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Monday, July 29, 2019

गोमूत्र के फायदे, उपयोग और नुकसान – Cow Urine (Gomutra) Benefits in Hindi

भारत में गाय का दर्जा मां के समान है। इसे कामधेनु के नाम से भी जाना जाता है। यही कारण है कि गाय के दूध से लेकर उसके मूत्र व गोबर तक को पवित्र माना गया है। शास्त्रों में गाय का महत्व विस्तार से समझाया गया है। वहीं, आधुनिक युग की बात करें, तो विज्ञान ने भी इस बात की पुष्टि की है कि गाय के दूध और मूत्र में कई गुणकारी तत्व छुपे हैं। ये स्वास्थ्य के लिहाज से लाभकारी हैं। फिलहाल स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम सिर्फ गोमूत्र की बात करेंगे। हम आपको न सिर्फ गौमूत्र के फायदे बताएंगे, बल्कि गोमूत्र उपयोग करने के टिप्स भी देंगे।

गोमूत्र इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

गौ मूत्र इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें कई औषधीय गुण होते हैं। यह कैंसर, एडिमा, एनीमिया और मधुमेह जैसे रोगों को ठीक करने के काम आ सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि गोमूत्र में एंटीबायोटिक, एंटिफंगल और एंटीकैंसर गुण पाए जाते हैं। इसमें 95% पानी, 2.5% यूरिया, मिनरल्स, और 2.5% एंजाइम पाए जाते हैं। इसलिए, इसमें कोई संदेह नहीं कि यह आपके लिए लाभदायक है (1)।

आइए, अब गोमूत्र के फायदे के बारे में विस्तार से जानते हैं।

गोमूत्र के फायदे – Cow Urine Benefits in Hindi

आयुर्वेद में कहा गया है कि गाय का मूत्र शरीर को कई रोगों से मुक्त करके स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है। आइए, हम जानते हैं कि आपके लिए गोमूत्र के फायदे किस-किस प्रकार से हैं।

1. कैंसर के लिए

For cancer

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गोमूत्र में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। साथ ही यह शरीर में फ्री रेडिक्लस व ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को खत्म करने का काम करता है। करीब 16 हफ्ते तक 70 चूहों पर किए गए अध्ययन से भी पुष्टि की गई है कि गोमूत्र में कीमोप्रिवेंटिव गुण होता है (1)।

2. वजन घटाने के लिए

Weight loss

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आयुर्वेदिक ग्रंथों में गोमूत्र को एक प्राकृतिक औषधीय पदार्थ के रूप में बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि गोमूत्र के सेवन से वजन घटाने में सहायता मिल सकती है। इस बात को वैज्ञानिक शोध के जरिए भी प्रमाणित किया गया है (1)।

3. मधुमेह में फायदेमंद

गोमूत्र में एंटीडायबिटीक व एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जिस कारण यह शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित कर सकता है। वैज्ञानिक अध्ययन में माना गया है कि अगर मधुमेह से ग्रस्त मरीज गोमूत्र का सेवन करते हैं, तो 28 दिन में इंसुलिन का स्तर संतुलित हो सकता है (2)।

4. हाइपोलिपिडेमिक और हेपेटोप्रोटेक्टिव प्रभाव

जब आप अधिक तैलीय व वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, तो शरीर में कालेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है। साथ ही शरीर में फ्री रेडिकल्स भी बनने लगते हैं। परिणामस्वरूप लिवर में सूजन आ सकती है और आपको कई बीमारियां घेर सकती हैं। ऐसे में अगर आप गौ मूत्र का सेवन करते हैं, तो इन बीमारियों से बच सकते हैं।

गौ मूत्र को इसलिए लाभदायक माना गया है, क्योंकि इसमें हाइपोलिपिडेमिक (कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना) व हेपेटोप्रोटेक्टिव (लिवर को ठीक करना) गुण होते हैं। गोमूत्र का वैज्ञानिक परीक्षण करने पर पता चला है कि इसमें कॉपर, कैलिकेरिन, यूरोकिन्स, नाइट्रोजन, यूरिक एसिड और फॉस्फेट जैसे कई गुणकारी तत्व पाए जाते हैं। जब वैज्ञानिक अध्ययन के दौरान 30 दिन तक गोमूत्र का उपयोग किया जाता है, तो सीरम ट्राइग्लिसराइड्स (खून में पाया जाने वाला फैट) और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी दर्ज की गई। साथ ही लिवर के सूजन में भी कमी आई (3)।

5. पेट की समस्या

stomach problems

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जब बात गोमूत्र के फायदे के बारे में हो रही हो, तो इससे इंकार नहीं किया जा सकता है कि यह आपके पेट के दर्द को कम करने में भी सहायता करता है। यह इसलिए संभव हो पाया है, क्योंकि गोमूत्र में अनेक प्रकार के आयुर्वेदिक गुण मौजूद होते हैं। आयुर्वेद आचार्य सुश्रुत व महर्षि चरक ने भी कहा है कि पेट दर्द से राहत पाने के लिए गौ मूत्र का प्रयोग किया जा सकता है (1)।

6. एंटी-यूरोलिथिएटिक व डाइयुरेटिक्स प्रभाव

गाय का मूत्र अच्छा डिटॉक्स पेय है, जो आपके रक्त और अंगों में मौजूद सभी प्रकार के विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है। साथ ही इसमें एंटी-यूरोलिथिएटिक (पथरी के प्रभाव को कम करना) व डाइयुरेटिक्स (मूत्रवर्धक गुण) प्रभाव भी होता है।

इसे साबित करने के लिए वैज्ञानिकों ने पथरी से प्रभावित चूहे पर परीक्षण किया। उन्होंने चूहे को गोमूत्र दिया, जिससे कैल्शियम ऑक्सलेट में 40 प्रतिशत व कैल्शियम फॉस्फेट में 35 प्रतिशत की कमी आई। आपको बता दें कि इन दोनों के कारण ही किडनी में पथरी का निर्माण होता है (4)। इसके अलावा, गोमूत्र में पाए जाने वाले डाइयुरेटिक्स, एंटीऑक्सीडेंट व एंटीइंफ्लेमेटरी गुण के कारण ही यूरिनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन से बचा जा सकता है।

7. थायराइड व आयोडीन की कमी में सुधार

गौमूत्र के फायदे में थाइराइड को ठीक करना भी शामिल है। आपको बता दें कि शरीर में थायरायड का स्तर सामान्य बनाए रखने के लिए ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) और थायरोक्सिन (T4) हार्मोंस का उत्पादन जरूरी है। इन हार्मोंस का उत्पादन संतुलित मात्रा में हो, इसके लिए अच्छा और पर्याप्त आयोडीन का सेवन करना जरूरी है। आयोडीन की कमी से थायराइड का खतरा बढ़ सकता है। गोमूत्र में आयोडीन पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है, जो थायराइड की समस्या को रोकने में मदद करता है (5)। सुश्रुत संहिता व चरक संहिता में भी इसका वर्णन किया गया है।

8. दर्द से राहत के लिए

गोमूत्र के लाभ की बात करें, तो यह दर्द से निजात दिलाने में भी सहायक है। इसके सेवन से किसी भी प्रकार के दर्द और सूजन को कम किया जा सकता है। यह बात एक रिसर्च द्वारा भी साबित हो चुकी है (1)।

9. जख्म भरने के लिए

To wound

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गाय का मूत्र आपके शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले रसायनों के उत्पादन को रोकता है। यह कोलेजन (एक तरह के प्रोटीन का समूह) और टिशू के निर्माण में मदद करता है, जिससे जख्मों को भरने में मदद मिलती है (6)।

10. त्वचा के लिए

to skin

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गोमूत्र का उपयोग एक्जिमा, मुंहासे व फुंसियों के लक्षणों को ठीक करने में किया जाता है। गोमूत्र उपयोग चेहरे और त्वचा से संबंधित क्रीम में भी किया जाता है। इसके उपयोग से चमकती व सुरक्षित त्वचा पाई जा सकती है। एंटीमाइक्रोबियल और एंटीऑक्सिडेंट गुण से युक्त गोमूत्र का उपयोग चेहरे और त्वचा के लिए बनाए जाने वाली क्रीम में भी किया जाता है (7)।

लेख के इस भाग में हम गोमूत्र उपयोग की जानकारी देंगे।

गोमूत्र का उपयोग – How to Use Cow Urine in Hindi

कृषि में: गोमूत्र के लाभ खेती के लिए देखे गए हैं। गोमूत्र को एक प्राकृतिक कीटनाशक के रूप में उपयोग किया जाता है, क्योंकि यह नाइट्रोजन से समृद्ध होता है, जो रोगाणुरोधी गुण होता हैं (8)।

साबुन और शैंपू में: गोमूत्र का इस्तेमाल आयुर्वेदिक व हर्बल स्क्रब, शैंपू, साबुन व अन्य सौंदर्य उत्पादों में किया जाता है।

बिजली के लिए: गोमूत्र में अल्कलाइन प्रभाव पाया जाता है, जिस कारण इसे बिजली का बेहतरीन विकल्प माना जाता सकता है। ऐसा माना जाता है कि 5 लीटर ताजा गोमूत्र से लगभग 1 वॉट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है (9)।

गोमूत्र कैसे पिएं :

  • ध्यान रहे कि गोमूत्र को ऐसे नहीं पिया जा सकता। पहले उसे फिल्टर करना जरूरी होता है। उसके बाद ही इसका सेवन किया जा सकता है।
  • गोमूत्र को बिना कुछ मिलाए पिया जा सकता है।
  • आप आधे कप पानी में गोमूत्र, नमक और नींबू के रस को मिलाकर भी पी सकते हैं।
  • गोमूत्र में आंवला चूर्ण और दूध मिलाकर पिया जा सकता है।

नोट : आप खुद से इसका सेवन न करें, बल्कि डॉक्टर की सलाह पर ही इसे पिएं।

कब पी सकते है :

  • गोमूत्र को दिन में दो बार सुबह और शाम पिया जा सकता है।

कहा मिलेगा :

  • गोशाला से ताजा गोमूत्र ले सकते हैं।
  • आयुर्वेदिक चिकित्सालय या फिर मेडिकल स्टोर से भी गोमूत्र मिल जाएगा।

क्या गोमूत्र से कुछ नुकसान भी हो सकता है? आइए, जानते हैं।

गोमूत्र के नुकसान – Side Effects of Plums in Hindi

  • गोमूत्र का प्रयोग करके से आपका वजन बढ़ सकता है (10)।
  • गोमूत्र को ज्यादा देर तक स्टोर करके नहीं रखा जा सकता, क्योंकि उसमें बैक्टीरिया पनपने का खतरा बढ़ जाता है, जो शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

गोमूत्र के लाभ को जानने के बाद इसको लेकर नाक सिकोड़ने वाले भी इसके सेवन करना चाहेंगे। इसे ऊपर दिए गए बीमारियों से राहत पाने के लिए आयुर्वेदिक दवा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है और आप इसके गुणों का फायदा उठा सकते हैं। अगर आपके पास गोमूत्र के बारे में कोई अन्य जानकारी है, तो आप नीचे दिए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमारे साथ शेयर कर सकते हैं।

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