बारिश का मौसम हो और ठंडी हवा के साथ आती भुने हुए मकई या भुट्टा की महक किसे नहीं लुभाती। मॉनसून में भुट्टे को चाव से खाने वालों की कमी नहीं है। बेशक, आपको भुट्टे का स्वाद पसंद है, लेकिन क्या आप इस मोटे अनाज के चमत्कारी फायदों के बारे में जानते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस अनाज में कई गंभीर से गंभीर बीमारियों का हल छिपा है। जो लोग इस अनाज से जी चुराते हैं, वो इसके फायदे जानने के बाद इसे खाने से खुद को रोक नहीं पाएंगे। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम मकई के इन्हीं गुणों और स्वास्थ्य संबंधी कई रोचक जानकारियों के बारे में बात करेंगे।
मकई या भुट्टा के फायदे और गुणों पर चर्चा करने से पहले बेहतर होगा कि हम इसके बारे में थोड़ा अच्छे से जान लें।
मकई (कॉर्न) क्या होता हैं? – What is Corn in Hindi
मकई का वैज्ञानिक नाम ‘जी-मेज’ है। इसकी गिनती मोटे अनाजों में की जाती है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, विटामिन-सी, मैग्नीशियम, विटामिन-बी और कैरोटीनॉयड (जैसे ल्यूटिन और जेक्सैन्थिन) भारी मात्रा में पाए जाते हैं (1)। साथ ही यह फाइबर का भी अच्छा स्रोत माना जाता है। बता दें कि फाइबर ब्लड प्रेशर, शुगर और पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है (2)। इसमें फैट की मात्रा कम पाई जाती है। इस कारण यह मोटापा घटाने में भी मददगार साबित हो सकता है।
मकई को भुट्टा के रूप में लगभग पूरे भारत में खाया जाता है। इसकी खेती मैदानी भागों से लेकर लगभग 2700 मीटर ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों तक में की जाती है। आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में इसे बड़े पैमाने पर उगाया जाता है।
अब बात करते हैं, भुट्टा के प्रकार के बारे में।
मकई या भुट्टा के प्रकार – Types of corn in hindi
रंग और स्वाद के आधार पर मकई को विभिन्न रूपों में विभाजित किया जा सकता है। नीचे जानिए मकई के आम प्रकार (3) –
- येलो डेंट कॉर्न- इसका प्रयोग मुख्य रूप से इथेनॉल के उत्पादन रूप में किया जाता है। इथेनॉल एक प्रकार का अल्कोहल होता है, जिसे पेट्रोल में मिलाया जाता है। फिर यही पेट्रोल गाड़ियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- स्वीट कॉर्न- यह कॉर्न का वह प्रकार है, जिसे आप बाजार से या किराने की दूकान से खरीदते हैं।
- व्हाइट कॉर्न- इसका उपयोग मुख्य रूप से भोजन और चिप्स उत्पादन के लिए किया जाता है।
- हाई एमाइलोज कॉर्न – इसमें स्टार्च की मात्रा ज्यादा होती है। इसका अधिक उपयोग टैक्सटाइल इंडस्ट्री में किया जाता है।
- पॉप कॉर्न- यह कॉर्न की वह किस्म है, जो गर्म करने पर फैलती है और फूल जाती है।
- रेड कॉर्न- यह प्रकार खाने में अखरोट के स्वाद जैसा लगता है। इसे मीठे कॉर्न की श्रेणी में गिना जाता है।
- ब्लू कॉर्न- इसका उपयोग खाद्य पदार्थों को बनाने के लिए किया जाता है, खासकर चिप्स।
- ओर्नामेंटल कॉर्न- यह भारतीय मक्के का एक प्रकार है, जो विभिन्न रंग और रूप में पाया जाता है।
आगे लेख में हम मकई या भुट्टा के फायदे के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
मकई या भुट्टा (कॉर्न) के फायदे – Benefits of Corn (Bhutta) in Hindi
1. डायबिटीज में मकई के फायदे
कई लोगों का मानना है कि मकई या भुट्टा डायबटीज को नियंत्रित करने में कारगर साबित होता है। साल 2015 में हुए एक शोष के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि पर्पल कॉर्न (जिसे ब्लू कॉर्न के नाम से भी जाना जाता है) में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ा देते हैं। इस तरह यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मददगार साबित हो सकता है। वहीं, अन्य प्रकार के कॉर्न को लेकर कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि वो डायबटीज को कंट्रोल कर सकते हैं या नहीं (4)।
2. कैंसर में मकई के फायदे
मकई का एक प्रकार जिसे स्वीट कॉर्न कहते हैं, रोगी में कैंसर से लड़ने की क्षमता पैदा करता है। एक शोध में इस बात का जिक्र किया गया है कि पके हुए स्वीट कॉर्न में फेरुलिक एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह एसिड कैंसर से लड़ने में मददगार साबित होता है। इसके अलावा, कॉर्न में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं, जो शरीर में मौजूद मुक्त कणों को न्यूट्रीलाइज कर ऑक्सिकरण की प्रक्रिया को कम करने का काम करते हैं। ध्यान रहे कि ऑक्सिकरण प्रक्रिया शरीर को नुकसान पहुंचाती है (5)।
3. आंखों के लिए मकई के गुण
मकई में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट, ल्यूटिन और जैक्सैन्थिन आंखों की रोशनी को बचाए रखने में लाभकारी साबित होते हैं। इस मामले में किए गए एक शोध में इस बात की पुष्टि की गई है कि उम्रदराज लोगों में इन यौगिकों की कमी की वजह से आंखों की नसों में शिथिलता आती है। इससे कम दिखाई देने या अंधेपन जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है (6)।
4. गर्भवती के लिए भुट्टा उपयोगी
मकई गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। कारण यह है कि इसमें फोलिक एसिड, फाइबर, विटामिन-बी1, बी5 और सी पाया जाता है। ये सभी पोषक तत्व पाचन प्रक्रिया को बेहतर करने में मदद करते हैं। वहीं, इसमें मौजूद फोलिक एसिड और विटामिन-बी होने वाले शिशु को न्यूरल ट्यूब दोष (शिशु के मस्तिष्क व रीढ़ में विकार उत्पन्न होना) से बचाने में मदद करते हैं (1) (6) (7)।
5. वजन कम करने में सहायक है भुट्टा
वजन कम करने की बात करें, तो मकई या भुट्टा में वसा की मात्रा कम होती है। इसमें अघुलनशील फाइबर की प्रचुर मात्रा पाई जाती है (1) (8)। इसका सेवन करने से आपका पेट भरा हुआ महसूस होता है और यह वसा को शरीर पर चढ़ने नहीं देता। इस तरह यह उन लोगों के लिए मददगार साबित हो सकता है, जो मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं (9)।
6. आयरन की कमी को दूर करता है भुट्टा
कई बीमारियों के निदान में सहायक भुट्टा शरीर में आयरन की कमी को भी पूरा करने का काम करता है। इसका नियमित सेवन करने वाले लोगों को आयरन की कमी से होने वाली गंभीर समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। एक शोध के मुताबिक इस बात की पुष्टि की गई है कि मकई के कुछ विशेष प्रकार है, जिनमें आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। बता दें कि आयरन की कमी के कारण एनीमिया होने का खतरा बना रहता है (10)।
7. एनीमिया से छुटकारा दिलाता है भुट्टा
आप जान ही चुके हैं कि आयरन की कमी के कारण एनीमिया होने की आशंका रहती है (10)। वहीं, भुट्टा के सेवन से शरीर में आयरन की कमी को पूरा किया जा सकता है। बता दें कि आयरन की कमी के अलावा विटामिन बी-12, फोलिक एसिड या कोई गंभीर बीमारी भी एनीमिया का कारण हो सकती है (11)। वहीं, भुट्टे में आयरन के साथ-साथ फोलिक एसिड/फोलेट भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो एनीमिया से निजात दिलाने में सहायक साबित हो सकता है (1)।
8. भुट्टे की मदद से दिल को रखें फिट
स्वीट कॉर्न को पकाने से उसमें एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा काफी बढ़ जाती है, जो हृदय रोग के खतरे को काफी हद तक कम करने का काम करते हैं (5)। वहीं, इसमें मौजूद अघुलनशील फाइबर शरीर में मौजूद अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित करने का काम करता है (8)। इस कारण भी हृदय रोग का जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है (9)।
9. मकई के उपयोग से दुरुस्त करें पाचन प्रक्रिया
मकई या भुट्टा में प्रचुर मात्रा में अघुलनशील फाइबर पाया जाता है, जो वजन घटाने में सहायता करने के साथ-साथ पाचन प्रक्रिया को भी सुचारू रूप से चलाने का काम करता है (9) (12)।
10. मकई से कोलेस्ट्रॉल का नियंत्रण
मकई में कोलेस्ट्रॉल नहीं पाया जाता है (1)। वहीं, खास बात यह है कि इसमें मौजूद फेरुलिक एसिड एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है, जो शरीर में मौजूद कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित करने के साथ-साथ उसे कम करने में भी कारगर साबित हो सकता है (5) (13)। इसके अलावा, कॉर्न सिल्क (भुट्टे के ऊपर मौजूद बाल) भी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायक साबित होते हैं (14)।
11. मकई ऊर्जा का अच्छा स्रोत
मकई में एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्वों के अलावा भारी मात्रा में कैलोरी भी पाई जाती है (1)। इसलिए, इसे ऊर्जा का अच्छा स्रोत माना जाता है। इसका सेवन व्यक्ति को सक्रीय और फुर्तीला रहने में मदद करता है। वहीं, ऊर्जा की मात्रा अधिक होने के कारण इसे खाने के बाद लोगों को लंबे समय तक भूख का अहसास नहीं होता (15)।
12. अल्जाइमर में फायदेमंद है भुट्टा
मकई खाने के फायदे के बारे में बात करें, तो मकई या भुट्टा अल्जाइमर (भूलने की बीमारी) में भी काफी सहायक साबित होता है। कारण है इसमें पाया जाने वाला विटामिन-ई। बता दें कि अल्जाइमर की बीमारी में विटामिन-ई महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है (16)।
13. बोन हेल्थ
मकई खाने के फायदे में बोन हेल्थ भी शामिल है। मकई में मौजूद घुलनशील फाइबर हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद साबित होता है (17)। वहीं, मकई में सीधे तौर पर कैल्शियम भी पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूती प्रदान करने का काम करता है (1)।
14. शारीरिक क्षमता
मकई के फायदे पर किए गए शोध में शोधकर्ताओं ने पाया कि मकई या भुट्टा शारीरिक क्षमता को बढ़ाने में कारगर साबित हो सकता है। कारण यह है कि किसी भी शारीरिक गतिविधी को करने के लिए ऊर्जा की जरूरत होती, जिसका मुख्य स्रोत कार्बोहाइड्रेट है। चूंकि, लेख के शुरुआत में बताया गया है कि मकई कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत है, तो इसके सेवन से मसल्स ग्लाइकोजन की मात्रा बढ़ती है। इस तरह यह शारीरिक क्षमता को बढ़ाने में भुट्टा मददगार साबित हो सकता है (1) (18)।
15. त्वचा व बालों के लिए भुट्टा उपयोगी
विटामिन-ए, बी, डी, ई, जिंक व आयरन जैसे पोषक तत्व त्वचा और बालों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए अधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं। ये सभी पोषक तत्व मकई में मौजूद होते हैं। इसलिए, यह कहा जा सकता है कि त्वचा और बाल के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मकई उपयोगी साबित हो सकता है (1) (19) (20)।
अब बात करते हैं मकई में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों की।
मकई के पौष्टिक तत्व- Corn Nutritional Value in Hindi
नीचे दिए जा रहे इस टेबल के जरिए आपको स्पष्ट हो जाएगा कि मकई में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व होते हैं और उनकी मात्रा कितनी होती है (1)।
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100g |
---|---|
पानी | 10.37 g |
ऊर्जा | 365 kcal |
प्रोटीन | 9.42 g |
टोटल लिपिड (फैट) | 4.74 g |
कार्बोहाइड्रेट | 74.26 g |
फाइबर | 7.3 g |
शुगर | 0.64 g |
मिनरल्स | |
कैल्शियम | 7 mg |
आयरन | 2.71 mg |
मैग्नीशियम | 127 mg |
फास्फोरस | 210 mg |
पोटैशियम | 287 mg |
सोडियम | 35 mg |
जिंक | 2.21 mg |
विटामिन्स | |
थियामिन | 0.385 mg |
राइबोफ्लेविन | 0.201 mg |
नियासिन | 3.627 mg |
विटामिन बी-6 | 0.622 mg |
फोलेट | 19 µg |
विटामिन ए (आरएई) | 11 µg |
विटामिन ए (आईयू) | 214 IU |
विटामिन ई | 0.49 mg |
विटामिन के | 0.3 µg |
लिपिड | |
फैटी एसिड (सैचुरेटेड) | 0.667 g |
फैटी एसिड (मोनोसैचुरेटेड) | 1.251 g |
फैटी एसिड (पॉलीसैचुरेटेड) | 2.163 g |
मकई में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की जानकारी के बाद अब हम बात करेंगे इसके उपयोग के बारे में।
मकई का उपयोग- How to Use Corn in Hindi
मकई के उपयोग की बात करें, तो इसे सुबह के नाश्ते में इस्तेमाल किया जा सकता है। कई लोग कॉर्न फ्लेक्स को दूध के साथ लेना पसंद करते हैं, तो वहीं कुछ लोग इसका सूप बनाकर पीते हैं। अगर पॉप कॉर्न की बात की जाए, तो इसे स्नैक्स के तौर पर कहीं भी और कभी भी खाया जा सकता है। इसके अलावा, ठोस और मजबूत आहार की बात करें, तो सर्दियों में मक्के की रोटी चाव के साथ खाई जाती है।
आगे लेख में हम आपको मकई की दो आसान रेसिपी बताएंगे, जिसे आप आसानी से घर में बना सकते हैं।
1. स्वीट करी कॉर्न
सामग्री :
- दो चम्मच पिघला हुआ मक्खन
- एक चम्मच आम की चटनी
- भुना हुआ करी पाउडर (स्वादानुसार)
बनाने का तरीका :
- पहले कॉर्न के दानों को अच्छे से भून लें।
- भुने हुए दानों को अलग प्लेट में रख लें।
- अब मक्खन और आम की चटनी के साथ करी पाउडर को मिक्स करें।
- बाद में भुने हुए मकई के दानों पर बनाए गए पेस्ट को अच्छे से फैला दें।
2. मसाला स्वीट कॉर्न
सामग्री :
- उबले हुए कॉर्न (आवश्यकतानुसार)
- एक चम्मच मक्खन
- मसाला पाउडर (स्वादानुसार)
बनाने का तरीका :
- किसी बर्तन में उबले हुए मकई के दाने निकाल लें।
- इसके बाद उसमें एक चम्मच मक्खन डालें।
- बाद में ऊपर से स्वादानुसार मसाला पाउडर डालें।
- अब सभी को एक साथ अच्छे से मिक्स करें।
- मिक्स होने के बाद आप इसे खाने के लिए सर्व कर सकते हैं।
अब बात करते हैं मकई से होने वाले नुकसान के बारे में।
मकई के नुकसान- Side Effects of Corn (Bhutta) in Hindi
जहां मकई खाने के फायदे ढेरों हैं, वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं। इस पर भी जरूर ध्यान देना चाहिए।
- जैसा कि लेख में पहले भी बताया गया है कि मकई उच्च फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। इसलिए, आपको यह भी जान लेना चाहिए कि फाइबर की अधिक मात्रा पेट में दर्द, पेट का फूलना और कब्ज जैसी समस्या को न्योता दे सकती है। इसलिए, विशेषज्ञ वयस्कों को प्रतिदिन 25 से 30 ग्राम फाइबर लेने की सलाह देते हैं (12)।
- वहीं, कुछ मामलों में कॉर्न का अधिक उपयोग शरीर में पेलाग्रा (विटामिन बी-3 की कमी) पैदा करता है (20)।
- मकई में पाया जाने वाला ग्लूटेन कई लोगों में स्किन एलर्जी का कारण भी बन जाता है (21)।
अब तो आप मकई या भुट्टा खाने के उपयोग, फायदे और नुकसान के बारे में अच्छी तरह जान गए होंगे। साथ ही आपको इस बात की भी जानकारी हो गई होगी कि नुकसान से अधिक मकई के फायदे हैं। कई गंभीर बीमारियों में इसका उपयोग न केवल लाभकारी है, बल्कि यह आपको दवाओं के बोझ से भी मुक्त कर सकता है। इसलिए, भुट्टे को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। ध्यान रहे कि आप इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें। उम्मीद है कि इस लेख के माध्यम से आपको कई गंभीर बीमारियों को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। किसी भी प्रकार के सुझाव और सवालों के लिए आप नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए संपर्क कर सकते हैं।
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