पहले सिर्फ अधेड़ या फिर बुजुर्ग ही ह्रदय की समस्या से परेशान नजर आते थे। वहीं, अब बड़े-बुजुर्ग क्या जवान और किशोर भी ह्रदय की बीमारियों से ग्रस्त है। छोटी उम्र में ही ह्रदय की बीमारी होना वास्तव में चिंता का विषय है। इसके लिए कुछ हमारा खान-पान जिम्मेदार है, तो कुछ हमारी जीवनशैली। हम सुविधाजनक लाइफ जीने के इस कदर आदी हो चुके हैं कि अपने शरीर को बीमारियों का घर बनाने लगे हैं। हार्ट ब्लॉकेज भी कुछ ऐसी ही समस्या है। इस अवस्था में आपके दिल की धड़कन रुक-रुक कर चलती है।
स्टाइलक्रेज के यह आर्टिकल इसी समस्या को फोकस करते हुए लिखा गया है। आप इस लेख में हार्ट ब्लॉकेज के कारण के साथ-साथ हार्ट ब्लॉकेज के घरेलू इलाज के बारे में जान सकेंगे।
पहले हम हार्ट ब्लॉकेज के कारणों के बारे में जान लेते हैं।
हार्ट ब्लॉकेज के कारण – Causes of Heart Blockage in Hindi
आपके द्वारा किए गए कई काम जाने अनजाने में हार्ट ब्लॉकेज को बढ़ावा दे सकते हैं। आइए, जानते हैं कि ये कारण कौन-कौन से हैं (1) (2):
- जन्मजात हार्ट ब्लॉकेज
- दवाओं का साइड इफेक्ट
- ह्रदय से संबंधित रोग
- दिल की सर्जरी
- ह्रदय की मांसपेशियों में सूजन
- शरीर में पोटैशियम, मैग्नीशियम व कैल्शियम की कम या ज्यादा मात्रा
आगे हम हार्ट ब्लॉकेज के लक्षणों के बारे में जानेंगे।
हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण – Symptoms of Heart Blockage ।n H।nd।
हार्ट ब्लॉकेज के लक्षणों पर समय रहते ध्यान दिया जाए, तो इससे होने वाले जोखिम को रोका जा सकता है। चलिए, अब इन लक्षणों के बारे में जानते हैं (1) (2)।
- छाती में दर्द
- सिर चकराना
- बेहोश होने जैसा महसूस होना
- जल्दी थकान महसूस होना
- सांस लेने में तकलीफ
आर्टिकल के इस अहम भाग में आपको हार्ट ब्लॉकेज को दूर करने के घरेलू उपचार के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।
हार्ट ब्लॉकेज के लिए घरेलू उपाय – How to Remove Heart Blockage Naturally ।n H।nd।
हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को घरेलू उपचार के जरिए दूर किया जा सकता है, जो इस प्रकार है :
1. अनार
सामग्री:
- 1 या 2 अनार
कैसे करें उपयोग:
- अनार को काट कर उसके बीज निकाल लें।
- फिर इन्हें मिक्सर में डालकर जूस बना लें।
- अब इस ताजा जूस को पिएं।
- आप अनार के बीज को खा भी सकते हैं।
कितनी बार करें:
- प्रतिदिन 1 गिलास पिएं।
कैसे है लाभदायक:
अनार का जूस स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। यह ह्रदय की धमनियों को लचीला रखने और रक्त वाहिकाओं में आई सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। इसे एथेरोस्क्लेरोसिस को कम करने के लिए भी जाना जाता है, जो ह्रदय रोग के प्रमुख कारण में से एक है। यह धमनियों के जोखिम को कम करता है, जो ह्रदय और मस्तिष्क के रक्त प्रवाह को बनाए रखता है, जिससे हार्ट ब्लॉकेज का खतरा दूर होता है (3)।
2. दालचीनी
सामग्री:
- 1 चम्मच दालचीनी पाउडर
- 1 या 2 चम्मच शहद
कैसे करें उपयोग:
- दालचीनी पाउडर को शहद में मिलकर पेस्ट बना लें।
- फिर इस पेस्ट का सेवन करें।
कितनी बार करें:
- प्रतिदिन इसके उपयोग से असर जल्दी दिखाई देने लगेगा।
कैसे है लाभदायक:
दालचीनी को ह्रदय रोग से जुड़ी समस्याओं के लिए औषधि की तरह उपयोग किया जा सकता है। एक अध्ययन से पता चला है कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल प्रभाव पाए जाते हैं। साथ ही यह एडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करता है, जबकि एचडीएल यानी अच्छे कोलेस्ट्रोल के स्तर को बेहतर करता है। ये सभी गुण ह्रदय की समस्याओं को दूर करने में मददगार साबित हो सकते हैं (4)। इसे हार्ट ब्लॉकेज का अच्छा घरेलू उपचार माना जा सकता है।
3. लाल मिर्च
सामग्री:
- 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 1 कप गुनगुने पानी
कैसे करें उपयोग:
- मिर्च पाउडर को अच्छी तरह से गुनगुने पानी में घोल लें।
- फिर उसे पी लें।
कितनी बार करें:
- कुछ हफ्तों तक प्रतिदिन उपयोग करें।
- फिर एक दिन छोड़ कर उपयोग करें।
कैसे है लाभदायक:
अगर आप ह्रदय की समस्या से पीड़ित हैं, तो लाल मिर्च का प्रयोग कर सकते हैं। इसमें एंटीहाइपरटेंसिव, एंटीडायबिटिक और एंटीओबेसिटी गुण पाए जाते हैं। यहां हम बता दें कि हाइपरटेंसिव, डायबिटीज और ओबेसिटी तीनों की हार्ट ब्लॉकेज का कारण बन सकते हैं। वैज्ञानिक शोध में भी पाया गया है कि लाल मिर्च के प्रयोग से ह्रदय रोग के कारण होने वाले मृत्यु दर को कम किया जा सकता है (5)।
4. लहसुन
सामग्री:
- 2 या 3 लहसुन की कलियां
- 1 कप दूध
कैसे करें उपयोग:
- दूध में लहसुन को डाल लें।
- फिर दूध को थोड़ी देर उबाल लें।
- फिर थोड़ा ठंडा होने के बाद उसे पी लें।
कितनी बार करें:
- इसका उपयोग प्रतिदिन करें।
- आप भोजन बनाते समय भी उसमें लहसुन का इस्तेमाल कर सकती हैं।
कैसे है लाभदायक:
लहसुन में ह्रदय रोग के जोखिम को कम करने के गुण पाए जाते हैं। लहसुन के प्रयोग से एथेरोस्क्लेरोसिस, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित किया जा सकता है। इसका सीधा फायदा ह्रदय को होता है (6)।
5. हल्दी
सामग्री:
- 1 चम्मच हल्दी पाउडर
- 1 कप दूध
कैसे करें उपयोग:
- दूध को गर्म कर लें।
- फिर उसमें हल्दी पाउडर मिलकर पी लीजिए।
कितनी बार करें:
- प्रतिदिन इसका सेवन से आपको फायदा हो सकता है।
कैसे है लाभदायक:
हल्दी को कई आयुर्वेदिक दवाई के रूप में उपयोग किया जाता है। यह आपकी हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को भी दूर करने में मदद कर सकता है। एक रिसर्च में पाया गया है कि हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-कार्सिनोजेनिक, एंटी-थ्रोम्बोटिक गुण होते हैं, जो ह्रदय को सुरक्षित रखने का काम करते हैं (7)। इसलिए, हल्दी के प्रयोग से हार्ट ब्लॉकेज का इलाज किया जा सकता है।
6. नींबू
सामग्री:
- 1 नींबू का रस
- 1 गिलास पानी
- 1 चम्मच शहद
- 1 चम्मच काली मिर्च पाउडर
कैसे करें उपयोग:
- पानी को गर्म कर लें। साथ ही उसमें ऊपर दी गई सभी सामग्रियों को मिला लें।
- फिर कुछ देर के लिए पानी को ठंडा होने के लिए रख दें।
- उसके बाद इसे पी लें।
कितनी बार करें:
- इसे दिन में एक से दो बार तक पी सकते हैं।
कैसे है लाभदायक:
नींबू में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में रक्त के प्रवाह को सुचारू रूप से बनाए रखने का काम करते हैं। साथ ही कोलेस्ट्रोल और रक्तचाप को भी नियंत्रित रखने का काम कर सकते हैं। इसका फायदा हार्ट ब्लॉकेज पर नजर आ सकता है (8)।
7. अंगूर
सामग्री:
- लगभग 50 से 100 ग्राम अंगूर
कैसे करें उपयोग:
- आप अंगूर को धोकर खा सकते हैं या फिर इसका जूस बनकर पी भी सकते हैं।
कितनी बार करें:
- दिन में एक से दो बार में उपयोग कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक:
अंगूर का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट व खास प्रकार के फाइटोकेमिकल ह्रदय को स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं। इससे हार्ट ब्लॉकेज के खतरे को दूर करने में मदद मिल सकती है (9)।
8. अदरक
सामग्री:
- अदरक या अदरक पाउडर
- 1 कप पानी
कैसे करें उपयोग:
- अदरक पाउडर को पानी में डालकर कुछ देर के लिए गर्म करें।
- पानी को कुछ देर तक ठंडा होने दें, फिर उसे पी लें।
कितनी बार करें:
- प्रतिदिन उपयोग से फायदा जल्दी दिखाई देता है।
कैसे है लाभदायक:
अदरक में एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और हाइपोलिपिडेमिक प्रभाव पाए जाते हैं, जो ह्रदय संबंधित रोगों को दूर करने में सहायक होते हैं। इससे हार्ट ब्लॉक होने के जोखिम को दूर रखने में सहायता मिल सकती है (10)।
9. तुलसी
सामग्री:
- मुट्ठी भर तुलसी के पत्ते
- 1 नींबू
- 1 चम्मच शहद
- 1 कप पानी
कैसे करें उपयोग:
- तुलसी के पत्तों को पानी में डाल दें।
- कुछ समय के लिए पानी को गर्म करें।
- फिर उसमें शहद और नींबू का रस मिक्स कर दें।
- थोड़ा ठंडा होने के बाद पानी को पी लें।
कितनी बार करें:
- प्रतिदिन इसका सेवन अधिक फायदेमंद होगा।
कैसे है लाभदायक:
तुलसी को आयुर्वेदिक दवा के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसमें तनाव को दूर करने वाले गुण पाए जाते हैं। साथ ही इसके एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव दिल से जुड़ी बीमारियों को दूर रखने का काम करते हैं, जो हार्ट ब्लॉक करने के लिए जिम्मेदार साबित हो सकते हैं। तुलसी के प्रयोग से हाइपरटेंशन व अचानक होने वाले ह्रदयाघात की समस्या से बचाव हो सकता है (12)।
10. इलाइची
सामग्री:
- थोड़ी-सी इलाइची
- अर्जुन की छाल का पाउडर
कैसे करें उपयोग:
- अर्जुन की छाल के पाउडर को पानी में मिलकर काढ़ा बना लें।
- साथ ही उसमें कुछ इलाइची भी डालें।
- फिर इसे पी लें।
कितनी बार करें:
- हफ्ते में 3 से 4 बार पी सकते हैं।
कैसे है लाभदायक:
इलाइची का इस्तेमाल खाद्य पदार्थ के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि यह आपके हार्ट ब्लॉकेज की समस्या के निदान में भी सहायक हो सकता है। जी हां, इसमें पाए जाने वाले कार्डियोटोनिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण ह्रदय रोग से सुरक्षित रखने का काम कर सकते हैं। ये आपके हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर करने में सहायक हो सकते हैं (13)। कार्डियोटोनिक एक तरह की दवाई होती है, जो दिल कि मांसपेशियों की गति को बेहतर करने में मदद करती है।
11. पीपल
सामग्री:
- 15 से 20 पीपल के हरे पत्ते
- 1 गिलास पानी
कैसे करें उपयोग:
- पीपल के पत्ते को आगे और पीछे से थोड़ा काट लें और उसे अच्छे से धो लें।
- एक बर्तन में पानी को गर्म करें और उसमे पत्तों को डाल दें।
- कुछ समय तक पानी को गर्म करें और फिर उस पानी को थोड़ी देर बाद छानकर पी लें।
कितनी बार करें:
- हफ्ते में 3 से 4 बार उपयोग करें।
कैसे है लाभदायक:
पीपल को कई बीमारियों के लिए आयुर्वेदिक और यूनानी औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। पीपल के पत्ते आपकी ह्रदय संबंधी बीमारियों को भी दूर करने में मददगार साबित हो सकते है। पीपल के पत्ते में एंटी-बैक्टीरियल, एंटीडायबिटिक, एंटीइंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक और एंटीऑक्सीडेंट के प्रभाव पाए जाते हैं, जो हार्ट ब्लॉकेज को दूर करने में सहायक हो सकते हैं (14)।
आगे हार्ट ब्लॉकेज के इलाज के बारे में जानेंगे।
हार्ट ब्लॉकेज का इलाज – Treatment of Heart Blockage in Hindi
हार्ट ब्लॉकेज की समस्या के लिए कुछ इलाज का सहारा भी लिया जा सकता है, आगे जानते हैं कि इसके लिए कौन कौन से इलाज कर सकते हैं (1) (2)।
पेसमेकर के मदद से : पेसमेकर एक छोटी मशीन होती है। इसे छाती पर त्वचा के अंदर लगाया जाता है। यह आपके दिल की धड़कन को नियमित रूप से बनाए रखने में मदद करता है।
दवाई का उपयोग: विशेषज्ञ द्वारा दी गई दवाई आपके हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर करने में सहायक हो सकता है। डॉक्टर के अनुमति के बिन कोई भी दवाई न लें।
कैसा हो कि अगर हार्ट ब्लॉकेज की समस्या हो ही न, आइए जानते हैं इससे बचने के टिप्स।
हार्ट ब्लॉकेज से बचने के उपाय – Prevention Tips for Heart Blockage in Hindi
हार्ट ब्लॉकेज के घरेलू उपचार तो आप ऊपर पढ़ ही चुके हैं। अब यहां हम बता रहें कि कैसे इस समस्या को पैदा होने से ही रोका जा सकता है (15) :
- रक्तचाप को नियंत्रण में रखने से ह्रदय से जुड़ी समस्याओं को दूर रखा जा सकता है।
- कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखने से दिल को फायदा हो सकता है।
- स्वस्थ आहार का सेवन करें।
- प्रतिदिन नियमित व्यायाम जरूर करें।
- धूम्रपान और शराब का सेवन बिल्कुल न करें।
- शुगर को नियंत्रण में रखें।
अब तो आप जान ही गए होंगे कि हार्ट ब्लॉकेज का कारण क्या हो सकता है और इसके शुरुआती लक्षण किस तरह के होते हैं। इस जानकारी पर ध्यान दिया जाए, तो हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को उत्पन्न होने से पहले ही रोका जा सकता है। वहीं, अगर यह बीमारी आपको घेर भी ले, तो हार्ट ब्लॉकेज के घरेलू इलाज की मदद से इससे छुटकारा पाया जा सकता है। साथ ही इसके इलाज की जानकारी इसे दूर करने में सहायक हो सकती है। उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको हार्ट ब्लॉकेज की परेशानी को दूर करने में मददगार साबित होगा। अगर आपके पास हार्ट ब्लॉकेज को लेकर कोई अन्य जानकारी हैं, तो आप उसे नीचे दिए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमारे साथ शेयर कर सकते हैं।
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