के अनुसार, कोलेस्ट्रॉल युक्त आहार का सेवन करने वाले चूहों को करेले के अर्क का सप्लीमेंट दिया गया। इससे उनके कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड (Triglycerides- रक्त में मौजूद एक प्रकार का फैट) में कमी पाई गई। इस अध्ययन से यह माना जाता है कि हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (hypercholesterolemia- बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल की स्थिति) के लिए खाद्य उत्पादों में करेले के अर्क को सप्लीमेंट की तरह दिया जा सकता है। फिलहाल, मनुष्यों पर इसके प्रभाव के लिए और शोध किए जाने की आवश्यकता है (10)।

6. कब्ज और बवासीर के लिए करेला के फायदे

करेला कब्ज और बवासीर जैसी परेशानी में भी लाभकारी हो सकता है। दरअसल, करेले में भोजन पचाने के गुण पाए जाते हैं, जो मल त्याग को आसान बनाने में मदद कर सकता है। साथ ही यह बवासीर पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ सकता है। बवासीर के मरीजों पर किए गए एक शोध में देखा गया कि करेले के पत्तों का अर्क मल त्याग को आसान बनाकर कब्ज से निजात दिलाने में मदद कर सकता है। बवासीर का एक कारण कब्ज भी है, इसलिए यह कहा जा सकता है कि करेले का जूस कब्ज के साथ-साथ बवासीर में भी मददगार साबित हो सकता है। कब्ज और बवासीर के लिए करेले के पत्तों का जूस डॉक्टरी परामर्श पर लिया जा सकता है (11) (12)। फिलहाल, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

7. आंखों के लिए करेले के फायदे

करेला आंखों के लिए भी लाभकारी हो सकता है। दरअसल, यह बात कर्नाटक के मुदिगेरे  कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर (College of Horticulture) के एक रिसर्च में सामने आई है। शोध में कहा गया कि इसमें मौजूद बीटा कैरोटीन आंखों की बीमारियों के जोखिम से बचाव कर सकता है। इतना ही नहीं यह आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी मदद कर सकता है (13)।

8. सूजन के लिए करेला के फायदे

करेले में एंटी-इन्फ्लामेटरी गुण भी मौजूद होते हैं। ऐसे में इसका सेवन सूजन के जोखिम से बचाव करने में मददगार साबित हो सकता है (14)। यह सूजन के कारण होने वाली समस्याओं में कितना लाभकारी हो सकता है, इस पर और शोध की आवश्यकता है।

9. त्वचा के लिए करेले के फायदे

सिर्फ सेहत के लिए ही नहीं, बल्कि त्वचा के लिए भी करेला लाभकारी हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित खरगोशों पर किए गए एक शोध के अनुसार, करेले का अर्क युक्त स्किन क्रीम घावों के लिए असरदार साबित हो सकती है। अध्ययन में जिन खरगोशों पर इस क्रीम का इस्तेमाल किया गया, उनके घावों में तेजी से सुधार होता देखा गया (15)। यह शोध जानवरों पर किया गया है, मनुष्य पर इसके प्रभाव के लिए अभी और अध्ययन की आवश्यकता है।

करेले के फायदे जानने के बाद आगे जानिए इसमें कौन-कौन से पोषक तत्व मौजूद होते हैं।

करेले का पौष्टिक तत्व – Bitter Gourd Nutritional Value in Hindi

नीचे हम करेले में मौजूद पौष्टिक तत्वों की एक सूची साझा कर रहे हैं (16)।

पोषक तत्व प्रति 100 ग्राम
पानी 94.03 ग्राम
एनर्जी 17 केसीएल
प्रोटीन 1 ग्राम
टोटल लिपिड (फैट) 0.17 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट 3.7 ग्राम
फाइबर, टोटल डाइटरी 2.8 ग्राम
कैल्शियम 19 मिलीग्राम
आयरन 0.43 मिलीग्राम
मैग्नीशियम 17 मिलीग्राम
फास्फोरस 31 मिलीग्राम
पोटेशियम 296 मिलीग्राम
सोडियम 5 मिलीग्राम
जिंक 0.8 मिलीग्राम
कॉपर 0.034 मिलीग्राम
मैंगनीज 0.089 मिलीग्राम
सेलेनियम 0.2 माइक्रोग्राम
विटामिन सी 84 मिलीग्राम
थियामिन 0.04 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन 0.04 मिलीग्राम
नियासिन 0.4 मिलीग्राम
पैंटोथैनिक एसिड 0.212 मिलीग्राम
विटामिन बी-6 0.043 मिलीग्राम
फोलेट, टोटल 72 माइक्रोग्राम
विटामिन ए, आरएई 24 माइक्रोग्राम
कैरोटीन, बीटा 190 माइक्रोग्राम
कैरोटीन, अल्फा 185 माइक्रोग्राम
विटामिन ए, आईयू 471 आईयू
लुटिन + जियाजैंथिन 170 माइक्रोग्राम

लेख के इस भाग में हम करेले के उपयोग करने के कुछ आसान तरीके बता रहे हैं –

करेले का उपयोग – How to Use Bitter Gourd in Hindi

  • नीचे जानिए करेले के उपयोग के आसान तरीके।
  • करेले की सब्जी बनाई जा सकती है।
  • करेले का अचार बनाया जा सकता है।
  •  करेले का जूस पी सकते हैं।
  • करेले का रस बालों में लगाया जा सकता है।

करेला के फायदे कई हैं, लेकिन इसका उपयोग अगर जरूरत से ज्यादा किया जाए तो इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए, नीचे हम करेले के कुछ नुकसानों की जानकारी दे रहे हैं।

करेले के नुकसान – Side Effects of Bitter Gourd in Hindi

करेले के फायदे के साथ-साथ करेले के नुकसान भी कई हैं, जिन्हें नीचे बताया गया है – (17) (18) (19)।

  • गर्भावस्था में करेले का सेवन न करें। करेले में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जो गर्भपात का कारण बन सकते हैं। हालांकि, यह परिणाम जानवरों पर शोध के दौरान निकल कर आया है और इंसानों पर इसके प्रभाव जानने के लिए अभी और शोध की आवश्यकता है। बेहतर है कि प्रेगनेंसी में करेला खाने के नुकसान से बचने के लिए इसका सेवन न करें।
  • सिर्फ गर्भावस्था में ही नहीं, बल्कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी करेले के सेवन से बचना चाहिए। दरअसल, करेले में कुछ विषाक्त तत्व भी मौजूद होते हैं, जो स्तनपान कराने वाली मां से उनके शिशु में जा सकते हैं।
  • जो मधुमेह के रोगी डायबिटीज की दवा का सेवन कर रहे हैं, वे करेले का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। करेला ब्लड शुगर की मात्रा को कम कर सकता है। ऐसे में डायबिटीज की दवा के साथ करेले का सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
  • कुछ व्यक्तियों को करेले का सेवन दस्त, पेट में ऐंठन और सिरदर्द का कारण बन सकता है।

करेला खाने के फायदे पढ़ने के बाद कई लोग इसकी कड़वाहट भूलकर इसे अपने आहार में शामिल करना चाह रहे होंगे। पाठक इस बात का ध्यान रखें कि भले ही करेला के औषधीय गुण कई हैं, पर यह सिर्फ स्वास्थ्य समस्याओं के लक्षण और उनके जोखिम से बचाव कर सकता है। अगर कोई गंभीर बीमारी से जूझ रहा है, तो उसके लिए डॉक्टरी इलाज ही पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके साथ ही करेले से संबंधित अधिकांश अध्ययन जानवरों पर किए गए हैं। ऐसे में बेहतर है कि व्यक्ति करेला का उपयोग संतुलित मात्रा में या डॉक्टर की सलाह अनुसार करें। इसके अलावा, अगर आपके पास करेला के फायदे से जुड़े कोई सवाल या सुझाव हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स के जरिए हमारे साथ जरूर साझा करें।

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