दैनिक जीवन में योग को अपनाकर कई स्वास्थ्य फायदे देखे जा सकते हैं। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम ऐसी ही एक योग मुद्रा का जिक्र करने जा रहे हैं। इस योग मुद्रा का नाम कुर्मासन है। कुर्मासन योग स्वास्थ्य की कई समस्याओं और जोखिम से बचाने में मदद कर सकता है। इस लेख में आपको कुर्मासन करने के फायदे और कुर्मासन करने का तरीका बताया जाएगा। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि कुर्मासन करने के साथ-साथ पोषक आहार का सेवन करना भी जरूरी है, तभी योग का सही फायदा मिल सकेगा।
कुर्मासन के लाभ जानने से पहले यह जान लेना बहुत जरूरी है कि कुर्मासन क्या है?
कुर्मासन क्या है? – What is Kurmasana (Tortoise Pose) in Hindi
यह योगासन की विभिन्न मुद्राओं में से ही एक है। इस योग मुद्रा को जमीन पर बैठकर किया जाता है। इसे टोरटोइस पोज (Tortoise Pose) के नाम से भी जाना जाता है। इस अवस्था में शरीर, रीढ़ की हड्डी से मुड़ता है और सिर के साथ घुटने की तरफ होता है। इसका नाम संस्कृत के कुर्मा से आया है, जिसका अर्थ “कछुआ” है और आसन, जिसका अर्थ “बैठना” है। आपका हाथ 180 डिग्री से होते हुए, जांघों के नीचे जाता है। इस योग मुद्रा को करने के दौरान कई सावधानियों पर ध्यान देना भी जरूरी है। इस योगासन के बारे में आपको आगे विस्तार से बताया जाएगा दी जाएगी।
आइए, लेख के इस भाग में जानते हैं कि कुर्मासन करने के फायदे क्या हो सकते हैं।
कुर्मासन करने के फायदे – Benefits of Kurmasana (Tortoise Pose) in Hindi
कुर्मासन के लाभ नीचे बताई जा रही स्वास्थ्य समस्याओं में मिल सकते हैं।
1. पाचन स्वास्थ्य में
पाचन स्वास्थ्य से जुड़ी हुई समस्या के लिए भी योग का सहारा लिया जा सकता है। एक वैज्ञानिक रिसर्च के मुताबिक कुर्मासन योग के जरिए पाचन स्वास्थ्य को ठीक करने में मदद मिल सकती है (1)। इस योगासन को करने से पेट की विभिन्न कोशिकाओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है। अगर किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या के कारण आपका पाचन स्वास्थ्य खराब है, तो इस स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
2. श्वसन प्रक्रिया में
कुर्मासन योग के जरिए श्वसन प्रक्रिया में भी लाभ मिल सकता है। श्वसन प्रणाली में समस्या से प्रभावित कुछ लोगों पर किए अध्ययन में पाया गया कि योगासन के जरिए श्वसन प्रक्रिया को बेहतर किया जा सकता है। इस अध्ययन में विभिन्न प्रकार के योगासन कराए गए थे, जिसमें कुर्मासन भी शामिल था। इस आधार पर कहा जा सकता है कि श्वसन प्रणाली के लिए कुर्मासन फायदेमंद है (2)। यह योगासन करते हुए फेफड़े और छाती को फर्श से स्पर्श किया जाता है, जिससे इन पर दबाव पड़ता है। साथ ही मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होता है और उनमें लचीलापन आता है, जिस कारण सांस लेने की प्रक्रिया सही तरह से काम करती है। ध्यान रहे कि इस योगासन को किसी ट्रेनर की देखरेख में ही करें।
3. अनिद्रा की समस्या में
अनिद्रा की समस्या से परेशान लोगों के लिए भी कुर्मासन के फायदे लाभदायक हो सकते हैं। दरअसल, कुर्मासन योगासन को हठयोग का हिस्सा माना गया है (3)। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की ओर से प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हठयोग की मुद्राओं को करने से अच्छी नींद आने में सुधार होता है (4)।
4. तनाव को कम करने में
काम के बोझ के चलते या अनावश्यक कारणों के चलते व्यक्ति मानसिक तनाव से घिर सकता है। वहीं, प्रतिदिन योग मुद्रा के जरिए मानसिक तनाव को कम किया जा सकता है (5)। योग पर जारी किए किए गए एक वैज्ञानिक रिसर्च में कुर्मासन योग को भी शामिल किया गया है। इस रिसर्च में पाया गया कि योगासन करने से मानसिक तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, कुर्मासन योग सीधे रूप किस प्रकार तनाव को कम कर सकता है, इस पर अभी और शोध किया जा रहा है।
5. नर्वस सिस्टम को आराम देने के लिए
नर्वस सिस्टम के अच्छे तरह से कार्य करने के लिए लिए भी कुर्मासन के लाभ देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक मेडिलक रिसर्च में भी कहा गया है कि विभिन्न योगासनों के जरिए नर्वस सिस्टम को आराम पहुंचाया जा सकता है। इससे नर्वस सिस्टम को बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिल सकती है (6)। फिलहाल, इस विषय पर पर्याप्त वैज्ञानिक अध्ययन का आभाव है। इसलिए, ऐसी स्थिति होने पर आप डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं।
6. अस्थमा की स्थिति में
अस्थमा की स्थिति में कुर्मासन योग के लाभ मिल सकते हैं। यह बीमारी श्वसन प्रक्रिया से जुड़ी हुई है (7)। वहीं, ऊपर विस्तार से बताया गया है कि कैसे कुर्मासन योग के जरिए श्वसन प्रणाली को बेहतर किया जा सकता है (2)। इससे अस्थमा से होने वाले जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। फिलहाल, अस्थमा के संबंध में इस योगासन पर और वैज्ञानिक अध्ययन जारी है। साथ ही अस्थमा की गंभीर स्थिति में मेडिकल ट्रीटमेंट सबसे जरूरी है।
7. कब्ज की समस्या को दूर करने में
कब्ज की समस्या से परेशान लोगों के लिए भी कुर्मासन के लाभ देखे जा सकते हैं। जैसा कि ऊपर भी बताया गया है कि कुर्मासन करने से पाचन तंत्र में सुधार होता है (1)। इससे कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद मिल सकती है। कुर्मासन करने से पेट की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है, जिसके कारण वो सक्रिय रूप से कार्य करने में सक्षम हो सकती हैं, जिसका प्रभाव कब्ज की समस्या को दूर करने में किया जा सकता है। कब्ज की स्थिति ज्यादा समय तक बनी रहे, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए।
नोट – इन सभी स्वास्थ्य समस्याओं में कुर्मासन के फायदे तभी मिल सकते हैं, जब इसे प्रशिक्षित योग ट्रेनर की देखरेख में किया जाए। साथ संतुलित आहार का सेवन किया जाए।
कुर्मासन के लाभ जानने के बाद आइए, अब इस योगासन को करने का तरीका भी सीख लेते हैं।
कुर्मासन करने का तरीका – Steps to do Kurmasana (Tortoise Pose) in Hindi
कुर्मासन करने की विधि जानना बेहद आवश्यक है। कुर्मासन को इस प्रकार किया जा सकता है।
- सबसे पहले किसी समतल जगह पर योग मैट बिछा लें।
- अब इस पर आप बैठ जाएं।
- अपने शरीर को केंद्र मानकर दोनों पैरों को 45 डिग्री के कोण पर फैलाने की कोशिश करें।
- अब अपने दोनों हाथों को घुटनों के नीचे (जांघों के पास से) लेकर सीधा फैला दें।
- अब सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने का प्रयास करें।
- अब जमीन पर अपना माथा लगाने का प्रयास करें।
- फिर कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहते हुए सामान्य गति से सांस लेते रहें।
- फिर गहरी सांस लेते हुए प्रारंभिक अवस्था में आएं।
- यह आपका एक चक्र पूरा होगा।
- आप इस चक्र को 3 से 5 चक्र कर सकते हैं।
पहली बार यह योगासन कर रहे लोगों के लिए नीचे दी जा रही टिप्स काम आ सकती हैं।
शुरुआती लोगों के लिए कुर्मासन करने के लिए टिप्स – Beginner’s Tip to do Kurmasana (Tortoise Pose) in Hindi
कुर्मासन योग के लिए इन टिप्स को आप अपना सकते हैं।
- पहली बार यह योगासन कर रहे लोगों को इसे करने से पहले इसकी प्रक्रिया को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए।
- योग प्रक्रिया को अच्छी तरह करने के लिए इसकी बारीकी को समझने का प्रयास करें।
- संभव हो सके तो योग शिक्षक के पास जाएं।
- अपनी रीढ़ को लचीला बनाने के लिए व्यायाम करें।
- इस योगमुद्रा को करते समय ज्यादा कसे हुए कपड़े न पहनें।
लेख के इस भाग में कुर्मासन योग से जुड़ी कुछ सावधानियों के बारे में बताया जा रहा है।
कुर्मासन योग के लिए कुछ सावधानियां – Precautions for Kurmasana (Tortoise Pose) In Hindi
कुर्मासन योग करने के दौरान निम्न सावधानियों पर खास ध्यान देने की आवश्यकता है।
- रीढ़ से जुड़ी कोई समस्या जैसे दर्द या कोई बीमारी होने पर डॉक्टर की सलाह के बिना इस योग को करने से बचें।
- अगर घुटने में कोई समस्या है या दर्द है, तो इस स्थिति में इस योग को करने से बचें।
- मासिक धर्म के दौरान महिलाएं, इस योग को नजरअंदाज कर सकती हैं।
- कमर दर्द की समस्या होने पर इस योग को करने से कमर दर्द बढ़ सकता है।
- कंधे आदि में दर्द होने पर दर्द ठीक होने तक इसका अभ्यास करनेन से बचें।
- कोशिश करें कि योग शिक्षक से अच्छी तरह योग प्रक्रिया सीखने के बाद ही इस योग को करना शुरू करें।
इस लेख में आपने जाना कि कैसे कुर्मासन योग कितनी स्वास्थ्य समस्याओं में काम आ सकता है। हालांकि, दी गई स्वास्थ्य समस्याओं की स्थिति ज्यादा गंभीर हो, तो पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। योग करने के फायदे से जुड़े अन्य लेख को भी आप हमारी वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं। अगर आप इस विशेष योगासन के बारे में अन्य कुछ जानना चाहते हैं, तो अपने सवाल नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के जरिए हम तक पहुंचा सकते हैं। हम जल्द से जल्द वैज्ञानिक प्रमाण सहित जवाब देने का प्रयास करेंगे।
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