मच्छर के काटने को लेकर बहुत लोग गंभीर होते हैं, वहीं कुछ लोग इसे सामान्य समझ नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन आपको बता दें कि एक छोटा सा मच्छर इंसान की जान तक ले सकता है। एक मच्छर कई बीमारियों का कारण बन सकता है और डेंगू उन्हीं में से एक है। आए दिन अखबारों और समाचारों में डेंगू बुखार से लोगों की मरने की खबरें आते रहती है। इसलिए ऐसे में जरूरी है कि वक्त रहते डेंगू से बचाव के लिए सावधानी बरती जाए। ऐसे में डेंगू बुखार के घरेलू उपचार आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं।
हमने पहले ही हमारे एक आर्टिकल में मलेरिया के घरेलू इलाज के बारे में जानकारी दी थी, अब इस लेख के जरिए हम आपको न सिर्फ डेंगू बुखार के लक्षण बताएंगे बल्कि डेंगू बुखार के घरेलू उपचार की जानकारी भी देंगे।
डेंगू क्या है – What is Dengue Fever in Hindi
डेंगू एक प्रकार का वायरल बुखार है जो एडीज मच्छरों (Aedes) के काटने से होता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। वायरस फैलाने वाले डेंगू के मच्छर दिन के वक्त सक्रीय रहते हैं। आपको यह बात चौंका दे कि दुनिया की लगभग आधी आबादी को अब इस बीमारी का खतरा है(1),(2)।
लेख के आगे के भाग में हम आपको डेंगू के कारण की जानकारी थोड़े विस्तार से देंगे।
डेंगू के कारण – Causes of Dengue Hindi
डेंगू बुखार मुख्य रूप से एडीस परिवार से जुड़े मच्छरों की वजह से होता है, जिसमें एडीज एजिप्टी (Aedes aegypti) मच्छर सबसे आम है। जब यह मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो वायरस उस व्यक्ति में चला जाता है। वायरस से संक्रमित व्यक्ति को काटा हुआ मच्छर अगर किसी अन्य व्यक्ति को काट ले तो उसे भी डेंगू होने का खतरा बढ़ जाता है। डेंगू के वायरस चार प्रकार के सिरोटाइप के होते हैं-
- डेनवी – 1 (DENV-1)
- डेनवी – 2 (DENV-2)
- डेनवी – 3 (DENV-3)
- डेनवी – 4 (DENV-4)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर किसी को इनमें से किसी भी एक प्रकार के वायरस से संक्रमण हो चुका है तो वो जीवनभर उस प्रकार के डेंगू वायरस के संक्रमण से बच जाता है। हालांकि बाकी के तीन प्रकार के संक्रमण से वो कुछ ही वक्त तक सुरक्षित रहता है और साथ ही साथ उसे अन्य गंभीर समस्याएं भी हो सकती है(3)।
किसी भी बीमारी का तब तक सही ढंग से इलाज नहीं हो सकता जब तक उसके लक्षण पकड़ में न आए। अगर आपको डेंगू बुखार के घरेलू उपचार करने है तो आपको डेंगू बुखार के लक्षण जानने भी जरूरी है। नीचे हम उसी से संबंधित कुछ जानकारियां दे रहे हैं।
डेंगू के लक्षण – Symptoms of Dengue in Hindi
डेंगू ट्रीटमेंट यानी डेंगू का इलाज करने के लिए आपको सिम्पटम्स ऑफ़ डेंगू मतलब डेंगू के लक्षण जानने जरूरी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सामान्य बुखार और डेंगू बुखार के लक्षण में अंतर करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है क्योंकि डेंगू के लक्षण लगभग सामान्य बुखार जैसे ही होते हैं। फिर भी नीचे हम आपको डेंगू के लक्षण क्या है उस बारे में आपको बता रहे हैं(4), (5)।
- मांसपेशियों में दर्द
- थकान
- त्वचा पर लाल चकत्ते
- सर्दी-जुकाम
- उल्टी या जी मिचलाना
- नाक बंद होना
- सिरदर्द
- गले में खराश
- जोड़ों में दर्द
- खांसी
- आंखों में दर्द
अब लेख के आगे के भाग में हम उस बारे में जानकारी देंगे जिसपर यह पूरा लेख आधारित है यानी डेंगू के घरेलू उपचार।
डेंगू के घरेलू उपचार – Home Remedies for Dengue in Hindi
नीचे हम आपको डेंगू बुखार के उपचार बताएंगे, हालांकि इनमें से कुछ के बारे में आप पहले से ही जानते होंगे, लेकिन कुछ उपचार आपके लिए नए हो सकते हैं।
1. मेथी के पत्ते
सामग्री
- एक चम्मच मेथी के सूखे पत्ते
- एक गिलास पानी
बनाने की विधि
- मेथी के पत्तों को पानी में डालकर उबालें।
- उबालने के बाद मेथी के पानी छान लें और चाय की तरह सेवन करें।
कितनी बार सेवन करें ?
जब तक आप ठीक न हो जाए तब तक रोजाना दो से तीन बार इस उपाय को करें।
कैसे फायदेमंद है ?
मेथी में मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीपायरेटिक (antipyretic) गुण डेंगू बुखार को कम करने में मदद कर सकते हैं। खासकर मेथी के पत्तों का पानी डेंगु बुखार के लिए फायदेमंद हो सकता है। यह शरीर को अंदर से साफ करने और शरीर को आराम पहुंचाने का काम करता है, जो डेंगू बुखार के दौरान बहुत जरूरी है(4),(5), (6)। आप मेथी के बीज का भी उपयोग कर सकते हैं।
2. पपीते के पत्ते
सामग्री
एक मुट्ठी पपीते के पत्ते
बनाने की विधि
- एक मुट्ठी पपीते के पत्तों को पीस लें।
- फिर पपीते के पत्तों का अर्क निकाल लें।
- आप इस अर्क को सीधे ले सकते हैं या स्वाद को बेहतर बनाने के लिए इसमें थोड़ा पानी और शहद मिलाकर पी सकते हैं।
कितनी बार सेवन करें ?
डेंगू के दौरान हर रोज तीन से चार बार इसका सेवन करें।
कैसे फायदेमंद है ?
डेंगू बुखार के दौरान पपीते के पत्तों का अर्क सबसे आम और असरदार उपायों में से एक है(5)। पपीते के पत्ते विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट से समृद्ध होते हैं, जो इम्यून पावर में सुधार करने के साथ-साथ ब्लड प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है, हालांकि इसके लिए और ठोस प्रमाण की जरूरत है (7),(8)।
3. गिलोय के पत्ते
सामग्री
- 500 से 1000 मिलीग्राम गिलोय अर्क
- एक कप पानी
बनाने की विधि
- एक कप गर्म पानी में गिलोय का अर्क मिलाएं।
- इसे अच्छी तरह मिलाकर इस मिश्रण का सेवन करें।
- आप चाहें तो डॉक्टर की सलाह पर गिलोय की टैबलेट या कैप्सूल का सेवन कर सकते हैं।
कितनी बार सेवन करें ?
ऐसा रोजाना 1 से 2 बार करें।
कैसे फायदेमंद है ?
गिलोय एक पौधा है जो आमतौर पर भारत के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो कई तरह की स्वास्थ्य समस्या से लड़ने में मददगार हो सकता है(9)। इतना ही नहीं गिलोय एंटीपायरेटिक (antipyretic) यानी ज्वरनाशक भी है और इसलिए यह पुराने से पुराने बुखार को कम करने में प्रभावी हो सकता है(10)। यह पौधा रक्त प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है। इस प्रकार यह डेंगू बुखार के इलाज के लिए सबसे अच्छे प्राकृतिक विकल्पों में से एक है(6)।
4. तुलसी के पत्ते
सामग्री
- एक मुट्ठी तुलसी के पत्ते
- एक चुटकी काली मिर्च
- दो कप पानी
- शहद (वैकल्पिक)
बनाने की विधि
- तुलसी के पत्तों को दो कप पानी में उबाल लें।
- इसमें एक चुटकी काली मिर्च पाउडर डालें।
- 5 मिनट के लिए उबलने दें फिर छान लें।
- मिश्रण को थोड़े देर के लिए ठंडा होने दें फिर इसमें स्वाद के लिए शहद मिलाएं
- फिर इस मिश्रण का सेवन करें।
कितनी बार सेवन करें ?
डेंगू के दौरान इस उपाय को रोजान दो से तीन बार करें।
कैसे फायदेमंद है ?
तुलसी न सिर्फ पूजा के लिए बल्कि अपने औषधीय गुणों के लिए भी जानी जाती है। इसकी पत्तियों में कुछ अद्भुत औषधीय गुण होते हैं, जिनका उपयोग विभिन्न संक्रमणों के उपचार में किया जा जाता है। इसके अलावा यह एक प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है। इसमें एंटीमाइक्रोबायल (antimicrobial) गुण भी होते हैं जो डेंगू वायरस को खत्म करने में मदद कर सकते हैं(11)।
5. बकरी का दूध
सामग्री
एक कप बकरी का दूध
बनाने की विधि
- एक कप बकरी का दूध गर्म करें।
- थोड़ी देर दूध को ठंडा होने के लिए रख दें।
- पीने योग्य होने पर दूध का सेवन करें।
कितनी बार सेवन करें ?
आपको प्रतिदिन 1 से 2 बार बकरी का दूध पीना चाहिए।
कैसे फायदेमंद है ?
देखा गया है कि डेंगू बुखार के दौरान शरीर में सेलेनियम और रक्त प्लेटलेट की कमी होने लगती है। ऐसे में बकरी का दूध एक प्रभावी इलाज हो सकता है। यह डेंगू बुखार को ठीक करने के साथ-साथ शरीर में सेलेनियम की पूर्ति और रक्त प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने का काम करता है(12)।
6. नीम के पत्ते
सामग्री
- थोड़े से नीम के पत्ते
- एक कप पानी
- एक चम्मच शहद
बनाने की विधि
- एक कप पानी में नीम के पत्ते डालकर उबाल लें।
- अब नीम के पानी को छान लें और ठंडा होने के लिए छोड़ दें।
- जब नीम का पानी गुनगुना हो जाए तो इसमें शहद मिलाकर सेवन करें।
कितनी बार सेवन करें ?
इस उपाय को रोजाना दो से तीन बार करें।
कैसे फायदेमंद है ?
नीम कई सालों से एक प्राकृतिक औषधी के रूप में उपयोग किया जा रहा है। यह अपने एंटीवायरल गुणों के लिए जाना जाता है। नीम का प्रयोग शरीर की कई बीमारियों के इलाज में किया जा सकता है, जिसमें डेंगू बुखार भी शामिल है(13)। इसके अलावा नीम के पत्तों को डेंगू वाइरस के खिलाफ भी बहुत असरदार पाया गया है (14), (15)।
7. बार्ली ग्रास
सामग्री
- एक चम्मच बार्ली ग्रास पाउडर
- एक से दो कप गर्म पानी
- शहद (वैकल्पिक)
बनाने की विधि
- एक चम्मच बार्ली ग्रास पाउडर लें और इसे एक गिलास गर्म पानी में मिलाएं।
- पीने योग्य होने पर आवश्यकतानुसार थोड़ा शहद मिलाएं।
- प्रतिदिन बार्ली ग्रास के घोल का सेवन करें।
कितनी बार सेवन करें ?
अच्छे परिणाम के लिए रोजाना कम से कम दो इस उपाय को करें।
कैसे फायदेमंद है ?
बार्ली ग्रास में एंटीवायरल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो डेंगू बुखार में मददगार हो सकते हैं। इतना ही नहीं यह ब्लड प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने का काम भी कर सकते हैं(16)।
8. गोल्डनसील
सामग्री
- एक चम्मच गोल्डनसील की जड़
- एक कप गर्म पानी
- शहद आवश्यकतानुसार
बनाने की विधि
- एक कप गर्म पानी में एक चम्मच गोल्डनसील की जड़ों को मिलाएं।
- जड़ों को 5 से 10 मिनट तक पानी में रहने दें।
- अब इसे किसी कप में छान लें और इसमें शहद मिलाकर चाय की तरह पीएं।
- वैकल्पिक रूप से, आप डॉक्टरी परामर्श पर 350-500 मिलीग्राम गोल्डनसील सप्लिमेंट भी ले सकते हैं।
कितनी बार सेवन करें ?
रोजाना दो बार गोल्डनसील चाय का सेवन करें।
कैसे फायदेमंद है ?
गोल्डनसील चाय के कई आश्चर्यजनक लाभ हैं, जिनमें से एक डेंगू का उपचार भी शामिल है। इसके अलावा यह
डेंगू से होने वाली अन्य परेशानियां जैसे – उल्टी या जी मिचलाने की समस्या को भी कम कर सकता है(16)।
9. अमरूद के पत्ते
सामग्री
- मुट्ठी भर अमरूद के पत्ते
- एक गिलास पानी
बनाने की विधि
- पानी में अमरूद के पत्तों को उबाल लें।
- अब इस पानी को छानकर पिएं।
- इसके अलावा आप पके हुए अमरूद का जूस पी सकते हैं या सीधे अमरूद का सेवन कर सकते हैं।
कितनी बार सेवन करें ?
डेंगू बुखार से जल्द निजात पाने के लिए रोजाना इस उपाय को करें।
कैसे फयदेमंद है?
डेंगू के बुखार के दौरान ब्लड प्लेटलेट में तेजी से गिरावट आती है ऐसे में अगर अमरूद के पत्तों या पके हुए अमरूद के जूस का सेवन किया जाए तो ब्लड प्लेटलेट बढ़ सकती हैं(17)।
10. सेब का जूस
सामग्री
- एक कप ताजा सेब का रस
- एक चम्मच नींबू का रस
बनाने की विधि
- एक कप सेब का रस लें और उसमें एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं।
- रोजाना इस जूस के मिश्रण का सेवन करें।
कितनी बार सेवन करें ?
इसे रोजाना 2 से 3 बार पिएं।
कैसे फायदेमंद है ?
आपने अंग्रेजी की वो कहावत तो सुनी ही होगी कि ‘एन एप्पल ए डे कीप्स द डॉक्टर अवे’ मतलब अगर डॉक्टर से दूर रहना है तो सेब खाओ। उसी तरह अगर डेंगू से छुटकारा पाना है तो अपनी डाइट में सेब का जूस या सेब को शामिल करें। सेब न सिर्फ शरीर को पोषण देकर कमजोरी दूर करता है बल्कि ये हल्का होता है और आसानी से पच भी जाता है(18)।
11. गुड़ और प्याज
सामग्री
- गुड़ का एक छोटा टुकड़ा
- दो से तीन छोटे प्याज
बनाने की विधि
- गुड़ का एक छोटा टुकड़ा लें और इसे प्याज के साथ कुचल दें।
- फिर प्याज-गुड़ के इस मिश्रण का सेवन करें।
कितनी बार सेवन करें ?
इस मिश्रण का सेवन दिनभर में दो बार करें।
कैसे फायदेमंद है ?
डेंगू बुखार के दौरान ब्लड प्लेटलेट की कमी होना एक चिंता का विषय है, ऐसे में गुड़-प्याज का उपाय कारगर साबित हो सकता है। वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार प्याज ब्लड प्लेटलेट को बढ़ाने के साथ-साथ इम्यून पावर में सुधार करता है। वहीं गुड़ डेंगू बुखार से छुटाकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकता है(19), (20)।
12. कीवी
सामग्री
एक कप कीवी का जूस
कैसे सेवन करें ?
- एक कप कीवी का जूस पिएं।
- आप सीधे कीवी भी खा सकते हैं।
कितनी बार सेवन करें ?
जब तक डेंगू बुखार खत्म न हो जाए रोजाना इस उपाय को दो बार करें।
कैसे फायदेमंद है ?
कीवी पोषक तत्वों का खजाना है, इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। इतना ही नहीं यह आयरन, विटामिन, मिनरल और अन्य कई पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। इसमें मौजूद विटामिन सी रोग-प्रतिरोधक क्षमता और प्लाज्मा में सुधार करता है और कई गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करने काम भी करते हैं(21),(22)।
13. अनार का रस
सामग्री
- एक या दो अनार
- छलनी
बनाने की विधि
- अनार से दानों को अलग कर लें।
- फिर अनार के दानों को छलनी में रखकर चम्मच की मदद से रस निकालें।
- अब इस रस का सेवन करें।
- आप चाहें तो रस में थोड़ा पानी मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं।
कितनी बार सेवन करें ?
हर रोज एक से दो बार इस जूस का सेवन करें।
कैसे फायदेमंद है ?
अनार पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो कमजोरी को दूर करने के साथ-साथ ब्लड प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में मदद करता है। जरूरी नहीं कि आप इसका सेवन सिर्फ डेंगू के दौरान ही करें, आप ऐसे सामान्य दिनों में भी इसका सेवन कर सकते हैं(6)।
14. विटामिन- के
डेंगू का दूसरा स्टेज होता है डेंगू हेमोरेजिक फीवर (Dengue hemorrhagic fever) जो कि सामान्य डेंगू से ज्यादा गंभीर होता है। यह अक्सर रक्तस्राव के साथ होता है। यहां विटामिन-के एक महत्वपूर्ण विकल्प हो सकता है क्योंकि यह डेंगू हेमोरेजिक फीवर में होने वाले अत्यधिक रक्तस्राव को रोकने का काम करता है(23)।
15. हल्दी
सामग्री
- एक चम्मच हल्दी पाउडर
- एक गिलास गर्म दूध
- शहद (वैकल्पिक)
बनाने की विधि
- एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी अच्छी तरह मिलाएं।
- अब इसमें थोड़ा शहद मिलाएं और दूध को ठंडा करके पिएं।
कितनी बार सेवन करें ?
रोजान रात से में सोने से पहले हल्दी दूध का सेवन करें।
कैसे फायदेमंद है ?
सालों से हल्दी दूध का सेवन एक औषधि के रूप में किया जा रहा है। हल्दी में एंटीवायरल गुण होते है, जो डेंगू से राहत दिलाने में मदद कर सकता है(24)(25)।
16. केकड़े का सूप (Crab Soup)
सामग्री
एक कटोरा केकड़े का सूप (प्रति भोजन 1 से 2 केकड़े)
कितनी बार सेवन करें ?
आप हर रोज कम से कम दो बार इस सूप का सेवन करें।
कैसे फायदेमंद है ?
केकड़े का सूप पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। ऐसे में माना जाता है कि केकड़े का सूप डेंगू बुखार के लक्षणों से राहत दिला सकता है(26), हालांकि इस बात की पुष्टि के लिए वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है कि केकड़े में ऐसे कौन से घटक हैं जिसमें एंटी-वायरल गुण मौजूद है(27)।
ये तो थे डेंगू के लक्षण और उपचार, अब नीचे जानिए डेंगू से बचाव के जरूरी टिप्स।
डेंगू से बचाव – Prevention Tips for Dengue in Hindi
- अपने घर और घर के आस-पास सफाई रखें।
- मच्छर भगाने वाले लिक्विड का उपयोग करें।
- मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाएं।
- बच्चों को और खुद भी लंबे हाथ वाले फुल कपड़े पहने।
- कूलर, फूलदान या किसी भी जगह जहां पानी बदलने की जरूरत होती है वहां हर रोज पानी बदलें।
- जितना हो सके खिड़की-दरवाजे बंद रखें और हो सके तो खिड़की पर जाली लगवा लें ताकि मच्छर अंदर न आ सके।
डेंगू बुखार कभी भी और किसी को भी हो सकता है, ऐसे में ऊपर बताए गए डेंगू के घरेलू उपचार आपकी मदद कर सकते हैं। लेकिन अगर ऊपर दिए गए डेंगू बुखार के घरेलू उपचार से आपको राहत नहीं मिल रही तो समझ जाएं कि आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है। अगर वक्त रहते डेंगू का इलाज नहीं किया गया तो यह जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए किसी भी तरह के बुखार को अनदेखा न करते हुए सबसे पहले डॉक्टर से बात कर ब्लड टेस्ट कराएं। अगर आप डेंगू के चपेट में आ चुके हैं तो डेंगू बुखार के घरेलू उपचार करें क्योंकि ऐसे में डेंगू का आयुर्वेदिक इलाज या घरेलू उपचार ही असर कर सकता है। इसके साथ ही अगर आपके पास भी डेंगू के घरेलू उपचार हैं जो इस लेख में नहीं है तो उसे हमारे साथ शेयर करें।
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