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Thursday, August 8, 2019

विटामिन डी युक्त खाद्य सामग्री और उनके फायदे – Vitamin D Rich Foods in Hindi

मेडिकल साइंस और चिकित्सा विशेषज्ञों ने गंभीर से गंभीर बीमारियों का तोड़ निकाल लिया है, लेकिन कई बीमारियां ऐसी हैं, जिन्हें हम जाने-अनजाने में बुलावा दे देते हैं। कारण है, अनियमित दिनचर्या और असंतुलित आहार। दरअसल, बदलते माहौल के कारण हम भोजन में मौजूद पोषक तत्वों को अहमियत न देकर पेट भरने पर अधिक ध्यान देते हैं, जो आगे चलकर हमारे लिए बड़ी चूक साबित होती है। नतीजतन, शरीर में कई पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। यही कमी हमें कई घातक बीमारियों के चंगुल में फंसाने का काम करती है। इन्हीं पोषक तत्वों में से एक है विटामिन डी, जो न केवल हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है, बल्कि अन्य कई बीमारियों के जोखिमों को कम करने में भी सहायक होता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम विटामिन डी फूड्स और उससे संबंधित ऐसे ही कई रोचक तथ्यों को आपके साथ साझा करेंगे।

फायदों और उपयोगिताओं से पहले यह जानना जरूरी होगा कि हम जान लें कि विटामिन डी हमारे लिए इतना जरूरी क्यों है।

विटामिन डी क्या है और आपके शरीर में इसकी भूमिका क्या है?

विटामिन डी ऐसा तत्व है, जो शरीर में कैल्शियम को अवशोषित (absorption) करने में मदद करता है। कैल्शियम हड्डियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी माना गया है। इसलिए, विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियों से संबंधित विकार (ऑस्टियोपोरोसिस और रिकेट्स आदि) आपको घेर सकते हैं। साथ ही यह आपकी तंत्रिका, मांसपेशियों और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का भी काम करता है। शरीर में इसकी उपयुक्त मात्रा आपको बेहतर और स्वस्थ जीवन प्रदान करने में मददगार हो सकती है (1)

नोट- सामान्य रूप से एक स्वस्थ्य मनुष्य को प्रतिदिन 400 से 800 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन डी की जरूरत होती है (2)

भूमिका और उपयोगिता को जानने के बाद हम बात करेंगे विटामिन डी वाले आहार की, जिनके माध्यम से इसकी कमी को पूरा किया जा सकता है।

विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ – Vitamin D Rich Foods in Hindi

1. सूर्य की रोशनी

1. सूर्य की रोशनी

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विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए सूर्य की रोशनी को एक बेहतर विकल्प माना गया है। कहा जाता है कि सूर्य की रोशनी में समय बिताने मात्र से ही विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा को हासिल किया जा सकता है (3)। बता दें, यह तभी संभव है, जब सूर्य की रोशनी सीधे आपके अंगों पर पड़ें।

वहीं, इससे अलग धूप के संपर्क में अधिक देर तक रहने के आपको दुष्परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं। कारण यह है कि सूरज की रोशनी में शामिल अल्ट्रावायलेट किरणें  शरीर पर जलन, खुजली और अन्य त्वचा संबंधी विकार पैदा कर सकती हैं (4)। इसलिए, विटामिन डी वाले आहार को अपनी खाद्य सामग्री में शामिल कर इस कमी को पूरा किया जा सकता है।

नोट- माना जाता है कि सुबह के समय की धूप विटामिन डी के सेवन के लिए सबसे बेहतर मानी जाती है।

2. अंडे का सेवन 

अंडे में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और फास्फोरस के साथ-साथ विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन ई, विटामिन के और विटामिन डी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। ये आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं। इस कारण विटामिन डी वाले आहार में अंडे को शामिल किया जा सकता है। इसके सेवन से आपमें विटामिन डी के साथ-साथ अन्य पोषक तत्वों की कमी भी पूरी होती है (5)

मात्रा- 100 ग्राम अंडे में करीब 82 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन डी होता है (5)

3. मछली में विटामिन डी

3. मछली में विटामिन डी

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  •  सैल्मन मछली- सैल्मन मछली की बात की जाए, तो विटामिन डी की कमी पूरा करने का यह एक बेहतर विकल्प है। बशर्ते आपको नॉनवेज आहार लेने में कोई परहेज न हो तो। विशेषज्ञों की मानें, तो इस मछली में इतनी प्रचुर मात्रा में विटामिन डी पाया जाता है कि आपको इसके सेवन के बाद किसी और चीज की जरूरत नहीं पड़ेगी (6)

मात्रा- 100 ग्राम सैल्मन मछली में करीब 245 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन डी-3 मौजूद होता है (6)

  • मैकेरल मछली- सैल्मन मछली की तरह ही मैकरेल मछली भी शरीर में विटामिन डी की जरूरत को पूरा करने में सक्षम है। बताया जाता है कि सैल्मन मछली की तुलना में इसका प्रभाव अधिक बेहतर है। इसे विटामिन डी के एक अच्छे स्रोत के रूप में गिना जाता है (7) 

मात्रा- सामान्य तौर पर 100 ग्राम मैकरेल में 352 से 644 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन डी पाया जा सकता है (7)

  • हेरिंग (हिल्सा) मछली- वहीं विटामिन डी वाले आहार में हेरिंग फिश के इस्तेमाल की बात की जाए, तो विटामिन डी के स्रोत के रूप में इसका इस्तेमाल काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, शरीर के बेहतर संचालन के लिए जरूरी माना जाने वाला यह विटामिन इसमें काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है।

 मात्रा- 100 ग्राम हेरिंग मछली में विटामिन डी करीब 228 से 616 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) तक पाया जाता है (7)

  • कैटफिश- अब बात करते हैं कैटफिश की। इसे भी विटामिन डी की कमी को पूरा करने का एक बेहतर विकल्प माना जाता है। कारण है, इसमें पाए जाने वाले इस विटामिन की प्रचुर मात्रा। इसका उपयोग अकेले ही आपके शरीर में जरूरी विटामिन डी की मात्रा को पूरा करने में सक्षम है (8)

मात्रा- 85 ग्राम कैटफिश (वाइल्ड) में करीब 425 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) तक विटामिन डी पाया जाता है (8)

  • कार्प फिश- कार्प फिश का उपयोग करने से शरीर में विटामिन डी के कारण होने वाली समस्याओं से निजात पाई जा सकती है। बताया जाता है कि इसमें विटामिन डी काफी अधिक मात्रा में उपस्थित होता है। इसी कारण यह इसका नियमित इस्तेमाल शरीर में इस खास विटामिन को कम नहीं होने देता (9)

मात्रा- 100 ग्राम कार्प फिश में विटामिन डी करीब 988 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) तक पाया जा सकता है।

  • कैन्ड ट्यूना मछली- मछली की यह प्रजाति भी शरीर में विटामिन डी की जरूरी मात्रा को पूरा करने में कारगर साबित हो सकती है। कारण यह है कि ऊपर दी गई अन्य मछलियों की तरह यह भी इस खास विटामिन से भरपूर होती है। इसलिए विटामिन डी वाले आहार के रूप में इसका नियमित इस्तेमाल इसकी कमी से होने वाले जोखिमों को दूर रखने में मददगार साबित हो सकता है (7) 

मात्रा- 100 ग्राम कैन्ड ट्यूना मछली में विटामिन डी करीब 268 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) तक मौजूद रहता है (7)

4. दूध

4. दूध

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आप शाकाहारी हैं और इस बात से परेशान हैं कि विटामिन डी की कमी को कैसे पूरा करें, तो परेशान होने की जरा भी जरूरत नहीं है। बता दें, दूध एक ऐसा आहार है, जिसे कई पोषक तत्वों का भंडार कहा जा सकता है। कारण यह है कि इसमें कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम व फास्फोरस के साथ-साथ विटामिन ए, बी, डी, ई और के प्रचुर मात्रा में मौजूद रहते हैं। वहीं, इसमें विटामिन डी की मौजूदगी के कारण यह इससे संबंधित जोखिमों को दूर करने में भी सहायक साबित होता है (10)। इसलिए, इसे विटामिन विटामिन डी फूड्स के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

मात्रा- एक गिलास दूध (लगभग 226 ml) में करीब 115 से 124 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) तक विटामिन डी पाया जाता है (8)

5. संतरे का जूस 

अधिकतर लोगों को इस बात की जानकारी होगी कि संतरे के जूस में कैल्शियम, आयरन, जिंक, मैग्नीशियम और फास्फोरस के साथ विटामिन ए, बी, सी, ई पाया जाता है (11)। इसके अलावा, इसमें विटामिन डी भी प्रचुर मात्रा पाया जाता है। इस कारण विटामिन डी वाले फल के रूप में संतरे का इस्तेमाल इससे संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है (8)

 मात्रा- एक गिलास (लगभग 226 ml) संतरे के जूस में करीब 100 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन डी मौजूद रहता है (8)

6. मशरूम 

विटामिन डी फूड्स में मशरूम को भी शामिल किया जाता है। अन्य की तरह इसमें अधिक मात्रा में तो विटामिन डी नहीं पाया जाता, लेकिन कहीं न कहीं इसका इस्तेमाल इस समस्या से संबंधित जोखिमों से बचाव करने में सहायक जरूर साबित हो सकता है। खासकर, उन लोगों के लिए जिन्हें नॉनवेज आहार से परहेज है (8)

मात्रा- बता दें कि एक कप मशरूम में करीब 41 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन डी पाया जाता है (8)

7. कॉड लिवर ऑयल

7. कॉड लिवर ऑयल

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कॉड लिवर ऑयल को कॉड मछली के लिवर से तैयार किया जाता है। बताया जाता है कि इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिनका इस्तेमाल कई गंभीर बीमारियों के उपचार में किया जाता है। इसके अलग यह विटामिन डी का एक अच्छा स्रोत भी माना जाता है। इसके नियमित इस्तेमाल से शरीर में विटामिन डी की पूर्ति होती है (7)

मात्रा- 100 ग्राम कॉड लिवर ऑयल में करीब 210 से 250 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन डी उपस्थित होता है(7)

8. अनाज 

नॉनवेज खाने वालों के लिए तो विटामिन डी हासिल करने के कई विकल्प हैं, लेकिन शुद्ध शाकाहारी लोगों के लिए विटामिन डी फूड्स की मात्रा काफी सीमित है। ऐसे में वे इस कमी को पूरा करने के लिए सीरल्स को उपयोग में ला सकते हैं। बता दें बाजार में आजकल अलग-अलग अनाज (जैसे:- गेंहू, मक्का, बाजरा) उपलब्ध हैं। इसलिए विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए अगर आप इसका चयन करते हैं, तो एक बार इसके पैकेट पर सामग्री के बारे में दी गई जानकारी को अच्छी तरह जांच लें। देख लें कि आप जिस अनाज का चुनाव कर रहे हैं, उसमें विटामिन डी की मात्रा कितनी है (8)

 मात्रा- सामान्य तौर पर सीरल्स में 50 से 100 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) तक विटामिन डी उपलब्ध होता है। इसलिए बेहतर यही होगा कि आप 100 आईयू वाले सीरल्स का ही चयन करें (8)

9. सोया प्रोडक्ट्स 

विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए सोया प्रोडक्ट्स (जैसे:- टोफू, सोया मिल्क और सोया योगर्ट) का इस्तेमाल करना भी बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। माना जाता है कि इनमें प्रोटीन की प्रचुर मात्रा पाई जाता है। इस कारण इनमें विटामिन डी भी मौजूद रहता है (12)। शाकाहारी लोग इन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर विटामिन डी की कमी को पूरा सकते हैं।

 विटामिन डी की मात्रा- सोया प्रोडक्ट्स में करीब 80 से 200 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) तक विटामिन डी मौजूद हो सकता है। यह मात्रा अलग-अलग प्रोडक्ट्स के हिसाब से परिवर्तित हो सकती है (8)

10. ऑयस्टर 

विटामिन डी के बेहतर विकल्प के तौर पर ऑयस्टर का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। कारण यह है कि इसमें कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम और सोडियम के साथ विटामिन डी भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है (13), (14)। इसलिए, इसे विटामिन डी फूड्स के तौर पर इस्तेमाल करना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।

मात्रा-  माना जाता है कि ऑयस्टर की दो सामान्य सर्विंग्स में करीब 250 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) तक विटामिन डी हासिल हो जाता है (14)

11. दही

11. दही

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जैसा कि आपको लेख में पहले बताया जा चुका है कि दूध में विटामिन डी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। वहीं, दूध से बनने वाले दही में भी इसकी मात्रा का पाया जाना लाजमी है। खास यह है कि दूध के मुकाबले दही इस खास विटामिन की कमी को पूरा करने की अधिक क्षमता रखता है (8)। इस कारण इसे विटामिन डी के स्रोत के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है। 

मात्रा- सामान्य तौर पर करीब 170 ग्राम दही में 80 से 200 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) तक विटामिन डी पाया जा सकता है (8)

12. मक्खन 

मक्खन में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और सोडियम के साथ विटामिन ए, बी, ई व के पाया जाता है (15)। वहीं, एक अन्य शोध के माध्यम से इस बात की भी पुष्टि होती है कि इसमें विटामिन डी की भी अच्छी मात्रा है (7)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि मक्खन के इस्तेमाल से भी शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है।

 मात्रा- 100 ग्राम मक्खन में करीब 60 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन डी पाया जाता है (7)

13. बीफ लिवर

विटामिन ए, बी, सी, के व ई के साथ बीफ लिवर में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और फास्फोरस की प्रचुर मात्रा पाई जाती है (16)। इसके अलावा, इसमें विटामिन डी भी पाया जाता है (7)। इस कारण ऐसा माना जा सकता है कि बीफ लिवर का उपयोग करने वालों में जरूरी पोषक तत्वों के साथ विटामिन डी की भी पूर्ती हो जाती है। इसलिए, इसे विटामिन डी के स्रोत के रूप में गिना जाता है।

मात्रा- 100 ग्राम बीफ लिवर में करीब 48 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन डी उपलब्ध होता है (7)

14. रिकोटा चीज 

विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए रिकोटा चीज़ का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम और जिंक के साथ-साथ विटामिन ए, बी, के, ई व डी भी पाया जाता है (17)। इस कारण इसका इस्तेमाल विटामिन डी की कमी से होने वाले जोखिमों को काफी हद तक कम कर सकता है।

मात्रा- 100 ग्राम रिकोटा चीज़ के सेवन से करीब 10 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) तक विटामिन डी की पूर्ति की जा सकती है (17)

15. सलामी 

सलामी मांस को सुखाकर प्रयोग किया जाता है, जिसमें खासकर पोर्क मीट का इस्तेमाल होता है। इसमें कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस के साथ-साथ विटामिन ए, बी, ई व डी पाया जाता है (18)। इसलिए, विटामिन डी के स्रोत के तौर पर इसे इस्तेमाल में लाया जा सकता है।

 मात्रा- 100 ग्राम सलामी में विटामिन डी करीब 36 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) तक उपलब्ध रहता है।

16. झींगा

16. झींगा

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विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए आप सी-फूड में गिनी जाने वाली झींगा मछली को भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें कैल्शियम, आयरन, सोडियम के साथ विटामिन ए और डी की भी प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इस कारण ऐसा कहा जा सकता है कि झींगा का सेवन विटामिन डी की कमी से होने वाली समस्याओं को दूर करने में कारगर साबित हो सकता है (19),(20)

मात्रा-  100 ग्राम झींगा में करीब 150 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन डी की मात्रा पाई जाती है।

17. मार्गरीन 

विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए आप मार्गरीन को भी उपयोग में ला सकते हैं। कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम और फास्फोरस के साथ इसमें विटामिन ए, बी, सी, ई, के और डी पाया जाता है। खास बात यह है कि यह एक प्रकार का कृत्रिम (Artificial) रूप से तैयार किया जाने वाला मक्खन है। इसलिए, इसमें विटामिन डी काफी अधिक मात्रा में पाया जाता है। इस कारण यह इस विटामिन की कमी को पूरा करने का एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है (21)

मात्रा- बता दें 100 ग्राम मार्गरीन में करीब 429 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन डी पाया जाता है (21)

18. सॉर क्रीम 

नाश्ते में स्नैक्स को एक अलग स्वाद देने के लिए आप सॉर क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस के साथ विटामिन ए, बी, सी और डी भी पाया जाता है। जिस कारण इसे विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है (22)

 मात्र- 100 ग्राम सॉर क्रीम में करीब 10 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन डी उपलब्ध होता है (22)

19. सप्लीमेंट्स 

सप्लीमेंट्स की बात की जाए, तो बाजार में विटामिन डी के कई टैबलेट और कैप्सूल मौजूद हैं, जो दावा करते हैं कि उनका उपयोग शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकता है। बता दें कि सप्लीमेंट के रूप में विटामिन डी-3 का सबसे ज्यादा सेवन किया जाता है। यह बाजार में उपलब्ध सप्लीमेंट्स में कॉलेकैल्सिफेरॉल (cholecalciferol), अल्फेकैल्सिडोल (alfacalcidiol) और कैल्सीट्रियोल (calcitriol) के रूप उपलब्ध होता है। आप कोई भी सप्लीमेंट इस्तेमाल करने से पहले एक बार अपने चिकित्सक की सलाह जरूर लें, क्योंकि इसके सेवन के कुछ दुष्परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं (23)

मात्रा- सप्लीमेंट्स में विटामिन डी-3 की मात्रा की बात करें, तो टैबलेट में यह 51.1 प्रतिशत और कैप्सूल में 35.2 प्रतिशत तक मौजूद रहता है (23)

विटामिन डी की कमी को कैसे पूरा करें, इस बारे में जानने के बाद अब हम विटामिन डी की कमी का कारण जानने की कोशिश करेंगे।

शरीर में विटामिन डी की कमी होने के कारण – Causes of Vitamin D Deficiency in Hindi

आइए विटामिन डी की कमी का कारण जानने के लिए हम नीचे दिए गए बिन्दुओं पर गौर करते हैं (24)

  • पर्याप्त धूप का न मिल पाना विटामिन डी की कमी का मुख्य कारण हो सकता है।
  • शुद्ध शाकाहार पर निर्भर रहना भी विटामिन डी की कमी का कारण हो सकता है।
  • डार्क स्किन का होना भी बड़ी वजह हो सकता है। माना जाता है कि डार्क स्किन होने के कारण सूर्य के प्रकाश से विटामिन डी ठीक से अवशोषित(absorbed) नहीं हो पाता या देर से होता है।
  • लिवर या किडनी के सही से काम न करने की वजह से भी शरीर में इसकी कमी हो सकती है।
  • हो सकता है कि किसी विशेष दवा के सेवन के कारण शरीर विटामिन डी को एक्टिव न कर पा रहा हो।

आगे लेख में हम विटामिन डी की कमी को कैसे पहचाना जाए, इसके बारे में बात करेंगे।

 विटामिन डी की कमी के लक्षण – Symptoms of Vitamin D Deficiency in Hindi

विटामिन डी की कमी होने पर आपको कुछ इस प्रकार के लक्षण दिख सकते हैं (25)

  • हड्डियों में अक्सर दर्द उठाना या लगातार बने रहना।
  • म्याल्गियास (जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द) का होना।
  • जरूरत से अधिक कमजोरी या थकान का महसूस होना। 

आपको विटामिन डी की कितनी आवश्यकता है?

प्रतिदिन विटामिन डी की आवश्यकता की बात करें तो यह उम्र के साथ अलग-अलग हो सकती है (8)

  • जन्म से लेकर 12 महीने तक के बच्चों को करीब 400 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन डी की आवश्यकता होती है।
  • एक साल से 71 साल की उम्र के बीच करीब 600 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) तक विटामिन डी चाहिए होता है।
  • 71 साल की उम्र को पार करने के बाद शरीर को करीब 800 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन डी की जरूरत होती है।

आगे लेख में हम विटामिन डी की कमी से होने वाली बीमारियां क्या हैं, इसके बारे में जानेंगे।

शरीर में विटामिन डी की कमी से होने वाली बीमारियां

विटामिन डी की कमी से होने वाली बीमारियां कुछ इस प्रकार हैं (24)

  • विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, जिसके कारण ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डी का कमजोर और लचीला होना) का खतरा बढ़ जाता है।
  • बच्चों में इसकी कमी के कारण रिकेट्स (हड्डियों का नरम होना) जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा रहता है। वहीं, वयस्कों में इसकी कमी से ऑस्टियोमलेशिया (हड्डियों का नरम होना) होने का जोखिम बना रहता है।
  • कई मामलों में इसकी कमी बीपी, शुगर व कैंसर के साथ-साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता पर भी असर डालती है।

विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है, यह जानने के बाद हम बात करते हैं इसकी अधिक मात्रा से होने वाले नुकसान के बारे में।

जरूरत से ज्यादा विटामिन डी लेने से नुकसान

जैसा कि सभी जानते हैं कि किसी भी चीज की अति हमेशा बुरे ही परिणाम लेकर आती है। कुछ ऐसा ही विटामिन डी के साथ भी है (24)

  • अधिक मात्रा में इसका सेवन विटामिन डी टॉक्सीसिटी के नाम से जाना जाता है। इसके कारण मतली, उल्टी, अनियमित भूख, कब्ज, कमजोरी और वजन का घटना जैसे दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
  • इसका अधिक सेवन किडनी से संबंधित कई समस्याओं को बुलावा दे सकता है।
  • इसका सीमा से अधिक सेवन खून में कैल्शियम के स्तर को बढ़ा सकता है, जिसके कारण हाइपरलकसीमिया (भ्रम, भटकाव और ह्रदय की धड़कन के साथ समस्याएं) होने का जोखिम बढ़ जाता है।

अब तो आप विटामिन डी की अहमियत के बारे में अच्छे से जान ही गए होंगे। साथ ही आपको यह भी पता चल गया होगा कि इसकी कमी के कारण किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लेख में आपको विटामिन डी की कमी को पूरा करने वाले खाद्य पदार्थों के बारे में विस्तार से समझाया गया है। साथ ही लेख के माध्यम से इसकी कमी के चलते दिखाई देने वाले लक्षणों के बारे में भी पूरी जानकारी दी जा चुकी है। ऐसे में अगर आप या आपके परिवार का कोई सदस्य इस समस्या से जूझ रहा है, तो लेख में दी गई जानकारियां आपके बड़े काम आने वाली हैं। इस विषय में किसी अन्य प्रकार के सुझाव और सवालों के लिए आप हमसे नीचे दिए कमेंट बॉक्स के माध्यम से जुड़ सकते हैं।

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