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Tuesday, September 24, 2019

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए योगासन – Yoga Asanas For Healthy Heart in Hindi

मनुष्य के लिए योग किसी अमुल्य उपहार से कम नहीं। बिना किसी दुष्प्रभाव के शरीर को स्वस्थ रखने का सबसे कारगर तरीका योग है, बशर्ते इसे ठीक से किया जाए। हृदय को रोग से मुक्त रखने के लिए योग आपकी मदद कर सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में आपको बताया जा रहा है कि कैसे हृदय रोग के लिए योग फायदेमंद साबित हो सकता है। साथ ही आपको स्वस्थ हृदय के लिए योग आसन करने के तरीके भी बताए जाएंगे।

 आइए, सबसे पहले जानते हैं कि हृदय के लिए योग कैसे लाभदायक है? 

ह्रदय को स्वस्थ रखने में कैसे लाभदायक है योग? – How Does Yoga Help with Heart in Hindi

स्वस्थ हृदय के लिए योग किया जाता है, लेकिन आप सोच रहे होंगे कि योग हृदय के लिए कैसे लाभदायक होता होगा? दरअसल, योग एक अभ्यास है जो शरीर, सांस और दिमाग को एक साथ जोड़ता है, जिससे हृदय गति में भी सुधार होता है (1)। इसके अतिरिक्त योग करने से स्ट्रेस कम होता है और उच्च रक्तचाप को कम करने में भी मदद मिलती है, जो हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद कर सकते हैं (2)

ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए योगासन – Yoga Asanas For Healthy Heart in Hindi

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए निम्नलिखित योगासन करना फायदेमंद हो सकता है।

1. ताड़ासन (Tadasana)

Tadasana

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कैसे है लाभदायक:

ताड़ासन के जरिए हृदय को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है। दरअसल, ताड़ासन हृदय गति में सुधार और ब्लड प्रेशर में संतुलन रखने के साथ-साथ हार्ट फेल्योर के मरीजों में सकारात्मक सुधार कर सकता है (3)

कैसे करें :
  • सबसे पहले योग मैट को समतल जगह पर बिछा लें।
  • अब अपने दोनों पैरों की एड़ियों को मिलाकर सीधे खड़े हो जाएं।
  • फिर दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाते हुए ऊपर उठाएं।
  • अब सांस अंदर लेते हुए शरीर का भार पंजों पर डालते हुए शरीर को ऊपर की ओर खींचने की कोशिश करें।
  • कुछ सेकंड इसी अवस्था में रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  • अब सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक अवस्था में आएं और थोड़ी देर शरीर को आराम करने दें।
  • अब फिर से इस प्रक्रिया को दोहराएं।
  • आप इस आसन को करीब 5-10 मिनट तक कर सकते हैं। 
सावधानियां:

अगर आपके पैरों में किसी तरह का खिंचाव है या कंधों में किसी प्रकार का दर्द है, तो इस स्थिति में यह योगासन करने से बचें।

2. वृक्षासन (Vrikshasana)

Vrikshasana

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कैसे है लाभदायक:

वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह देखा गया कि वृक्षासन योग मुद्रा करने से हृदय गति और सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (Systolic Blood Pressure)  में प्रभावी सुधार हो सकता है (4)

कैसे करें :
  • सबसे पहले योग मैट को समतल जगह पर बिछा लें।
  • अब अपने दोनों पैरों को आपस में जोड़कर सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं।
  • अब शरीर का संतुलन बनाते हुए हाथों की मदद से बायां तलवा, दाईं जांघ पर रख दें।
  • अब अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाते हुए नमस्कार की मुद्रा में आ जाएं।
  • शरीर का संतुलन बने रहने तक थोड़ी देर इसी मुद्रा में रहें।
  • फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आएं और थोड़ी देर शरीर को आराम दें।
  • इसके बाद यही प्रक्रिया दूसरी तरफ से भी करें।
  • इस आसन को तीन से चार बार किया जा सकता है। 
सावधानियां:
  • आपको माइग्रेन या अनिद्रा की समस्या है तो यह आसन न करेंI हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में भी इस आसन को करने से बचें, क्योंकि हाथों को ऊपर रखने के दौरान ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।

3. वीरभद्रासन (Virabhadrasana)

Virabhadrasana

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कैसे है लाभदायक:

वीरभद्रासन की मुद्रा को योद्धा की मुद्रा भी कहा जाता है। इसमें पैरों के बीच जगह बनाते हुए जमीन पर खड़े रहकर योग किया जाता है। वीरभद्रासन योग मुद्रा के फायदे भी हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकते हैं। दरअसल, वीरभद्रासन ब्लड प्रेशर के स्तर को सुधारने के साथ-साथ हृदय से जुड़े हुए कई जोखिम कारकों में भी लाभदायक परिणाम दिखा सकता है (5)

कैसे करें :
  • किसी समतल जगह का चयन करने के बाद योग मैट बिछा लें।
  • अब पैरों को लगभग 3-4 फीट की दूरी पर फैला कर खड़े हो जाएं।
  • हाथों को शरीर से ऊपर ले जाएं और उन्हें आपस में जोड़ लें।
  • इसके बाद दाहिने पैर को 90 डिग्री तक घुमाएं।
  • फिर शरीर को दाएं तरफ घुमाएं और गहरी सांस लेते हुए दाएं घुटने को मोड़ें।
  • दाहिना घुटना और टखना एक ही सीध में होने चाहिए।
  • थोड़ी देर इसी मुद्रा में रहें और वापस प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
  • शरीर को कुछ सेंकड आराम देने के बाद दूसरी तरफ से भी यह प्रक्रिया करें।
  • आसन की यह प्रक्रिया चार से पांच बार की जा सकती है।
सावधानियां:
  • अगर आप रीढ़ और कमर दर्द से जुड़ी किसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो इस आसन को करने से पहले किसी योग प्रशिक्षक से सलाह लें।

4. उत्कटासन (Utkatasana)

Utkatasana

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कैसे है लाभदायक:

हृदय स्वास्थ्य के लिए उत्कटासन योग के भी फायदे देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह देखा गया है कि उत्कटासन योग करने से अच्छे कोलेस्ट्रॉल में बढ़ोत्तरी हो सकती है। इसके अलावा, यह सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (Systolic Blood Pressure) और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर (Diastolic Blood Pressure) को भी प्रभावी रूप से सुधार कर हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है (6)

कैसे करें :
  • किसी समतल जगह पर योग मैट बिछाएं।
  • अब दोनों पैरों के बीच में लगभग 1 फीट की जगह बना लें।
  • फिर अपने हाथों को कंधे के समांतर आगे की ओर सीधा कर दें।
  • इसके बाद धीरे-धीरे अपने घुटनों के सहारे नीचे आएं और ध्यान रहे कि एड़ियां जमीन से जुड़ी रहें।
  • अब घुटनों के सहारे कुर्सी के आकार में आकर उसी स्थिति में रुकने की कोशिश करें।
  • इस अवस्था में रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
  • कुछ सेकंड इसी अवस्था में रहने के बाद सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
  • इस योग मुद्रा को चार से पांच बार किया जा सकता है।
सावधानियां:

कमर के निचले हिस्से में दर्द, घुटनों में चोट और एड़ियों में मोच होने के साथ-साथ मासिक धर्म होने की स्थिति में भी इस योग मुद्रा को करने से बचना चाहिए।

5. भुजंगासन (Bhujangasana)

Bhujangasana

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कैसे है लाभदायक:

भुजंगासन को कोब्रा पोज भी कहा जा सकता है। दरअसल, भुजंगासन आपके हृदय को मजबूत करता है। साथ ही रीढ़ को लचीला व मजबूत बनाता है और पीठ दर्द से भी राहत दिलाता है (8)

कैसे करें :
  • सबसे पहले योग मैट को समतल स्थान पर बिछाएं।
  • अब पेट के बल योग मैट पर लेट जाएं।
  • पैरों को एक साथ जोड़कर रखें।
  • अब हथेलियों को कंधे की पास जमीन से सटाकर रखें।
  • अब गहरी सांस लेते हुए शरीर के आगे के भाग को नाभी तक ऊपर उठाएं।
  • कुछ सेकंड इसी अवस्था में रहें और सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक अवस्था में आएं।
  • थोड़ा विश्राम करें और फिर इस प्रक्रिया को दोहराएं।
  • इस योग आसन को करीब चार से पांच बार किया जा सकता है।
सावधानियां:
  • रीढ़ की बीमारी से ग्रसित लोग, गर्भवती महिलाएं और वो लोग जिनका हाल ही में पेट का ऑपरेशन हुआ है, इस योगासन को करने से बचें।
  • शरीर को केवल उतना ही उठाएं जितना आसानी से उठ सके, ज्यादा ताकत लगाने पर मांसपेशियों में दर्द या खिंचाव भी हो सकता है।

6. पादहस्तासन (Padahastasana)

Padahastasana

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कैसे है लाभदायक:

हृदय रोग के लिए योग में इस योगासन के भी फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, पादहस्तासन योग इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है (9)। एक मजबूत इम्यून सिस्टम हृदय को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है (10)।  इसके अलावा, यह याददाश्त में सुधार करता है और सिरदर्द में भी आराम पहुंचा सकता है (8)

कैसे करें :
  • योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।
  • अपने दोनों पैरों को आपस में मिलाकर रखें और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
  • अब सांस लेते हुए हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं।
  • फिर सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और दोनों हाथों को भी धीरे-धीरे नीचे लाते हुए पैरों के अंगूठे को छूने की कोशिश करें।
  • ध्यान रहे कि इस दौरान आपके घुटने मुड़ने नहीं चाहिए।
  • जब आपकी कमर में खिंचाव महसूस हो, तो धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
  • थोड़ी देर विश्राम करने के बाद फिर से इस प्रक्रिया को दोहराएं।
  • पादहस्तासन योग लगभग चार से पांच बार किया जा सकता है।
सावधानियां:
  • अगर आपको पेट दर्द और रीढ़ से जुड़ी कोई बीमारी है, तो इस योग को करने से पहले किसी चिकित्सक की जरूर सलाह लें।
  • गर्भावस्था में महिलाओं को इस योगासन से बचना चाहिए।

अभी आपने पढ़ा कि स्वस्थ हृदय के लिए योग किस प्रकार फायदेमंद साबित हो सकता है। साथ ही आपने जाना कि स्वस्थ हृदय के लिए योग आसन किस प्रकार किए जा सकते हैं। अगर आप भी अपने हृदय को बीमारियों से बचाए रखना चाहते हैं, तो किसी योग प्रशिक्षक की देखरेख में बताए गए योगासन कर सकते हैं। हार्ट के लिए योग करते समय बताई गई सावधानियों का ध्यान भी अवश्य रखें। हृदय रोग के लिए योग से संबंधित अन्य जानकारी के लिए आप नीचे दिए कॉमेंट बॉक्स की मदद से अपने सवाल हम तक पहुंचा सकते हैं।

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