सिंहपर्णी एक औषधीय पौधा है, जिसका जिक्र अक्सर इसके गुणकारी फूलों के लिए किया जाता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख के जरिए हम सिंहपर्णी से संबंधित जरूरी जानकारियां देने की कोशिश कर रहे हैं। इनमें शामिल हैं – सिंहपर्णी के फायदे, इसका उपयोग और साथ ही सिंहपर्णी के नुकसान। इस लेख में कुछ खास बीमारियों के लिए सिंहपर्णी के फायदे बताए गए हैं। सिंहपर्णी के गुण बीमारी के जोखिम या उसके असर को कम कर सकते हैं। वहीं, अगर बीमारी गंभीर हो, तो डॉक्टर से उपचार करना जरूरी है।
लेख की शुरुआत करते हैं डैंडेलियन के बारे में कुछ सामान्य, लेकिन खास जानकारी के साथ।
विषय सूची
सिंहपर्णी क्या है?
सिंहपर्णी एक प्रकार का पौधा है, जिसका फूल पीले रंग का होता है। इसका वैज्ञानिक नाम टराक्सेकम ऑफिसिनल (Taraxacum Officinale) है। अंग्रेजी में इसे डैंडेलियन (Dandelion) और लायंस टूथ (Lion’s Tooth) के नाम से जाना जाता है। यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। यही वजह है कि लंबे समय से इसे पारंपरिक चिकित्सा में उपयोग किया जाता रहा है। माना जाता है सिंहपर्णी का उपयोग शरीर की विभिन्न बीमारियों के उपचार में एक सहायक भूमिका निभा सकता है, जिसके बारे में आगे लेख में बताया गया है।
आइए, जानते हैं कि सिंहपर्णी के फायदे किस प्रकार आपकी मदद कर सकते हैं।
सिंहपर्णी के फायदे – Benefits of Singhparni (Dandelion) in Hindi
नीचे विस्तार से जानिए सिंहपर्णी के फायदे।
1. सूजन के लिए सिंहपर्णी के फायदे
सिंहपर्णी के फायदे की बात करें, तो इसमें सूजन कम करने के गुण मौजूद होते हैं। सूजन के वजह से शरीर में कई तरह की परेशानियां जैसे – गठिया, डायबिटीज, एलर्जी और दिल की बीमारी हो सकती है (1)। ऐसे में सिंहपर्णी मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-एंजियोजेनिक (Anti-Angiogenic) यानि ट्यूमर रोकने, एंटीनोसिसेप्टिव (Antinociceptive) यानी दर्द कम करने के भी गुण मौजूद होते हैं (2) (3)।
इसके अलावा, इसमें पॉलीसैक्राइड (Polysaccharides) होते हैं। पॉलीसैक्राइड एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट होता है। इसमें भी एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। इस कारण सूजन की समस्या से राहत मिल सकती है (4)। सिंहपर्णी के यही गुण शरीर में सूजन की समस्या से बचाव या उन्हें कम कर सकते हैं। हालांकि, यह कितना कारगर हो सकता है, इस बारे में अभी और शोध की जरूरत है। साथ ही आप इससे राहत पाने के लिए डॉक्टरी इलाज करा सकते हैं।
2. कैंसर से बचाव के लिए सिंहपर्णी के फायदे
सिंहपर्णी का उपयोग पेट के कैंसर (कोलोरेक्टल- Colorectal Cancer) से बचाव कर सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की ओर से प्रकाशित एक मेडिलक रिसर्च में भी इसकी पुष्टि की गई है। इसके अलावा, एक अन्य शोध इसमें मौजूद एंटी-कैंसर गुण की बात करता है (3)। एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित एक दूसरे शोध में यह भी पाया गया है कि सिंहपर्णी का अर्क कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने में उपयोगी हो सकता है। यह परीक्षण चूहों पर किया गया है (5)। इतना ही नहीं यह लिवर और अन्य प्रकार के कैंसर से भी बचाव कर सकता है। हालांकि, इसके लिए अभी और शोध की आवश्यकता है (6) (7)।
3. मधुमेह के लिए सिंहपर्णी के गुण
सिंहपर्णी मधुमेह के रोगियों के लिए भी लाभकारी हो सकती है। दरअसल, सिंहपर्णी में एंटी डायबिटिक गुण मौजूद होता है, जो टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, सिंहपर्णी में एंटी-हाइपोग्लाइसेमिक, एंटी-ऑक्सीडेटिव और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण सिंहपर्णी को एक प्रमुख एंटी-डायबिटिक पौधा माना गया है। ऐसा सिंहपर्णी में मौजूद विभिन्न बायोएक्टिव घटकों जैसे – पॉलीफेनोलिक (Polyphenolics), सेस्क्वाटरपेनस (Sesquiterpenes), ट्राइटरपेनस (Triterpenes) और फाइटोस्टेरॉल्स (Phytosterols) गुणों के कारण होता है (8)।
इसके अलावा, सिंहपर्णी के एंटीडायबिटिक गुण मधुमेह के जोखिम से बचाव के साथ-साथ मधुमेह के मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार करने में भी मदद कर सकते हैं (3) (9)। हालांकि, इसके लिए अभी और सटीक शोध की आवश्यकता है।
4. हृदय के लिए सिंहपर्णी के फायदे
हृदय को स्वस्थ रखने के लिए भी सिंहपर्णी का उपयोग किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध से इस बात का पता चला है कि सिंहपर्णी की जड़ और पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट और हाइपोलिपिडेमिक (फैट को कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। इसमें मौजूद गुण एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) से जुड़े ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से सुरक्षा कर सकते हैं (10)। बता दें कि एथेरोस्क्लेरोसिस धमनियों (Arteries) से जुड़ी समस्या है, जिसमें धमनियों के अंदर प्लॉक जमने लगता है। धमनियों में जमने वाला प्लॉक आगे चलकर हार्ट अटैक और स्ट्रोक की वजह बन सकता है (11)।
नोट – ऊपर बताया गया शोध जानवरों (खरगोश) पर किया गया है। इसलिए, हृदय के लिए इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।
5. वजन कम करने के लिए सिंहपर्णी के फायदे
मोटापे से बचाव के लिए सिंहपर्णी का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। जैसा कि हमने ऊपर आपको बताया कि सिंहपर्णी की जड़ और पत्तों में हाइपोलिपिडेमिक (फैट कम करने वाला) गुण पाया जाता है। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि शरीर का फैट कम करने में सिंहपर्णी एक अहम भूमिका निभा सकती है। इसके साथ ही इसमें क्लोरोजेनिक नामक एसिड (Chlorogenic acid) भी पाया जाता है, जो मोटापे को कम करने में सहायक हो सकता है (3)। वजन कम करने के लिए सिंहपर्णी की चाय का भी सेवन किया जा सकता है (12)।
6. हड्डियों के लिए सिंहपर्णी के फायदे
बढ़ती उम्र के साथ हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। ऐसे में जरूरी है कि शुरू से ही हड्डियों के लिए जरूरी पोषक तत्वों को आहार में शामिल किया जाए। यहां सिंहपर्णी का उपयोग लाभकारी हो सकता है। दरअसल, सिंहपर्णी में कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है और यह सभी जानते हैं कि हड्डियों के लिए कैल्शियम कितना जरूरी है। हड्डियों के निर्माण से लेकर, उन्हें मजबूत बनाए रखने और ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) जैसे हड्डी रोग से बचाए रखने के लिए कैल्शियम सबसे जरूरी पोषक तत्व माना जाता है (13) (14)।
इसके अलावा, सिंहपर्णी में मौजूद टेरेक्सास्टेरॉल नामक तत्व (Taraxasterol) में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण रूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) से राहत दिला सकता है (15)। हालांकि, सिंहपर्णी किस हद तक हड्डियों के लिए लाभकारी हो सकता है, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
7. लिवर के लिए सिंहपर्णी के फायदे
सिंहपर्णी का उपयोग लिवर को स्वस्थ रखने के लिए भी किया जा सकता है। दरअसल, सिंहपर्णी में हेपाटोप्रोटेक्टिव (Hepatoprotective) प्रभाव पाया जाता है, जो लिवर को स्वस्थ रखने और इससे जुड़ी बीमारियों से बचाव कर सकता है (3)।
8. रोग-प्रतिरोधक क्षमता के लिए सिंहपर्णी के फायदे
सिंहपर्णी रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार कर सकता है। यह ब्रोंकाइटिस, निमोनिया और श्वास संबंधी संक्रमण से बचाव के लिए मददगार हो सकता है (3), लेकिन यह कैसे फायदेमंद है, इसके लिए अभी शोध की आवश्यकता है। सर्दी-जुकाम में भी घरेलू उपाय के तौर पर इसका उपयोग किया जा सकता है। साथ ही ध्यान रहे कि परेशानी अगर ज्यादा हो तो घरेलू उपाय के भरोसे न रहकर डॉक्टर से जरूर करवाएं।
9. खून की कमी के लिए सिंहपर्णी के फायदे
अगर किसी व्यक्ति को एनीमिया यानी खून की कमी की समस्या हो, तो वो सिंहपर्णी का उपयोग कर सकता है (3)। दरअसल, इसमें आयरन मौजूद होता है और आयरन की कमी एनीमिया के मुख्य कारणों में से एक है (13) (16) (17)। ऐसे में आयरन युक्त सिंहपर्णी का सेवन लाभकारी हो सकता है।
10. कोलेस्ट्रॉल के लिए सिंहपर्णी के फायदे
शरीर में अगर कोलेस्ट्रॉल ज्यादा हो जाए, तो व्यक्ति को कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं (18)। ऐसे में कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए सिंहपर्णी का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में कोलेस्ट्रॉल कम करने में सिंहपर्णी के फायदे देखे गए।
इस शोध में सबसे पहले खरगोशों को हाई कोलेस्ट्रॉल डाइट दी गई। फिर साथ ही उन्हें सिंहपर्णी का भी सेवन कराया गया। इसके सेवन से उनमें एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (HDL Cholesterol-अच्छे कोलेस्ट्रॉल) की वृद्धि हुई। इतना ही नहीं उनके एलडीएल (LDL Cholesterol-हानिकारक कोलेस्ट्रॉल) के स्तर में कमी भी देखी गई। ऐसे में शोधकर्ताओं का अनुमान है कि सिंहपर्णी का हायपोलिपिडेमिक प्रभाव (Hypolipidemic) कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोक सकता है। जिस कारण धमनी की बीमारी (Coronary Artery Disease) का जोखिम भी कम हो सकता है (19)। साथ ही ध्यान रहे कि यह शोध जानवरों पर किया गया है, इसलिए यह मनुष्यों पर कितना कारगर साबित होगा इसके लिए अभी सटीक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
11. उच्च रक्तचाप के लिए सिंहपर्णी के फायदे
सिंहपर्णी का उपयोग रक्तचाप के स्तर को कम करके हृदय स्वास्थ्य को भी बढ़ावा दे सकता है। दरअसल, इसमें पोटैशियम मौजूद होता है (13)। एनसीबीआई के एक अध्ययन के अनुसार, नियमित आहार में पोटैशियम को शामिल करने से रक्तचाप का स्तर कम होने में मदद मिल सकती है। साथ ही ध्यान रहे कि सिर्फ पोटैशियम के कारण ही यह संभव नहीं है। व्यक्ति को बेहतर प्रभाव के लिए आहार में सोडियम (नमक) की मात्रा को भी कम करना होगा (20)। हां, अगर किसी को लो ब्लड प्रेशर की शिकायत है, तो वो इसका सेवन डॉक्टर से पूछकर ही करें।
12. त्वचा के लिए सिंहपर्णी के फायदे
सिंहपर्णी के फायदे सिर्फ स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि त्वचा के लिए भी है। खासतौर पर, सिंहपर्णी के पत्ते और फूल सूर्य की हानिकारक किरणों से त्वचा का बचाव कर सकते हैं (21)। इतना ही नहीं वर्षों से इसका उपयोग एक्जिमा जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए भी किया जाता रहा है (22)। हालांकि, इसके उपयोग से पहले एक बार पैच टेस्ट जरूर करें। इसके अलावा, अगर किसी व्यक्ति की त्वचा संबंधी परेशानी ज्यादा है, तो वो इसके उपयोग से पहले एक बार डॉक्टर से भी परामर्श जरूर कर ले।
आगे जानिए सिंहपर्णी में कौन से ऐसे पौष्टिक तत्व मौजूद हैं, जो इसे इतना लाभकारी बनाते हैं।
सिंहपर्णी के पौष्टिक तत्व – Singhparni Nutritional Value in Hindi
नीचे हम सिंहपर्णी में मौजूद पौष्टिक तत्वों की सूची शेयर कर रहे हैं (13)।
पौष्टिक तत्व | प्रति 100 ग्राम |
---|---|
पानी | 85.6 ग्राम |
एनर्जी | 45 केसीएएल |
प्रोटीन | 2.7 ग्राम |
टोटल लिपिड (फैट) | 0.7 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट, बाय डिफरेंस | 9.2 ग्राम |
फाइबर, टोटल डायटरी | 3.5 ग्राम |
शुगर | 0.71 ग्राम |
कैल्शियम | 187 मिलीग्राम |
आयरन | 3.1 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 36 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 66 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 397 मिलीग्राम |
सोडियम | 76 मिलीग्राम |
जिंक | 0.41 मिलीग्राम |
कॉपर | 0.171मिलीग्राम |
मैंगनीज | 0.342 मिलीग्राम |
सेलेनियम | 0.5 माइक्रोग्राम |
विटामिन सी, टोटल एस्कॉर्बिक एसिड | 35 मिलीग्राम |
थियामिन | 0.19 मिलीग्राम |
राइबोफ्लेविन | 0.26 मिलीग्राम |
नियासिन | 0.806 मिलीग्राम |
पैंटोथेनिक एसिड | 0.084 मिलीग्राम |
विटामिन बी-6 | 0.251 मिलीग्राम |
फोलेट, टोटल | 27 माइक्रोग्राम |
कोलिन, टोटल | 35.3 मिलीग्राम |
विटामिन ए, आरएई | 508 माइक्रोग्राम |
विटामिन ए, आईयू | 10161 आईयू |
लुटिन + जियाजैंथिन | 13610 माइक्रोग्राम |
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरोल) | 3.44 मिलीग्राम |
विटामिन के (फिलोक्विनोन) | 778.4 माइक्रोग्राम |
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड | 0.17 ग्राम |
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड | 0.014 ग्राम |
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड | 0.306 ग्राम |
लेख के आगे के भाग में जानिये सिंहपर्णी का उपयोग करने के विभिन्न तरीके, जिससे सिंहपर्णी के गुण शरीर को ज्यादा से ज्यादा मिल सके।
सिंहपर्णी का उपयोग – How to Use Singhparni (Dandelion) in Hindi
नीचे हम सिंहपर्णी के उपयोग के कुछ तरीकों की जानकारी साझा कर रहे हैं।
- इसे उपयोग करने का सबसे आसान तरीका है, इसे वेजिटेबल सलाद के साथ खाना। इसके लिए सब्जियों की सलाद में सिंहपर्णी की पत्तियां मिलाकर सेवन करें।
- सिंहपर्णी की चाय का भी सेवन किया जा सकता है। इसके टी बैग बाजार या ऑनलाइन आसानी से उपलब्ध हैं।
- सिंहपर्णी को उबालने से इसकी कड़वाहट काफी हद तक कम हो सकती है। इसे उबालने के बाद इसे प्याज और लहसुन या सब्जियों के साथ पकाकर खा सकते हैं।
- सिंहपर्णी के सप्लीमेंट का भी सेवन किया जा सकता है, लेकिन इसके पहले किसी विशेषज्ञ से इस बारे में सलाह लें।
मात्रा – अगर बात करें अगर मात्रा की, तो यह व्यक्ति के उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। इसलिए, इसके सेवन से पहले किसी डॉक्टर या विशेषज्ञ से जानकारी जरूर लें।
आगे जानिए सिंहपर्णी के नुकसान के बारे में।
सिंहपर्णी से नुकसान – Side Effects of Singhparni (Dandelion) in Hindi
सिंहपर्णी के फायदे के साथ-साथ इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए, सिंहपर्णी का उपयोग अगर ज्यादा किया जाए तो नीचे बताए जा रहे नुकसान हो सकते हैं –
- अगर किसी व्यक्ति का शरीर संवेदनशील है, तो उसे इसके सेवन से एलर्जी हो सकती है। फिलहाल, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है, लेकिन अगर किसी व्यक्ति को फूड एलर्जी है, तो बेहतर है कि इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही किया जाए।
- अगर किसी व्यक्ति को किडनी की समस्या है, तो वो इसका सेवन न करें। इसके अधिक सेवन से किडनी की समस्या हो सकती है (23)। फिलहाल, इस संबंध में और शोध की आवश्यकता है।
सिंहपर्णी के फायदे जानने के बाद कई लोग इसका उपयोग करना चाहेंगे, लेकिन ध्यान रहे कि सिंहपर्णी का उपयोग सिर्फ शारीरिक समस्या के प्रभाव को कम कर सकते हैं। यह किसी भी बीमारी का सटीक उपचार नहीं है। अगर बीमारी गंभीर है, तो घरेलू उपाय के भरोसे न रहकर डॉक्टरी इलाज कराने में ही भलाई है। इसके अलावा, अगर आपके पास सिंहपर्णी से संबंधित कोई सवाल है, तो उसे नीचे दिए कमेंट बॉक्स में लिखकर हम तक जरूर पहुंचाएं।
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