भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर लोग अपने खान-पान और सेहत का सही से ख्याल नहीं रख पाते हैं। इसका सीधा असर इंसान के स्वास्थ्य पर पड़ता है। अनियमित दिनचर्या और असंतुलित आहार के कारण कई गंभीर बीमारियां आपको अपनी गिरफ्त में ले लेती हैं। इन्हीं बीमारियों में से एक है फैटी लिवर की समस्या। वैसे तो यह समस्या बहुत आम है, लेकिन सही समय पर इसका पता न चल पाने के कारण यह भविष्य में गंभीर रूप धारण कर सकती है। स्टाइल क्रेज के इस लेख के माध्यम से हम फैटी लिवर से जुड़े करक, कारण और लक्षणों के बारे में बताएंगे। साथ ही यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि इस समस्या से निजात पाने के लिए किन-किन घरेलू उपायों को अपनाया जा सकता है।
लक्षणों और कारकों को जानने से पहले हम बात करेंगे फैटी लिवर के कारणों के बारे में।
फैटी लिवर के कारण – What Causes Fatty Liver in Hindi
बता दें कुछ मुख्य कारण हैं, जो फैटी लिवर की समस्या को बढ़ावा देने का काम करते हैं। इन कारणों को हम कुछ बिन्दुओं के माध्यम से समझने का प्रयास करेंगे(1)।
एक्ट्रा कैलोरी- खाने में एक्ट्रा कैलोरी वाले आहार का अधिक उपयोग लिवर में वसा का निर्माण करता है। लिवर में वसा की यही अधिकता फैटी लिवर की समस्या को जन्म देती है।
लिवर की कार्यक्षमता कम होना- फैटी लिवर होने के प्रमुख कारणों में यह वजह काफी अहम है। जब किसी कारण से लिवर की प्रक्रिया प्रभावित हो जाती है, तो वह वसा को तोड़ने की प्रक्रिया को अंजाम नहीं दे पाता। फलस्वरूप लिवर में अतरिक्त वसा का जमाव होने लगता है। इस कारण फैटी लिवर की समस्या पैदा हो जाती है।
विशेष बीमारियां- मोटापा, डायबिटीज और हाई-ट्राइग्लिसराइड्स (खून में पाया जाने वाला एक प्रकार का फैट) जैसी समस्याएं लिवर संबधी जोखिमों को बढ़ाने का कारण बनती हैं। नजीतन इन स्थितियों में फैटी लिवर होने की संभावना अत्यधिक प्रबल हो जाती है।
शराब का सेवन- शराब का अधिक सेवन करने से भी फैटी लिवर की समस्या हो जाती है। समय रहते इस पर कंट्रोल न किया जाए, तो लिवर की पूरी तरह से खराब होने की आशंका प्रबल हो जाती हैं।
तेजी से वजन घटाना- कई लोग तेजी से वजन घटाने के चक्कर में फैटी लिवर की समस्या को न्योता दे जाते हैं। कारण यह है कि लिवर पाचन प्रक्रिया में प्रमुख भूमिका निभाता है। जरूरी आहार न मिल पाने की स्थिति में लिवर की प्रक्रिया प्रभावित होती है। फलस्वरूप लिया जाने वाला आहार सीधे वसा के रूप में लिवर में जमा होने लगता है।
नोट– कुछ लोगों में उपरोक्त दिए किसी भी कारण के न होने के बावजूद भी फैटी लिवर की समस्या पाई जा सकती है।
फैटी लिवर के कारणों के बाद अब बात करते हैं इसके लक्षणों के बारे में।
फैटी लिवर के लक्षण – Symptoms of Fatty Liver in Hindi
आपको लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि फैटी लिवर की समस्या बहुत आम है। इसलिए शुरुआती दिनों में इसके कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते। जब फैटी लिवर के लक्षण नजर आते हैं तो बहुत देर हो चुकी होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज कई सालों या दशकों तक बिना किसी लक्षण के लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है। समस्या हद से ज्यादा बढ़ने की स्थिति में ही इससे संबंधित लक्षण दिखाई पड़ते हैं। इन्हें कुछ इस तरह पहचाना जा सकता है(1)।
थकान– फैटी लिवर के लक्षण में से एक यह है कि इसमें रोगी को अधिक थकान महसूस होती है। कारण यह है कि इस समस्या की वजह से रोगी में ऊर्जा की कमी होने लगती है।
वजन का घटना– फैटी लिवर पाचन प्रक्रिया को प्रभावित करता है। इस कारण शरीर में आहार से मिलने वाले जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। नतीजतन फैटी लिवर के लक्षण के रूप में रोगी का वजन तेजी से गिरने लगता है।
पेट की परेशानी– फैटी लिवर की समस्या पाचन प्रक्रिया में अवरोध पैदा करने का काम करती है। इस वजह से रोगी में पेट संबंधी कई परेशानियां देखी जा सकती हैं।
कमजोरी– पोषक तत्वों की उचित मात्रा न मिल पाने के कारण फैटी लिवर से ग्रस्त व्यक्ति को हर समय कमजोरी का एहसास होता रहता है।
भ्रम का अनुभव– फैटी लिवर के लक्षण में कभी-कभी इस बीमारी से ग्रस्त रोगी में भ्रम (confusion) की स्थिति भी देखी जा सकती है।
आगे लेख में हम जानेंगे फैटी लिवर से संबंधित जोखिम कारकों के बारे में।
फैटी लिवर के जोखिम कारक – Risk Factors of Fatty Liver in Hindi
फैटी लिवर के जोखिम कारकों की बात की जाए तो यह कई प्रकार के हैं। सही जानकारी और इनके प्रति सावधानी बरतने से काफी हद तक फैटी लिवर को बढ़ने से रोका जा सकता है। आइए इन कारकों पर डालते हैं एक नजर(2)(3)।
मोटापा– मोटापा फैटी लिवर के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक बढ़ता मोटापा इस समस्या को और भी अधिक गंभीर बना सकता है।
डायबिटीज– फैटी लिवर और डायबिटीज यह दोनों समस्याएं एक दुसरे से जुड़ी हुई हैं। कई मामलों में फैटी लिवर बल्ड में शुगर की अधिक मात्रा का कारण बनता है। वहीं डायबिटीज की समस्या भी फैटी लिवर के जोखिम को बढ़ा सकती है।
हाई कोलेस्ट्रॉल– ब्लड में हाई कोलेस्ट्रॉल की मात्रा फैटी लिवर की समस्या को अधिक बढ़ा सकती है। इसलिए समय रहते इसे कंट्रोल किया जाना जरूरी है।
हाई ट्राइग्लिसराइड्स– फैटी लिवर की समस्या के लिए हाई ट्राइग्लिसराइड्स बड़ा जोखिम कारक साबित हो सकता है। इसकी अधिक मात्रा को नियंत्रित किया जाना बहुत जरूरी है, अन्यथा लिवर फेलियर की स्थिति भी पनप सकती है।
हाई ब्लड प्रेशर– फैटी लिवर एसिड के जोखिम कारकों में से एक हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी है। फैटी लिवर की समस्या से निजात पाने के लिए जरूरी होगा कि बीपी को कंट्रोल किया जाए।
तेजी से वजन घटाना– वजन घटाने की तीव्र इच्छा भी आपको फैटी लिवर की समस्या से ग्रस्त बना सकती है। कारण यह है कि वजन घटाने की लालसा में व्यक्ति संतुलित आहार को भी छोड़ देता है। इस वजह से पाचन प्रक्रिया प्रभावित होकर लिवर पर बुरे असर डालती है।
गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी– विशेषज्ञों के मुताबिक कई मामलों में गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी के बाद रोगी में फैटी लिवर की समस्या को देखा जाता है।
आंतो से संबंधित बीमारी– आंतो की बीमारी भी फैटी लिवर की समस्या का कारण बन सकती है।
विशेष दवाओं का असर– विशेषज्ञों के मुताबिक कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स और कैंसर ड्रग्स जैसी कुछ विशेष दवाएं फैटी लिवर होने का कारण बन सकती हैं।
आगे लेख में हम जानेंगे फैटी लिवर से छुटकारा दिलाने वाले कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में।
फैटी लिवर के घरेलू इलाज – Home Remedies To Cure Fatty Liver in Hindi
आपके किचन में कई ऐसी चीजें पाई जाती हैं, जो फैटी लिवर का इलाज करने में आपकी मदद कर सकती हैं। आइए उनके बारे में थोड़ा विस्तार से जानते हैं।
1. हल्दी से फैटी लिवर का उपचार
सामग्री
- एक गिलास दूध
- एक चम्मच हल्दी
कैसे करें इस्तेमाल
- पहले दूध को गर्म करें।
- उसमें एक चम्मच हल्दी डालें।
- उसे अच्छे से मिला लें।
- फिर हल्दी के इस दूध को पी लें।
- इस प्रक्रिया को प्रतिदिन दोहराएं।
कैसे है लाभदायक
हल्दी मेंएंटी इन्फ्लामेट्री, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीफंगल, एंटी वायरल और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। हल्दी में पाए जाने वाले यही गुण लिवर संबंधित बीमारियों की रोकथाम करने में मदद करते हैं। साथ ही यह गुण ऑक्सीडेटिव तनाव, लिपिड को संतुलित करने और इंसुलिन की प्रक्रिया में सुधार करने में भी लाभदायक साबित होते है। इसलिए हल्दी को लिवर संबंधी सभी विकारों को दूर करने में सहायक माना जा सकता है(4),(5)।
2. ग्रीन-टी फैटी लिवर में मददगार
सामग्री
- एक चम्मच ग्रीन-टी
- दो कप पानी
कैसे करें इस्तेमाल
- पहले पैन में दो कप पानी डाल कर उसे उबलने के लिए रख दें।
- एक बार उबाल आ जाने पर उसमें एक चम्मच ग्रीन-टी डालें।
- एक बार फिर उबाल आने का इंतजार करें।
- उबाल आने के बाद गैस बंद कर दें और ग्रीन टी को कप में छान लें।
- मिठास के लिए इसमें आधा चम्मच शहद मिलाएं।
- ग्रीन टी का सेवन दिन में 2 से 3 बार तक किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक
आपको पहले ही बताया जा चुका है कि ग्रीन टी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण कई तरह से स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। वहीं सबसे अहम और खास हैं, इसमें पाए जाने वाले पॉलीफिनोल्स (ऑर्गेनिक केमिकल्स)। विशेषज्ञों के मुताबिक इसमें पाए जाने वाले यह पॉलीफिनोल्स लिवर संबंधित सभी जोखिमों को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। इसलिए फैटी लिवर का इलाज करने के लिए ग्रीन-टी को उपयोग में लाया जा सकता है(6)(7)।
3. सेब का सिरका फैटी लिवर में सहायक
सामग्री
- एक चम्मच सेब का सिरका
- एक चम्मच शहद
- एक गिलास गर्म पानी
कैसे करें इस्तेमाल
- एक गिलास गर्म पाने में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाएं।
- इसके बाद उसमें एक चम्मच शहद डालें।
- उसे अच्छी तरह मिलाएं।
- अब इस मिश्रण का सेवन करें।
- दिन में 1 से 2 बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
कैसे है लाभदायक
बता दें सेब के सिरके में एसिटिक एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है(8)। यह उपापचय (Metabolism) की क्रिया को तेज कर शरीर में मौजूद अतिरिक्त वसा को गलाने का काम करता है। साथ ही इसमें पाए जाने वाले एंटीटॉक्सिन गुण लिवर में मौजूद विषैले पदार्थों को दूर करने में सहायक साबित होते हैं। इस कारण सेब के सिरके को फैटी लिवर से निजात पाने का एक सटीक उपाय माना जा सकता है(9)।
4. फैटी लिवर में नींबू
सामग्री
- आधा नींबू
- एक गिलास पानी
कैसे करें इस्तेमाल
- एक गिलास गुनगुना पानी लें।
- उसमें नींबू का रस मिलाएं।
- नींबू मिले इस पानी को पी जाएं।
- इस प्रक्रिया को दिन में 1 से 2 बार दोहराया जा सकता है।
- आप नींबू का इस्तेमाल सलाद के साथ भी कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक
नींबू में सिट्रिक एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो एक कारगर एंटीऑक्सीडेंट है। शोधकर्ताओं के मुताबिक नींबू में पाया जाने वाला यह गुण फैटी लिवर के दौरान होने वाली ऑक्सीडेशन प्रक्रिया को रोकने का काम करता है। इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि फैटी लीवर का इलाज करने के लिए नींबू को नियमित प्रयोग में लाया जा सकता है(10)।
5. फैटी लिवर में आंवला
सामग्री
- दो आंवलें
- एक गिलास पानी
- एक चम्मच शहद
कैसे करें इस्तेमाल
- आंवले के बीज निकाल कर उसके टुकड़े कर लें।
- आंवले के टुकड़े और पानी को ग्राइंडर में डाल कर अच्छे से ग्राइंड कर लें।
- फिर इसे छानकर अलग कर लें।
- इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पी जाएं।
- इस प्रक्रिया को दिन में 1 से 2 बार दोहराया जा सकता है।
- आप सीधे कच्चा आंवला या आंवले का मुरब्बा भी खा सकते हैं।
कैसे है लाभदायक
विशेषज्ञों के मुताबिक आंवले में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो लिवर के लिए सहायक प्रोटीन को बढ़ाने का काम करते हैं। यह सहायक प्रोटीन लिपिड संबंधी उपापचय (मेटाबोलिज्म) क्रिया को तेज कर लिवर संबंधी जोखिमों को कम करने में मदद प्रदान करते हैं। इसलिए ऐसा माना जा सकता है कि आंवले का उपयोग फैटी लिवर की समस्या से निजात पाने का एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है(11)।
6. करेला का उपयोग (Bitter Gourd)
सामग्री
- दो करेले
- नींबू का रस (आवश्यकतानुसार)
- नमक स्वादानुसार
- 1 गिलास पानी
कैसे करें इस्तेमाल
- करेले के छोटे-छोटे कर लें।
- इन टुकड़ों में से बीज निकाल कर अलग कर दें।
- अब इन टुकड़ों पर नमक लगाएं, ताकि इनकी कड़वाहट कुछ कम हो सके।
- इसे आधे घंटे के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
- इसके बाद करेले को ग्राइंडर या जूसर में डाले और अच्छे से ग्राइंड कर लें।
- बाद में तैयार हुए पेस्ट को कपड़े या छन्नी की मदद से छान लें।
- इसमें आवश्यकतानुसार नींबू का रस और नमक मिलाकर पी जाएं।
- इस प्रक्रिया को प्रतिदिन एक बार दोहराएं।
कैसे है लाभदायक
विशेषज्ञों के मुताबिक करेला में इन्फ्लामेशन और ऑक्सीडेटिव तनाव को रोकने के चमत्कारिक गुण पाए जाते हैं। साथ ही इसमें फैटी लिवर के विकास में सहायक लिपिड को नियंत्रित करने की क्षमता होती है। इसलिए इसका उपयोग फैटी लीवर का इलाज करने के लिए किया जा सकता है(12)।
7. व्हीट ग्रास फैटी लिवर में लाभकारी
सामग्री
- 8 से 10 व्हीट ग्रास
- एक गिलास पानी
कैसे करें इस्तेमाल
- व्हीट ग्रास और पानी को ग्राइंडर में डालें और अच्छे से ग्राइंड कर लें।
- बाद में इसे सूती कपड़े की मदद से छान लें।
- अब इसे तुरंत पी जाएं।
- ध्यान रहे, इसमें नींबू या नमक बिलकुल न डालें।
- इस प्रक्रिया को दिन में 2 से 3 बार दोहराएं।
कैसे है लाभदायक
विशेषज्ञों ने किए गए शोध में पाया कि व्हीट ग्रास में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहे मरीजों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है। साथ ही किए गए शोध में यह भी पाया गया कि शराब के सेवन से उत्पन्न फैटी लिवर की समस्या को दूर करने में व्हीट ग्रास का उपयोग काफी लाभदायक साबित हो सकता है(13)।
8. अलसी का बीज
सामग्री
- एक चम्मच अलसी के बीज का पाउडर
- एक गिलास गर्म पानी
- नींबू का रस (स्वाद के लिए)
- शहद (स्वाद के लिए)
कैसे करें इस्तेमाल
- अलसी के बीज के पाउडर को गर्म पानी में डालें।
- उसे अच्छे से मिलाएं।
- इस मिश्रण में स्वादानुसार नींबू का रस और शहद मिलाएं।
- फिर इसे पी जाएं।
- इस प्रक्रिया को दिन में 2 से 3 बार दोहराया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक
एक शोध में विशेषज्ञों ने पाया कि अलसी के बीज में पाए जाने वाले खास पोषक तत्व फैटी लिवर की समस्या को दूर करने में सहायक साबित हो सकते हैं। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि फैटी लिवर का उपचार करने में अलसी का बीज मददगार साबित हो सकता है(14)।
9. फलों का उपयोग
फैटी लिवर की समस्या में फलों के उपयोग की बात करें तो इनका इस्तेमाल आपको इस समस्या से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकता है। कारण यह है कि फलों में पाए जाने वाले डायट्री फाइबर्स मोटापे की समस्या से निजात दिलाने में सहायक होते हैं। वहीं लेख में आपको पहले ही बताया जा चुका है कि मोटापा फैटी लिवर के लिए एक बड़ा जोखिम कारक माना जाता है। ऐसे में फलों के इस्तेमाल से मोटापे को कंट्रोल कर काफी हद तक फैटी लिवर की समस्या से राहत पाई जा सकती है(15)।
10. फैटी लिवर में अदरक फायदेमंद
सामग्री
- अदरक का एक टुकड़ा
- एक कप गर्म पानी
- शहद (स्वादानुसार)
कैसे करें इस्तेमाल
- एक कप गर्म पानी में अदरक के टुकड़े को डालें।
- पांच से दस मिनट के लिए उसे ऐसे ही छोड़ दें।
- अदरक की कड़वाहट को कम करने के लिए स्वादानुसार शहद डालें।
- शहद को अच्छे से मिलाने के बाद उसे पी लें।
- इस प्रक्रिया को दिन में तीन से चार बार दोहराएं।
कैसे है लाभदायक
विशेषज्ञों के मुताबिक अदरक में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और हाइपोलिपिडेमिक (वसा को तोड़ने वाले) प्रभाव पाए जाते हैं। इसलिए ऐसा माना जाता है कि फैटी लिवर का उपचार करने में यह प्रभाव लाभकारी साबित हो सकते हैं(16)।
11. फैटी लिवर में एलोवेरा
सामग्री
- एलोवेरा की दो पत्तियां
- आधा गिलास पानी
- नमक (स्वादानुसार)
कैसे करें इस्तेमाल
- एलोवेरा की पत्तियों से गूदे वाले भाग को अगल कर लें।
- उसे ग्राइंडर में डालें और उसमें आधा गिलास पानी मिलाएं।
- उसे अच्छे से ग्राइंड करें।
- तैयार हुए जूस में स्वादानुसार नमक डाल कर पी जाएं।
- इस प्रक्रिया को प्रतिदिन दोहराएं।
कैसे है लाभदायक
विशेषज्ञों के मुताबिक एलोवेरा में हाइपोग्लाइसेमिक (ब्लड शुगर कम करने) और एंटीओबेसिटी (मोटापा घटाने वाले) गुण पाए जाते हैं। इन्हीं गुणों पर किए गए शोध से इस बात की पुष्टि हुई कि एलोवेरा का नियमित उपयोग फैटी लिवर की समस्या से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकता है(17)।
12. फैटी लिवर में पपीता का इस्तेमाल
सामग्री
- पपीते के पांच से छह टुकड़े
- आधा गिलास दूध
कैसे करें इस्तेमाल
- पपीते के टुकड़ों को ग्राइंडर में दूध के साथ डालें।
- उसे अच्छे से मिक्स होने दें।
- फिर तैयार हुए शेक पी लें।
- इस प्रक्रिया को प्रतिदिन दोहराएं।
नोट– आप चाहें तो पपीता के टुकड़ों को सीधा खाने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक
विशेषज्ञों के मुताबिक पपीता में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो कि फैटी लिवर की समस्या में लाभदायक सिद्ध होता है। इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि पपीते का उपयोग इस समस्या में फायदेमंद साबित हो सकता है(18)।
13. प्याज फैटी लिवर में मददगार
सामग्री
- प्याज के चार टुकड़े
कैसे करें इस्तेमाल
- प्याज के चार टुकड़े सुबह शाम खाने के साथ इस्तेमाल करें।
- किसी भी सामान्य आहार को तैयार करने में प्याज को शामिल करें।
- खाने के साथ सलाद बनाकर भी इसका प्रयोग किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक
विशेषज्ञों के मुताबिक प्याज में पाए जाने वाले कुछ विशेष तत्व फैटी लिवर के जोखिम को कम करने में सक्षम होते हैं। इस संबंध में किए गए एक शोध में भी इस बात की पुष्टि हुई है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि फैटी लिवर का उपचार करने में प्याज का उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है(19)।
14. मुलेठी (लिकोरिस) का फैटी लिवर में उपयोग
सामग्री
- आधा चम्मच (छोटा) मुलेठी के बीज का चूर्ण
- आधा कप गर्म पानी
कैसे करें इस्तेमाल
- आधे कप गर्म पानी में मुलेठी के बीज का चूर्ण डालें।
- उसे 10 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
- फिर उसे छान कर पी लें।
- इस प्रक्रिया को एक सप्ताह तक प्रतिदिन दोहराएं।
- फिर कुछ हफ्ते के अंतराल के बाद इस प्रक्रिया को दोहराएं।
कैसे है लाभदायक
इस संबंध में किए गए शोध के आधार पर विशेषज्ञों का मानना है कि मुलेठी या उसके बीज का प्रयोग शराब के अधिक सेवन से पैदा हुई फैटी लिवर की समस्या से राहत दिलाने का काम कर सकता है। बताया जाता है कि इसमें पाए जाने वाले एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण इस समस्या से निजात दिलाने में सक्षम माने जाते हैं(20)।
नोट– मुलेठी का उपयोग सर्दियों के दिनों में करने से बचना चाहिए। कारण है इसकी ठंडी तासीर। अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।
15. टमाटर का उपयोग
सामग्री
- दो टमाटर
कैसे करे इस्तेमाल
- टमाटर को सलाद के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
- टमाटर के टुकड़े काटकर इसे सीधे भी खाया जा सकता है।
- खाद्य पदार्थों को बनाते वक्त इसे शामिल करें।
- सूप या चटनी बनाकर भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक
विशेषज्ञों के मुताबिक टमाटर में पाया जाने वाला खास तत्व लाइकोपीन (lycopene) शराब के उपयोग से लिवर में आने वाली सूजन और क्षति को ठीक करने में सहायक साबित होता है। इस कारण यह कहा जा सकता है कि फैटी लिवर की समस्या को दूर करने में टमाटर का उपयोग लाभकारी साबित होता है(21)।
नोट– विशेषज्ञों का मानना है कि शराब के सेवन के साथ टमाटर का उपयोग हानिकारक साबित हो सकता है।
16. मिल्क थिसल
सामग्री
- एक से दो चम्मच (छोटा) मिल्क थिसल टी
- एक कप गर्म पानी
- शहद (स्वाद के लिए)
कैसे करें इस्तेमाल
- आधे कप गर्म पानी में एक या दो चम्मच मिल्क थिसल टी डालें।
- पांच से 10 मिनट के लिए उसे ऐसे ही छोड़ दें।
- उसमें थोड़ा शहद (स्वाद के लिए) मिलाएं और पी लें।
- इस प्रक्रिया को दिन में दो से तीन बार दोहराएं।
कैसे है लाभदायक
विशेषज्ञों के मुताबिक मिल्क थिसल में सिलीमरीन नाम का एक खास तत्व पाया जाता है। इस तत्व में एंटीऑक्सीडेंट और डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं, जो सिरोसिस (लिवर संबंधित बीमारी) के जोखिम को कम करने में सहायक साबित हो सकते हैं। इस वजह से ऐसा कहा जा सकता है कि मिल्क थिसल का उपयोग फैटी लिवर की समस्या से निजात पाने में लाभकारी सिद्ध हो सकता है(22)।
फैटी लिवर से संबंधित घरेलू उपचारों को जानने के बाद अब हम बात करेंगे फैटी लिवर के इलाज के बारे में।
फैटी लिवर का इलाज – Treatment of Fatty Liver in Hindi
फैटी लिवर ट्रीटमेंट की बात की जाए तो अभी तक इसकी कोई निश्चित दवा या इलाज नहीं पाया गया है। चिकित्सक केवल इस समस्या से बचने के तरीके और उपाय की जानकारी दे सकता है। वहीं समस्या बढ़ जाने की स्थिति में आपको ऑपरेशन या लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी जा सकती है, क्योंकि लास्ट स्टेज पर यही मात्र विकल्प शेष रह जाते हैं। आइए कुछ बिन्दुओं के माध्यम से उन उपायों के बारे में जानते हैं, जिन्हें फैटी लिवर ट्रीटमेंट के दौरान चिकित्सक द्वारा अपनाने की सलाह दी जाती है(23)(24)।
- यदि शराब पीने के आदि है तो उसका उपयोग बंद कर दें या कम करें।
- बढ़े हुए केलेस्ट्रोल को कम करने के तरीकों अपना कर उसकी मात्रा को नियंत्रित करें।
- यदि आप मोटापे के शिकार हैं तो वजन घटाने का प्रयास करें।
- फिजिकल एक्टिविटी की सलाह दी जा सकती है।
- कुछ खानों से परहेज करने की सलाह दी जा सकती है।
- वजन कम करने के चक्कर में खाना-पीना न छोड़ें अन्यथा जोखिम बढ़ सकता है।
- यदि शुगर के मरीज है तो आपको उसे नियंत्रित करने वाली दवा लेने की सलाह दी जा सकती है।
- यदि आप डायबिटिक नहीं है और नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर की समस्या से परेशान है तो विटामिन ई लेने की सलाह दी जा सकती है।
- आहार संबंधित सलाह दी जा सकती है, जिसे अपना कर फैटी लिवर की समस्या में राहत पाई जा सकती है।
फैटी लिवर ट्रीटमेंट के बारे में जानने के बाद हम इस समस्या के निदान के बारे में बात करेंगे।
फैटी लिवर का निदान – Diagnosis of Fatty Liver in Hindi
फैटी लिवर का निदान आसान नहीं है। कारण यह है कि शुरुआती दिनों में फैटी लिवर के कोई भी लक्षण नजर नहीं आते। हां यह जरूर हो सकता है कि किसी समस्या के लिए आप डॉक्टर के पास जाएं और उसे उस समस्या को देखकर शक हो जाए कि आप फैटी लिवर की समस्या से परेशान हैं। इस बात की पुष्टि के लिए वह कुछ टेस्ट करा सकता है। जिनके माध्यम से इस बीमारी के होने का पता आसानी से लगाया जा सकता है। आइए फैटी लिवर के निदान के लिए किए जाने वाले सभी टेस्ट को क्रमवार समझते हैं(23)।
- मेडिकल हिस्ट्री का परीक्षण।
- ब्लड टेस्ट, इमेजिंग टेस्ट का परीक्षण।
- लिवर में वसा की मात्रा और कठोरता संबंधी जांच।
- संदेह गहरा होने पर पुष्टि के लिए बायोप्सी सहित विभिन्न परीक्षण।
- पुष्टि होने की स्थिति में शराब सेवन से संबंधित सवाल ताकि पता कर सके कि बीमारी एल्कोहलिक फैटी लिवर है या नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर।
- यदि आप पहले से किसी दवा का नियमित सेवन कर रहे हैं तो उससे बारे में आपसे पूछा जाएगा। यह जानने के लिए कि कहीं कोई खास दवा इस बीमारी का कारण न बन रही हो।
- शारीरिक जांच में वजन और ऊंचाई का परीक्षण किया जाएगा। यह जाने के लिए कि कहीं मोटापा इसकी वजह तो नहीं।
अब बात करते हैं फैटी लिवर की समस्या से राहत पाने के लिए की जाने वाली एक्सरसाइज के बारे में।
फैटी लिवर के लिए एक्सरसाइज – Exercises For Fatty Liver in Hindi
इस संबंध में किए गए शोध में पाया गया कि हाई इंटेंसिटी के साथ कम मात्रा में की गई एक्सरसाइज (एरोबिक्स) फैटी लिवर की समस्या में सुधार के लक्षण प्रदर्शित करती है। वहीं दूसरी ओर इसके उलट यदि कम इंटेंसिटी के साथ अधिक एक्सरसाइज (एरोबिक्स) की जाती है, तो उसका भी पहले की तरह बेहतर असर दिखाई देता है। इस संबंध में निष्कर्ष और निचोड़ की बात की जाए तो ऐसा माना जा सकता है कि अन्य एक्सरसाइज के मुकाबले एरोबिक्स की सहायता से फैटी लिवर की समस्या से राहत पाई जा सकती है(24)(25)।
अब समय है फैटी लिवर से बचने के उपाय के बारे में जानने का।
फैटी लिवर से बचने के उपाय – Prevention Tips for Fatty Liver in Hindi
फैटी लिवर से बचने के उपाय कुछ इस प्रकार हैं(1)।
- शारीरिक पोषण का ध्यान रखते हुए मोटापा कम करें।
- आहार और दवा दोनों के माध्यम से बढ़ी हुई ट्रिगलिसिराइड की मात्रा को कम करें।
- शराब से दूरी बनाकर रखें।
- डायबिटीज की समस्या को नियंत्रित करें।
- संतुलित और स्वस्थ आहार का इस्तेमाल करें।
- शारीरिक गतिविधियों (फिसिकल एक्टिविटी)पर ध्यान दें।
- अपने चिकित्सक से लगातार संपर्क में रहें।
अब तो आप फैटी लिवर की समस्या, लक्षण और इलाज के बारे में अच्छे से जान गए होंगे। लेख में आपको इस समस्या से निजात पाने के कई घरेलू उपचारों के बारे में बताया गया है। वहीं इसके निदान और इससे बचाव के भी विस्तृत तरीके आपको लेख के माध्यम से सुझाए गए हैं। ऐसे में यदि आप भी फैटी लिवर की समस्या से झूझ रहे हैं और इससे निजात पाने के तरीके ढूंढ रहे हैं, तो लेख में दी गई सभी जानकारियों को अच्छे से पढ़ें और फिर उन्हें अमल में लाएं। आशा करते हैं कि यह लेख आपको फैटी लिवर की समस्या से राहत पाने में मददगार साबित होगा। इस विषय में किसी अन्य प्रकार के सुझाव और सवालों के लिए आप हमसे नीचे दिए कमेंट बॉक्स के माध्यम से जुड़ सकते हैं।
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