सरसों का नाम सुनते ही हमें सरसों का तेल ही याद आता है। जब इसके बारे में हम थोड़ा और सोचते हैं, तो हमें खाना बनाने में सरसों के उपयोग के बारे में पता चलता है। क्या आपने कभी सोचा है कि सब्जियों और दाल में तड़का देने के लिए प्रयोग किए जाने वाले सरसों के स्वास्थ्य संबंधी फायदे भी हो सकते हैं? स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम सरसों के फायदे, सरसों के उपयोग और सरसों के नुकसान के बारे में आपको जानकारी देंगे, ताकि आप इसका उपयोग ठीक प्रकार से कर सकें।
सरसों के फायदे – Benefits of Mustard in Hindi
सरसों आपको रसोई घर में बड़ी आसानी से देखने को मिल जाएगी। सरसों के बीज और सरसों के तेल का इस्तेमाल आम सब्जी से लेकर मसालेदार व्यंजनों में देखने को मिल जाएगा। इसका इस्तेमाल रसोई घर तक ही नहीं सीमित है, बल्कि इसके अंदर कई ऐसे गुणकारी औषधीय राज छिपे हैं, जो सरसों को खास बनाते हैं। यह सूजन, ह्रदय संबंधी रोग, मधुमेह, कैंसर और डायबिटीज जैसी स्वास्थ्य समस्याओं में भी काम आ सकता है (1)।
आइए, अब लेख के अगले भाग में सेहत और स्वास्थ्य संबंधी सरसों के बीज के फायदे को जानते हैं।
सेहत/स्वास्थ्य के लिए सरसों के फायदे – Health Benefits of Mustard in Hindi
यहां आपको सेहत/स्वास्थ्य के लिए सरसों के बीज के फायदे के बारे में बताया जा रहा है, जो आपको कई शारीरिक समस्याओं में आराम पहुंचा सकता है।
1. कैंसर में
सरसों के बीज में ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो कैंसर जैसी बीमारी में लाभदायक हो सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह देखा गया कि सरसों के तेल में मौजूद ओमेगा-3 पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड कोलन कैंसर के खतरे पर प्रभावी असर दिखा सकते हैं (2)।
2. अस्थमा में
सरसों में मौजूद औषधीय गुण अस्थमा में लाभकारी हो सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, यह देखा गया है कि सरसों के बीज में साइनपाइन (sinapine) नामक कार्बनिक यौगिक पाया जाता है। यह मांसपेशियों की सक्रियता और फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाकर अस्थमा की स्थिति के विपरीत क्रिया उत्पन्न कर अस्थमा को रोकने में मदद कर सकता है (3)।
3. माइग्रेन में सहायक
माइग्रेन की समस्या से अगर आप परेशान हैं, तो बेफिक्र हो जाइए, क्योंकि आपके घर में रखा सरसों इस समस्या में आपको लाभ पहुंचा सकता है। एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार, सरसों के बीज में रिबोफ्लेविन (Riboflavin) नामक विटामिन मौजूद होता है, जो माइग्रेन के खतरे को कम कर सकता है (4) (5)।
4. रक्तचाप (ब्लड-प्रेशर) को संतुलित करने में
सरसों के औषधीय गुण रक्तचाप को कम करने के भी काम आ सकते हैं। सरसों में पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नेशियम की पर्याप्त मात्रा मौजूद होती है (4)। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह बताया गया कि मैग्नीशियम, पोटैशियम और कैल्शियम रक्तचाप को कम करने का काम कर सकते हैं (6)।
5. वजन घटाने में
सरसों के बीज के फायदे वजन घटाने में भी देखे जा सकते हैं। जी हां, सरसों के बीज से निकाला गया तेल वजन घटाने में सहायक हो सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, यह देखा गया कि सरसों के तेल में डायसेलिग्लिसरॉल (Diacylglycerol) की प्रचुर मात्रा पाई जाता है, जो वजन घटाने में सहायक हो सकता है (7)।
6. कोलेस्ट्रॉल को कम करने में
सरसों बेनिफिट्स में कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रण में भी लाभदायक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, सरसों के तेल में इरुसिक एसिड (Erucic acid) की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। इसके सेवन के बाद यह देखा गया है कि हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल) यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि हुई और लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) यानी खराब कोलेस्ट्रॉल में कमी आई। इसलिए, कोलेस्ट्रॉल के संतुलन में सरसों के तेल का प्रयोग किया जा सकता है (8)।
7. मधुमेह में आरामदायक –
अगर आप मधुमेह की समस्या से बचना चाहते हैं, तो सरसों आपकी मदद कर सकता है। दरअसल, सरसों में विटामिन-ई और विटामिन-सी पाए जाते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं। ये टाइप 2 डायबिटीज की समस्या में आराम पहुंचाने का काम कर सकते हैं (9)।
8. रुमेटाइड अर्थराइटिस में लाभदायक
रुमेटाइड अर्थराइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें पैरों की गांठ में सूजन की समस्या के साथ-साथ दर्द भी हो सकता है। यहां सरसों तेल के फायदे देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, सरसों के तेल में ओमेगा-3 एसिड मौजूद होता है, जो रुमेटाइड अर्थराइटिस में आराम पहुंचाने का काम कर सकता है (10)।
9. सांस की तकलीफ में
सरसों के फायदे सांस की समस्या में भी देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, सरसों में ग्लूकोसाइनोलेट्स नामक विशेष यौगिक होता है। यह एंटीसेप्टिक के रूप में सांस संबंधी समस्याओं में आराम पहुंचा सकता है (11)।
10. रजोनिवृत्ति में आरामदायक
रजोनिवृत्ति की स्थिति में महिलाओं में मासिक धर्म स्थायी रूप से बंद हो जाते हैं और इस स्थिति में महिलाएं गर्भवती नहीं हो सकती हैं। महिलाओं में होने वाली रजोनिवृत्ति में सरसों के फायदे आराम पहुंचा सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, सरसों में कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है और इनकी उच्च मात्रा प्राम्भिक रजोनिवृत्ति के खतरे को कम कर सकती है (4), (12)।
11. फाइबर के रूप में
अन्य पोषक तत्वों के साथ फाइबर भी शरीर के लिए जरूरी माना जाता है। यह कब्ज जैसी पेट संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने के साथ-साथ वजन को नियंत्रित करने का काम भी करता है (13)। इस खास पोषक तत्व की पूर्ति के लिए सरसों का सेवन किया जा सकता है, क्योंकि सरसों फाइबर का अच्छा स्रोत है (4)।
12. प्रतिरोधक क्षमता में सहायक
शरीर स्वस्थ तभी रह सकता है, जब उसकी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो। इस स्थिति में सरसों फायदेमंद साबित हो सकती है। एक वैज्ञानिक शोध में यह देखा गया है कि सरसों के औषधीय गुण प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं (14)। सरसों में विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन बी-6 मौजूद होता हैं और इन विटामिन के सेवन से प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो सकती है (4), (15)।
13. बुखार और सर्दी में
बुखार और सर्दी में भी सरसों के फायदे देखे गए हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, पीले बुखार (Yellow Fever) में सरसों को थोड़े से बीज के साथ बुखार से ग्रसित मरीज के पैरों को धोने से उसे राहत मिल सकती है। एक अन्य वैज्ञानिक शोध के अनुसार, बुखार की स्थिति में पेट के मध्य हिस्से में सरसों का पेस्ट रखने से भी आराम मिल सकता है (16)। अगर बात की जाए सर्दी (कोल्ड) की, तो सरसों में विटामिन सी मौजूद होता है और एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, यह देखा गया है कि विटामिन सी का सेवन सर्दी की समस्या से छुटकारा दिला सकता है (4), (17)।
14. पीठ दर्द और मांसपेशियों के दर्द में
आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में पीठ दर्द और मांसपेशियों में दर्द की समस्या तेज से बढ़ रही है। ऐसे में राई के फायदे पीठ दर्द और मांशपेशियों के दर्द में भी देखे जा सकते है। सरसों में कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है (4)। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, कैल्शियम की कमी के कारण पीठ और मांसपेशियों में दर्द की समस्या होती है, जिसे कैल्शियम की पूर्ति से ठीक किया जा सकता है (18)।
लेख के अगले भाग में हम जानेंगे कि त्वचा के लिए सरसों के क्या फायदे हैं।
त्वचा के लिए सरसों के फायदे – Skin Benefits of Mustard in Hindi
सरसों में मौजूद पोषक तत्व त्वचा के लिए भी लाभकारी हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि सरसों को त्वचा के लिए कैसे प्रयोग में लाया सकता है।
1. प्राकृतिक स्क्रब (Scrub) के रूप में
त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने के लिए सरसों के बीज एक्सफोलिएट की तरह काम कर सकते हैं, लेकिन इस तथ्य की पुष्टि के लिए वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। फिर भी आप त्वचा विशेषज्ञ की सलाह पर सरसों के बीजों को स्क्रबर के रूप में इस प्रकार से इस्तेमाल कर सकते हैं :
सामग्री:
- आधा चम्मच सरसों की बीज
- एक चम्मच एलोवेरा जेल
- एक चौथाई चम्मच नींबू का रस
कैसे करें इस्तेमाल:
- सबसे पहले सरसों के बीजों को पीसकर पेस्ट बना लें।
- फिर इस पेस्ट में एलोवेरा जेल और नींबू के रस को अच्छी तरह से मिलाएं।
- अब इस मिश्रण से 3 से 4 मिनट तक चेहरे की स्क्रबिंग करें।
- अंत में 15 मिनट बाद हल्के ठंडे पानी से चेहरे को धो लें।
- इस उपाय को हफ्ते में एक से दो बार दोहराया जा सकता है।
2. त्वचा को हाइड्रेट करने में
अगर आपकी त्वचा में नमी है, तो यह अच्छी बात है, लेकिन अगर ऐसा नहीं है, तो परेशान मत न हों, क्योंकि सरसों के पोषक तत्वों के गुण आपकी त्वचा को हाइड्रेट करने में मदद कर सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, सरसों में विटामिन सी पाया जाता है और विटामिन सी में मैग्नीशियम एस्कोरिल फॉस्फेट (Magnesium Ascorbyl Phosphate) गुण पाया जाता है, जो त्वचा को हाइड्रेट करने का काम कर सकता है (4),(19)-
सामग्री:
- एक चम्मच सरसों का बीज
- एक चम्मच एलोवेरा जेल
कैसे करें इस्तेमाल :
- सरसों के बीज को पीस लें, ताकि यह पेस्ट बन जाए।
- अब इसमें एलोवेरा जेल मिलाएं।
- अब इस मिश्रण को शरीर की त्वचा पर लगाएं।
- अब 15 मिनट बाद इसे पानी से धो लें।
- इस प्रक्रिया को हफ्ते में 2 बार अपना सकते हैं।
3. एजिंग में सहायक
एजिंग की समस्या से रोकथाम के लिए भी सरसों के फायदे देखे जा सकते हैं। सरसों में विटामिन सी (एस्कॉर्बिक एसिड) मौजूद होता है। एस्कॉर्बिक एसिड को विभिन्न सौंदर्य उत्पादों में प्रयोग किया जाता है। इन उत्पाद में एंटी-एजिंग उत्पाद भी शामिल हैं, जो एजिंग की समस्या से बचाने का काम करते हैं (20)।
सामग्री:
- 2 चम्मच सरसों का तेल
- आधा चम्मच नारियल तेल
कैसे करें इस्तेमाल :
- एक कटोरी में सरसों का तेल लें।
- अब इसमें नारियल तेल को मिलाएं।
- अब इसे हल्के हाथों से रात में सोने से पहले अपनी त्वचा पर लगाएं।
- इस प्रयोग को हफ्ते में 3 से 4 बार दोहराया जा सकता है।
4. संक्रामक रोगों से लड़ने में सहायक
राई के फायदे संक्रमण से लड़ने में भी काम आ सकते हैं। राई में विटामिन ए पाया जाता है (4)। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, यह कहा गया है कि विटामिन-ए संक्रामक रोगों से लड़ने में मदद कर सकता है (21)।
एक अन्य वैज्ञानिक में बताया गया है कि एरिथमा (Erythema) पर सरसों का तेल प्रभावी असर दिखा सकता है (22)। एरिथमा त्वचा संबंधी रोग है, जिसमें त्वचा पर लाल दाने हो जाते हैं। आप नीचे बताए गए तरीके से सरसों के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं –
सामग्री:
- 2 चम्मच सरसों का तेल
- एक छोटा चम्मच नारियल तेल
कैसे करें इस्तेमाल :
- एक कटोरी में सरसों का तेल लें।
- अब इसमें नारियल तेल मिलाएं।
- इससे 15 मिनट तक अपनी त्वचा पर मालिश करें।
- इस मिश्रण को हफ्ते में 4 बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
अभी आपने त्वचा के लिए सरसों तेल के फायदे के बारे में पढ़ा, आइए अब बालों के लिए भी इसके उपयोग को जान लेते हैं।
बालों के लिए सरसों के फायदे – Hair Benefits of Mustard in Hindi
सरसों से बने तेल को बालों के लिए प्रयोग किया ही जा सकता है, लेकिन इसके वैज्ञानिक कारण भी हैं, जो नीचे बताए जा रहे हैं, जो इसके प्रयोग को बालों के लिए लाभदायक बताते हैं।
1. बालों के विकास के लिए
बालों में सरसों के तेल का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है। सरसों के तेल में जिंक, आयरन, कैल्शियम, सेलेनियम, मैग्नीशियम की मात्रा पाई जाती है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, यह बताया गया है कि जिंक, आयरन, कैल्शियम, सेलेनियम, मैग्नीशियम आदि मिनरल्स में ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो बालों के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं (23)। बालों के लिए ऐसे करें सरसों तेल का इस्तेमाल –
सामग्री:
- सरसों का तेल 2 चम्मच
- एक छोटा चम्मच नारियल तेल
कैसे करें इस्तेमाल:
- एक कटोरी में सरसों का तेल डालें।
- अब इसमें नारियल तेल मिलाएं।
- अब इस मिश्रण को हल्के हाथों से स्कैल्प और बालों में लगाएं।
- यह उपाय आप हफ्ते में दो से चार बार कर सकते हैं।
2. बालों को मजबूत करने के लिए
बालों को मजबूत करने के लिए भी सरसों का तेल इस्तेमाल किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, सरसों के सेवन से बालों का गिरना कम होता है और बालों को मजबूती मिल सकती है (24)। बालों को मजबूत बनाने के लिए इस प्रकार करें सरसों के तेल का इस्तेमाल –
सामग्री:
- सरसों का तेल 2 चम्मच
- एक छोटा चम्मच नारियल तेल
कैसे करें इस्तेमाल:
- सरसों के तेल को एक कटोरी में निकाल लें।
- अब इसमें नारियल तेल को मिलाएं।
- अब इसे रात को सोने से आधा घंटे पहले बालों में लगा लें।
3. कंडीशनर के रूप में
कंडीशनर के रूप में भी सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। नहाने से पहले आप बालों में सरसों के तेल को लगा लें फिर शैम्पू के साथ इसे धो लें। यह आपके बालों को कंडीशनर जैसा अनुभव करा सकता है।
सामग्री:
- सरसों का तेल
कैसे करें इस्तेमाल:
- एक छोटी कटोरी में 2 बड़े चम्मच सरसों का तेल लें।
- नहाने से 10 मिनट पहले इसे सूखे बालों में लगा लें।
- अब नहाते समय इसे शैम्पू से धो लें।
सरसों के फायदे जानने के बाद आइए जानते हैं कि सरसों का उपयोग हम किन-किन रूपों में कर सकते हैं।
सरसों के पौष्टिक तत्व – Mustard Nutritional Value in Hindi
आइए, अब सरसों के पौष्टिक तत्वों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करते हैं (4)।
पौष्टिकतत्व | मात्राप्रति100 ग्राम |
---|---|
जल | 5.27g |
ऊर्जा | 508kcal |
प्रोटीन | 26.08g |
वसा | 36.24g |
कार्बोहाइड्रेट | 28.9g |
फाइबर, कुलडाइटरी | 12.2g |
शुगर, कुल | 6.79g |
मिनरल्स | |
कैल्शियम | 266mg |
आयरन | 9.21mg |
मैग्नीशियम | 370mg |
फास्फोरस | 828mg |
पोटैशियम | 738mg |
सोडियम | 13mg |
जिंक | 6.08mg |
विटामिन | |
विटामिन सी, कुलएस्कॉर्बिकएसिड | 7.1mg |
थायमिन | 0.805mg |
राइबोफ्लेविन | 0.261mg |
नियासिन | 4.733mg |
विटामिन बी-6 | 0.397mg |
फोलेट, डीएफई | 162μg |
विटामिन बी-12 | 0.00μg |
विटामिन ए, आरएई | 2μg |
विटामिन ए, आईयू | 31IU |
विटामिन ई(अल्फा-टोकोफेरॉल) | 5.07mg |
विटामिन डी (डी2+डी3) | 0.0μg |
विटामिन डी | 0IU |
विटामिन के | 5.4μg |
लिपिड | |
फैटी एसिड टोटल, सैचुरेटेड | 1.989g |
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड | 22.518g |
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड | 10.088g |
फैटी एसिड, टोटल ट्रांस | 0.000g |
कोलेस्ट्रॉल | 0mg |
आइए लेख के अगले भाग में अब सरसों के उपयोग के बारे में जानते हैं।
सरसों का उपयोग – How to Use Mustard in Hindi
सरसों में मौजूद पौष्टिक तत्व सरसों के बीज के लाभ और इसके उपयोग को लाभकारी बना सकते हैं। आप सरसों का उपयोग निम्न तरीकों से कर सकते हैं।
- आप सरसों के तेल की कुछ बूंदों को सलाद में इस्तेमाल कर सकते हैं।
- आप भुने हुए चने के साथ भी सरसों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- सरसों को दाल या सब्जी में छौंका लगाने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- इसके अलावा, सरसों के तेल को पकौड़ी व पापड़ आदि तलने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
- त्वचा पर कहीं कोई लालिमा है, तो इसे प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं।
- बालों में लगाने के लिए भी आप सरसों तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- शरीर में मालिश के लिए भी सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
सरसों का उपयोग जानने के बाद आइए लेख के अगले भाग में जानते हैं कि सरसों के बीज के नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं।
सरसों के नुकसान – Side Effects of Mustard in Hindi
सरसों को अगर सीमित मात्रा में प्रयोग किया जाए, तो इसके फायदे अनेक हैं। वहीं, अगर वैज्ञानिक तथ्यों को नजरअंदाज कर सरसों का इस्तेमाल किया जाए, तो सरसों स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। सरसों निम्न प्रकार से नुकसान पहुंचा सकता है।
- तलने के लिए इस्तेमाल किए गए सरसों तेल को दोबारा प्रयोग में न लाएं, इससे लंग कैंसर का खतरा हो सकता है (20)।
- सरसों के बीज में विटामिन ई की भरपूर मात्रा होती है और इसके अत्यधिक सेवन से दिमाग में खून बहने का खतरा भी हो सकता है (4), (25) ।
- सरसों के तेल में इरुसिक एसिड की मात्रा मौजूद होती है, जिसका अधिक सेवन लिपोसिस (lipolysis) की समस्या उत्पन्न कर देता है, जो ह्रदय रोगों का मुख्य कारण बन सकता है। इस कारण से अत्यधिक मात्रा सरसों के तेल का सेवन करना सुरक्षित नहीं है (26)।
अब तो आप सरसों के फायदे से परिचित हो चुके हैं। अगर आप लेख में बताई गई किसी भी समस्या से पीड़ित हैं, तो सरसों के बीज और सरसों के तेल का इस्तेमाल औषधि के रूप में कर सकते हैं। हमने लेख में इसके उपयोग संबंधी जरूरी टिप्स भी दिए हैं, जिन्हें आप सुविधानुसार अपना सकते हैं। अगली बार जब आप बाजार जाएं, तो साथ में सरसों का तेल जरूर लेकर आएं। अगर आपके मन में सरसों से संबंधित कोई सवाल या सुझाव है, तो नीचे कमेंट बॉक्स के जरिए हम तक अवश्य पहुंचाएं।
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