कुछ लोगों को चलते-चलते या अचानक खड़े होने पर सिर का चक्कर आने लगता है और अपना शारीरिक संतुलन बनाए रखने में समस्या होती है। ऐसे में लगता है, जैसे आस-पास की सारी चीजें घूम रही हैं। अगर आप भी ऐसा महसूस कर रहे हैं, तो आपको वर्टिगो के लक्षण हो सकते हैं (1)। वर्टिगो के कुछ गंभीर मामलों में व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है, लेकिन ऐसा हर बार नहीं होता (2)। यहां हम स्पष्ट कर दें कि ऊंचाई के डर को वर्टिगो नहीं कहते। इसे एक्रोफोबिया कहा जाता है और वह वर्टिगो से बहुत अलग होता है।
स्टाइलक्रेज के लेख में हम इसी मुद्दे पर चर्चा करेंगे। साथ ही हम न सिर्फ आपको वर्टिगो के कारण और लक्षणों के बारे में बताएंगे, बल्कि वर्टिगो के घरेलू उपचार के बारे में भी पूरी जानकारी देंगे।
आइए अब जानते हैं कि वर्टिगो के कारण क्या हैं।
वर्टिगो के कारण – What Causes Vertigo in Hindi
वर्टिगो के कारण की बात करें, तो यह वेस्टिबुलर सिस्टम (कान का आंतरिक हिस्सा, जो शरीर के संतुलन को नियंत्रित करता है) से जुड़ी समस्या की वजह से होता है। इसे पेरिफेरल वर्टिगो (Peripheral vertigo) कहा जाता है। ऐसे में, व्यक्ति को अपना संतुलन बनाने में परेशानी होती है (1)।
पेरिफेरल वर्टिगो के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
- बेनाइन पैरॉक्सिज्मल पोजिशनल वर्टिगो (Benign Paroxysmal Positional Vertigo – BPPV): इस दौरान कैल्शियम के छोटे-छोटे कण कान के आतंरिक हिस्से में इकट्ठा हो जाते हैं, जिससे कान से दिमाग को भेजे जाने वाले संदेश प्रभावित होते है और संतुलन बनाए रखने में समस्या होती है (3)।
- सिर पर चोट
- वेस्टिबुलर तंत्रिका की सूजन
- भीतरी कान की सूजन और जलन
- मेनिएरे रोग (कान के भीतरी हिस्से से जुड़ा विकार)
- वेस्टिब्युलर तंत्रिका पर दबाव
एक अन्य प्रकार का वर्टिगो होता है, जिसे सेंट्रल वर्टिगो कहा जाता है। यह दिमाग के निचले या पिछले हिस्से (सेरिबैलम) में समस्या से होता है। इसके कारण पेरिफेरल वर्टिगो से कुछ अलग हो सकते हैं, जैसे (1):
- रक्त रोग
- कुछ दवाएं, जैसे एंटीकॉनवल्सेन्ट्स, एस्पिरिन का दुष्प्रभाव
- शराब का सेवन
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस (Multiple sclerosis)
- स्ट्रोक
- ट्यूमर (कैंसर या गैर-कैंसर)
- माइग्रेन
आइये अब वर्टिगो के लक्षण के बारे में जानते हैं।
वर्टिगो के लक्षण – Symptoms of Vertigo in Hindi
सिर घूमना और सिर का चक्कर आना वर्टिगो के आम लक्षण है। इसके अलावा भी कुछ लक्षण हैं, जिनसे आप वर्टिगो का पता लगा सकते हैं (1) (4)।
- ठीक से सुनाई न देना
- टिनीटस – किसी एक कान में सीटी जैसी आवाज आना
- भोजन निगलने में समस्या
- धुंधला दिखना
- मोशन सिकनेस
- सिर दर्द
- आंखों को नियंत्रित करने में समस्या
- चेहरे का पैरालिसिस
- बोलने में परेशानी या हकलाना
- थकावट लगना
- जी मिचलाना
लेख के अगले भाग में हम वर्टिगो के घरेलू इलाज के बारे में जानेंगे।
वर्टिगो के घरेलू इलाज – Home Remedies To Cure Vertigo in Hindi
नीचे दिए गए घरेलू नुस्खों की मदद से आपको सिर घूमना से आराम मिल सकता है।
1. एसेंशियल ऑयल
क) वर्टिगो के लिए पेपरमिंट ऑयल
सामग्री:
- दो-तीन बूंद पेपरमिंट ऑयल
- एक चम्मच बादाम का तेल
विधि:
- दोनों तेलों को मिला लें।
- अब इसे अपने माथे पर और गर्दन के पीछे लगाएं।
कैसे काम करता है:
शोध के अनुसार, पेपरमिंट तेल से वर्टिगो के लक्षण, जैसे सिर दर्द से आराम मिल सकता है (5)।
ख) अदरक का तेल
सामग्री:
अदरक का तेल
विधि:
अदरक के तेल की एक-दो बूंदों को अपनी गर्दन, कानों के पीछे और तलवों पर लगाएं।
कैसे काम करता है:
वैज्ञानिक शोध के अनुसार, अदरक का तेल तनाव और सिर चकराना से राहत दिलाता है। साथ ही यह वर्टिगो के लक्षण जैसे, उल्टी आना और सिर दर्द से भी आराम दिलाता है (6)।
ग) ग्रेपफ्रूट ऑइल
सामग्री:
- दो से तीन बूंद ग्रेपफ्रूट ऑयल
- डीफ्युजर
विधि:
ग्रेपफ्रूट ऑयल को डीफ्युजर में डाल कर कमरे के किसी कोने में रख दें।
कैसे काम करता है:
इसकी खुशबू से मन को शांत करने का काम कर सकती है। इसके अलावा, यह वर्टिगो के कारण हो रहे स्ट्रेस से राहत देने का काम कर सकता है। हालांकि, इस पर अभी ठोस वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं। वर्टिगो के लिए ग्रेपफ्रूट ऑयल का इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
घ) तुलसी और साइप्रस का तेल
सामग्री:
- तुलसी के तेल की दो से तीन बूंदें
- एक से दो बूंद साइप्रस का तेल
- डिफ्यूजर
विधि:
- दोनों एसेंशियल ऑयल को मिला लें।
- ऑयल को डीफ्युजर में डाल कर कमरे में रख दें।
कैसे काम करता है:
तुलसी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसमें दर्दनिवारक (analgesic) और अवसादरोधी (antidepressant) गुण पाए जाते हैं। यह वर्टिगो के लक्षण जैसे सिरदर्द से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकती है। (7)।
ड) लोबान तेल वर्टिगो के लिए
सामग्री:
चार से पांच बूंद लोबान तेल
विधि:
- लोबान तेल की कुछ बूंदे लें और कंधों की मसाज करें।
कैसे काम करता है:
लोबान एंटी इंफ्लेमेटरी और दर्दनिवारक (analgesic) गुणों से समृद्ध होता है, जिसका सकारात्मक असर वर्टिगो पर भी दिख सकता है (8)। हालांकि, यह वर्टिगो के लिए कितना प्रभावकारी होगा, इस पर अभी वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
च) वर्टिगो के लिए क्लेरी सेज ऑयल
सामग्री:
- क्लेरी सेज ऑयल की कुछ बूंदें
- डीफ्युजर
विधि:
क्लेरी सेज की कुछ बूंदें डीफ्युजर में डालकर कमरे में रख दें।
कैसे काम करता है:
क्लेरी सेज ऑयल की खुशबू वर्टिगो के लक्षण से आराम दिला सकती है।
नोट: ऊपर बताए गए तेल अरोमाथेरेपी की मदद से थकान और स्ट्रेस कम करने में लाभदायक हो सकते हैं (9), लेकिन इन पर कोई वैज्ञानिक शोध नहीं किया गया है। वर्टिगो के घरेलू उपचार में इनका लाभ लोगों की मान्यताओं पर आधारित है।
2. वर्टिगो के लिए अदरक
सामग्री:
- अदरक का टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ)
- 1 कप दूध
- आधा चम्मच चाय पत्ती
- शक्कर (स्वादानुसार)
विधि:
- एक पैन में दूध को उबालें।
- उबाल आ जाने पर उसमें चाय पत्ती और कद्दुकस किया हुआ अदरक डाल दें।
- अब शक्कर डाल कर चाय को अच्छी तरह उबालें।
- अच्छी तरह उबल जाने पर, चाय को छन्नी से कप में छानकर पिएं।
- आप अदरक के टुकड़े को छिलकर, उसे साबुत भी चबा सकते हैं।
कैसे काम करता है:
वर्टिगो के घरेलू उपचार में अदरक बहुत लाभदायक होता है। इसमें ऐसे गुण होते हैं, जो वर्टिगो के लक्षण, जैसे जी मिचलाना और उल्टी से राहत दिला सकते हैं (10)। साथ ही अदरक की जड़ों में वर्टिगो के उपचार करने वाले गुण होते हैं (11)।
3. वर्टिगो के लिए जिन्कगो बिलोबा (Ginkgo Biloba)
सामग्री:
जिन्कगो बिलोबा टेबलेट
विधि:
डॉक्टर के निर्देशानुसार टेबलेट का सेवन करें।
कैसे काम करता है:
जिन्कगो बिलोबा एक औषधीय पौधा है, जिसे वर्टिगो का उपचार करने में बहुत लाभदायक माना गया है। इसकी टेबलेट बाजार में उपलब्ध है, जिसे आप अपने डॉक्टर के निर्देशानुसार, वर्टिगो के इलाज के लिए ले सकते हैं (12)।
4. वर्टिगो के लिए जूस
सामग्री:
गाजर/अनानास/संतरे या नींबू का जूस
विधि:
- रोज एक गिलास गाजर/अनानास/संतरे के जूस का सेवन करें।
या - रोजाना एक चम्मच नींबू के रस को एक गिलास पानी में मिला कर पिएं।
- आप नींबू पानी में स्वादानुसार नमक और एक चुटकी पीसी हुई काली मिर्च मिला सकते हैं।
कैसे काम करता है:
गाजर, अनानास, संतरे और नींबू में विटामिन-सी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है (13), (14), (15), (16)। शोध के अनुसार, विटामिन-सी मोशन सिकनेस को कम करने में मदद कर सकता है (17)।
5. वर्टिगो के लिए एक्यूपंक्चर
एक्यूपंक्चर एक पारंपरिक चाइनीज उपचार है। वर्टिगो के इलाज के लिए पश्चिमी चिकित्सकों द्वारा इसकी सलाह दी जाती है। यह सिर घूमना के लक्षण जैसे सिर दर्द व थकान आदि से आराम दिलाता है और रक्त प्रवाह को बेहतर करता है (18)। नीचे बताए गए एक्यूपंक्चर पॉइंट्स की मदद से आपका सिर घूमना कम हो सकता है :
- गवर्निंग वेसल्स 20
इसे जीवी 20 भी कहा जाता है। यह बिंदु सिर के ऊपरी केंद्र पर स्थित है, जिसे आप तस्वीर के माध्यम से ठीक से देख सकते हैं। यह सिर चकराना, सिरदर्द और स्ट्रोक से आराम दिलाता है और वर्टिगो के इलाज में लाभदायक होता है (19)।
- गालब्लेडर 20:
जीबी 20 पॉइंट आपके हेयरलाइन के ठीक नीचे और रीढ़ के दोनों ओर स्थित होता है। तस्वीर में इस बिंदु को साफ देखा जा सकता है। यह सिर, दिमाग और सेंस ओर्गंस से जुड़ी बीमारियों से राहत दिलाने में बहुत सहायक है। सिरदर्द के लिए यह आवश्यक एक्यूपंक्चर पॉइंट है (20)।
नोट – एक्यूपंक्चर का उपचार स्वयं न करें। यह उपचार करवाने के लिए किसी एक्यूपंक्चर विशेषज्ञ की मदद लें। साथ में डॉक्टरी परामर्श भी जरूरी है।
लेख के अगले भाग में हम जानेंगे कि वर्टिगो के दौरान आपका खान-पान कैसा होना चाहिए।
वर्टिगो के लिए आहार – Diet For Vertigo in Hindi
वर्टिगो के मरीजों को फैट और कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा कम लेने की सलाह दी जाती है। साथ ही, आहार में फाइबर की मात्रा बढ़ाने की सलाह दी जाती है (23)। आप अपने आहार में नीचे दिए गए खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं:
- सेब, केला, नाशपाती, आड़ू आदि फल फाइबर से भरपूर होते हैं। साथ ही आप होल ग्रेन ब्रेड, ब्राउन राइस और ओटमील भी खा सकते हैं (24)।
- वर्टिगो के लिए आहार में आप गाजर, पालक, उबले हुए आलू, मशरूम और कद्दू भी खा सकते हैं (24)।
- विटामिन बी-12 से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं (25)। इसकी कमी से टिनीटस होने की आशंका बढ़ जाती है (26)।
- अपने आहार में नमक की मात्रा कम करें (27)। ऐसे खाद्य पदार्थ खाने से बचें, जिनमे नमक (सोडियम) की मात्रा ज्यादा हो, जैसे हेम, बेकन, सलामी, बोलोंगा, आदि (28) (29) (30) (31)।
- डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों को खाने से बचें। ज्यादा समय तक ताजा रखने के लिए इनमें ज्यादा नमक मिलाया जाता है।
- मैक्रोनी, चीज, ऑलिव और पैकेट बंद चिप्स भी अपने आहार में शामिल न करें।
- इनके अलावा कैफीन और शराब का सेवन भी न करें (32)।
आइए आगे जानते हैं कि आप वर्टिगो के लिए किस तरह की एक्सरसाइज कर सकते हैं।
वर्टिगो के लिए एक्सरसाइज – Exercises For Vertigo in Hindi
डॉक्टरों द्वारा निर्देशित कुछ एक्सरसाइज करने से आपको वर्टिगो का इलाज करने में सहायता मिल सकती है (33)।
- स्टैंडिंग अपराइट – इसे रोमबर्ग एक्सरसाइज भी कहते हैं। इसे करने के लिए आप दीवार पर पीठ लगाकर सीधे खड़े हो जाएं और अपने आगे सहारे के लिए कुर्सी रखें। आपके हाथ नीचे की ओर बिल्कुल सीधे होने चाहिए। इस अवस्था में आप करीब 30 सेकंड तक खड़े रहें और इसे करीब 5 बार करें। जब आप इसमें अभ्यस्त हो जाएं, तो इसी एक्सरसाइज को आंखें बंद करके करें।
- सामने और पीछे की ओर घूमना – स्टैंडिंग अपराइट की तरह इसमें भी दीवार के सहारे सीधे खड़े रहें। अपने पैरों को कंधे की चौड़ाई के बराबर खोल लें और हाथों को सीधा बगल में रखें। अब अपने शरीर को आगे-पीछे करते हुए बारी-बारी से पूरे शरीर के भार को पहले एड़ियों से पंजों पर और फिर पंजों से एड़ियों पर लेकर आए। इसे दौरान आपके कूल्हे सीधे रहने चाहिए। इसे आप करीब 20 बार दोहराएं।
- बाएं से दाएं झुकना– फिर से इसी स्थिति में अपने पैरों को फर्श से हटाए बिना पहले बाएं से दाएं और फिर दाएं से बाईं ओर झुकें। इसे 20 बार दोहराएं।
इन एक्सरसाइज को आप दिन में दो बार कर सकते हैं। वहीं, जब वर्टिगो का अटैक आए, तो आप नीचे दी हुई एक्सरसाइज कर सकते हैं।
द ब्रांट-डारॉफ एक्सरसाइज – इस अभ्यास को सिर घूमना के लक्षणों से जल्दी राहत दिलाने के लिए किया जाता है। इसे करने के लिए –
- सबसे पहले पलंग या सोफे के किनारे पैर लटकाकर बैठ जाएं।
- अब बाईं तरफ झुकना शुरू करें और दो-तीन सेकंड के लिए लेट जाएं।
- यह करते हुए आपका सिर 45 डिग्री एंगल पर ऊपर की ओर उठा होना चाहिए।
- इसके बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं और 30 सेकंड के लिए बैठें।
- फिर दाईं तरह से झुकना शुरू करें और दो-तीन सेकंड के लिए लेट जाएं।
- एक बार फिर सामान्य अवस्था में आ जाएं और 30 सेकंड के लिए बैठें।
- यह प्रक्रिया एक बार में पांच बार दोहराएं।
वर्टिगो के उपचार के लिए ध्यान रखें कि बहुत देर बैठे या लेटे रहने के बाद अचानक से खड़े न हो जाएं। कोई भी ऐसा काम न करें, जिससे आपकी आंखों पर प्रभाव पड़े। पूरी नींद लें, संतुलित आहार लें और रोज व्यायाम करें। इन बातों को ध्यान में रखने से आपका सिर घूमना कम हो सकता है। साथ में इस बात का भी ध्यान रखें, कि वर्टिगो के लिए कोई भी एक्सरसाइज अकेले में न करें। गंभीर स्थिति में किसी को अपने साथ रखें और डॉक्टर से जल्द से जल्द संपर्क करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या वर्टिगो को रोका जा सकता है?
जी हां, वर्टिगो को रोका जा सकता है। ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रख कर वर्टिगो से बच सकते हैं। इसके साथ नियमित रूप से व्यायाम करने और संतुलित आहार करने से भी वर्टिगो से छुटकारा मिल सकता है।
वर्टिगो कितने समय तक रहता है?
यह अटैक कुछ मिनट से लेकर कुछ घंटों तक रह सकता है। ज्यादातर मामलों में यह दो से तीन घंटे में शांत हो जाता है (29)।
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