हर भारतीय रसोई में प्रमुख रूप से पाई जाने वाली सब्जियों में भिंडी का अपना अलग स्थान है। स्वाद में लाजवाब हरे रंग की छोटी-सी भिंडी के औषधीय गुण कई हैं। यह कई बीमारियों में दवाई के रूप में काम आती है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम औषधीय गुणों से युक्त भिंडी के फायदे बताएंगे। साथ ही इसे उपयोग करने के तरीके भी आपके साथ शेयर करेंगे। इसके अलावा, भिंडी के नुकसान से जुड़ी कुछ जानकारियां भी आपको देंगे।
लेख की शुरुआत हम जायकेदार भिंडी के फायदों से करते हैं।
भिंडी के फायदे – Benefits of Lady Finger in Hindi
वैसे तो सभी को मालूम है कि भिंडी काे स्वाद के लिए सब्जी के रूप में खाया जाता है, लेकिन क्या कभी इसे खाते-खाते भिंडी के फायदे के बारे में सोचा है। यह कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, एंटी-ऑक्सीडेंट और फाइबर जैसे अहम पौष्टिक तत्वों से भरपूर है (1)। ये सभी पोषक तत्व आपको विभिन्न तरीकों से लाभान्वित करते हैं। आइए, जानते हैं कि भिंडी के गुण से स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्या-क्या फायदे होते हैं।
1. मधुमेह (daibetes):
भिंडी कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन और प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध है। इसके अंदर पाए जाने वाले एंटीडायबिटिक और एंटीहाइपरलिपिडेमिक गुणों के कारण यह मधुमेह को नियंत्रित कर सकती है। इसलिए, मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए भिंडी उत्तम आहार हो सकती है (1), (2)।
2. उत्तम पाचन शक्ति के लिए
भिंडी में फोलेट, थियामिन, पायरीडॉक्सीन, विटामिन-ए व विटामिन-सी जैसे पोषक तत्वों के साथ ही उच्च मात्रा में फाइबर भी पाया जाता है। फाइबर हमारे पाचन तंत्र के लिए बहुत लाभकारी होता है। भिंडी के सेवन से पाचन तंत्र में सुधार के साथ ही कब्ज व गैस जैसी कई समस्याओं से छुटाकरा मिलता है। अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करना भिंडी के गुण में शुमार है (3)।
3. हृदय के लिए स्वास्थ्यवर्धक
भिंडी में दो प्रकार के फाइबर पाए जाते हैं, घुलनशील और अघुलनशील फाइबर। घुलनशील फाइबर कोलेस्ट्रॉल सीरम को कम करने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करता है। साथ ही यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़कर हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है। अघुलनशील फाइबर मल को आंतों के रास्ते आसानी से निकालने में मदद करता है (4) (5)।
4. कैंसर में फायदेमंद
कैंसर से बचने के लिए भी आप भिंडी का सेवन कर सकते हैं। खासकर, कोलोरेक्टल कैंसर से बचने के लिए आप भिंडी को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। वैज्ञानिक अध्ययन ने खुलासा हुआ है कि भिंडी में एंटीऑक्सीडेंट, न्यूरोप्रोटेक्टिव, एंटीडायबिटिक, एंटीहाइपरलिपिडेमिक और थकावट रोधी गुण होते हैं। ये सभी गुण आपको कैंसर से बचाने में मदद करते हैं। भिंडी में मौजूद लेक्टिन से स्तन कैंसर का इलाज भी किया जा सकता है (6)।
5. कब्ज के लिए है रामबाण इलाज
भिंडी के फायदे बीमारियों के इलाज के लिए भी हैं। भिंडी फाइबर से समृद्ध है, जो पानी को अवशोषित करके मल को मुलायम बनाती है। इसलिए, कब्ज की समस्या होने पर भिंडी का सेवन किया जा सकता है। भिंडी में एक प्रकार का चिकना पदार्थ भी पाया जाता है, जो मल को आसानी से बाहर निकालने के लिए आंतों में ल्यूब्रीकेंट की तरह काम करता है (7)।
6. आंखों के विकार को दूर करें
भिंडी को विटामिन-ए का मुख्य स्रोत माना गया है। जहां यह पोषक तत्व सफेद रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होता है, वहीं आंखों की सेहत और अच्छी रोशनी के लिए भी जरूरी हैं (8)। भिंडी के सेवन से आंखों से जुड़ी मोतियाबिंद जैसी बीमारी से भी बचा जा सकता है (9)।
7. बड़ते वजन के लिए है कारगर
भिंडी कम कैलोरी और उच्च घुलनशील फाइबर के लिए जानी जाती है। अपने आहार में भिंडी को शामिल करने से पाचन तंत्र मजबूत होगा। जो लोग अपना वजन करना चाहते हैं, उनके लिए फाइबर की मात्रा बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है। फाइबर भोजन को आराम से पचाता और भरपूर ऊर्जा प्रदान करता है। इससे भूख कम लगती है और वजन को कम करने में मदद मिलती है। इसलिए, भिंडी को उन सब्जियों में से एक माना जाता है, जिन्हें आप अपने वजन घटाने के लिए आहार में शामिल कर सकते हैं (10) (11)।
8. रक्तचाप को करे नियंत्रित
भिंडी में पाया जाने वाला साेडियम रक्तचाप को नियंत्रित कर शरीर को रक्तचाप से होने वाले जोखिम से बचाता है (10)। सोडियम के अंदर इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं, जो शरीर में रक्तचाप को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाते हैं (12)।
9. गर्भावस्था में फायदेमंद
भिंडी में फोलेट पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है (8)। वहीं, गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के स्वस्थ विकास के लिए फोलेट की जरूरत होती है। गर्भवती महिला के शरीर में फोलेट की कमी होने से शिशु को न्यूरल ट्यूब दोष हो सकता है। इसमें शिशु का मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी प्रभावित हो सकती है (13)। इसलिए, भ्रूण और गर्भवती मां दोनों के लिए फोलेट फायदेमंद है (14)। गर्भावस्था के पहले और दौरान फोलिक एसिड की सही मात्रा लेने से शिशु को स्पाइना बिफिडा यानी न्यूरल ट्यूब दोष (रीढ़ की हड्डी का जन्मजात दोष) से बचाया जा सकता है (15)।
गर्भावस्था के दौरान आयरन की भी खासी जरूरत होती है। ऐसे में भिंडी में पाया जाने वाला आयरन बच्चे के विकास में सहायक होता है। इसके अलावा, लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में भी मदद करता है (16)।
10. स्वस्थ त्वचा के लिए उपयोगी
भिंडी खाने से आपकी त्वचा स्वस्थ और चमकदार हो सकती है। इसमें विटामिन-सी और विटामिन-ए जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो स्वस्थ त्वचा कोशिकाओं को बढ़ने में मदद करते हैं। आप अपने चेहरे पर भिंडी लगा भी सकते हैं। इससे त्वचा की कोशिकाओं में मॉइस्चराइजर बना रहता है, जिससे त्वचा नरम व कोमल बनी रहती है (8), (17)।
11. कोमल और घने बालों के लिए
भिंडी विटामिन-ए, सी और के से भरपूर होती है। इसमें कैल्शियम व पोटैशियम सहित अन्य जरूरी पोषक तत्व भी होते हैं (8), जो बालों के विकास के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके उपयोग से सूखे बालों को मॉइस्चराइज करने और रूसी से छुटकारा दिलाने में मदद मिल सकती है (18)।
अब जानते हैं भिंडी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में।
भिंडी के पौष्टिक तत्व – Lady Finger Nutritional Value in Hindi
यह तो आप जान ही गए होंगे कि भिंडी में विभिन्न तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। अब हम बता रहे हैं कि भिंडी में किसी पोषक तत्व की मात्रा कितनी होती है (19) (20) :
भिंडी के पोषक तत्व | ||
---|---|---|
पोषक तत्व | पोषक मूल्य | दैनिक मूल्य % |
कैलोरी | 33 कैलोरी | 1.5% |
कार्बोहाइड्रेट | 7.45 ग्राम | 5.4% |
वसा | 0.19 ग्राम | 0.5% |
प्रोटीन | 1.93 ग्राम | 4% |
कोलेस्ट्रॉल | 0 मिलीग्राम | 0% |
फाइबर | 3.2 ग्राम | 3.2% |
विटामिन | ||
फोलट | 60 µg | 22% |
नियासिन | 1.000 मिलीग्राम | 6% |
राइबोफ्लेविन | 0.060 मिलीग्राम | 4.5% |
थियामिन | 0.200 मिलीग्राम | 17% |
विटामिन सी | 23 मिलीग्राम | 36% |
विटामिन ए | 716 आईयू | 12.5% |
विटामिन ई | 0.27 मिलीग्राम | 2.5% |
विटामिन के | 31.3 µg | 44% |
इलेक्ट्रोलाइट्स | ||
सोडियम | 7 मिलीग्राम | 0.5% |
पोटैशियम | 299 मिलीग्राम | 6% |
मिनरल्स | ||
कैल्शियम | 82 मिलीग्राम | 8% |
आयरन | 0.62 मिलीग्राम | 0.62% |
मैग्नीशियम | 57 मिलीग्राम | 14% |
फास्फोरस | 61 मिलीग्राम | 9% |
जिंक | 0.58 मिलीग्राम | 5.5% |
कैरोटीन-ß | 225µg | – |
क्रिप्टो-जैंथिन-ß | 0µg | – |
ल्यूटिन-जेक्सैंथिन | 516µg | – |
पोषक तत्वों को जानने के बाद जानते हैं कि हम भिंडी का उपयोग कैसे कर सकते हैं।
भिंडी का उपयोग – How to Use Lady Finger (Okra) in Hindi
औषधीय गुणों से युक्त भिंडी का उपयोग विभिन्न प्रकार से किया जा सकता है। यहां पर हम इसकी दो रेसिपी बता रहे हैं :
1. बेक्ड कुरकुरी भिंडी
सामग्री :
- 500 ग्राम ताजी भिंडी
- तीन चौथाई कप सोया दूध
- आधा कप कॉर्नमील
- एक चौथाई कप ब्राउन राइस आटा
- 1 बड़ा चम्मच नींबू का रस
- 1 चम्मच लहसुन पाउडर
- 1 चम्मच नमक
- आधा चम्मच प्याज पाउडर
- एक चौथाई चम्मच सेयेन (स्वाद के लिए कम या ज्यादा)
- एक चौथाई चम्मच पिसी हुई काली मिर्च
बनाने का तरीका :
- भिंडी को धोकर साफ कर लें और ओवन को पहले से 47 डिग्री फारेनहाइट गरम कर लें।
- फिर बेकिंग शीट को गर्म होने के लिए ओवन में रखें।
- भिंडी को छोड़कर शेष सभी सामग्रियों को एक बड़े बाउल में मिलाकर पेस्ट बना लें।
- इस पेस्ट में भिंडी को अच्छी तरह से मिलने तक हिलाएं। फिर पेस्ट लगी हुई भिंडी को बेकिंग शीट पर रखें।
- फिर भिंडी को ओवन में रखकर 25 से 30 मिनट के लिए बेक होने दें। धीरे-धीरे प्रत्येक भिंडी को 15 मिनट के अंतराल पर घुमाएं।
- भिंडी के सुनहरी, भूरी और कुरकुरी होने पर साॅस या फिर चटनी के साथ परोसें।
2. भिंडी-आलू की सब्जी
सामग्री :
- 500 ग्राम भिंडी
- 2 कटे हुए आलू
- तेल के 2 बड़े चम्मच
- 5 करी पत्ते
- 2 बड़े चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 1 छोटा चम्मच जीरा
- आधा छोटा चम्मच हींग
- 1 छोटा चम्मच धनिया पाउडर
- नमक स्वादानुसार
बनाने का तरीका :
- गरम तेल में करी पत्ता, जीरा और हींग डालकर छोंक लगाएं।
- फिर इसमें कटे हुए आलू डालकर कुछ देर भून लें। फिर कटी हुई भिंडी मिलाएं।
- इसे 5 से 10 मिनट तक पकाते रहें।
- अच्छी तरह से भुन जाने पर इसमें लाल मिर्च पाउडर, हल्दी, धनिया पाउडर और नमक डालकर मिलाएं।
- परोसे जाने के लिए भिंडी-आलू की सब्जी तैयार है।
ऐसा नहीं है कि भिंडी सिर्फ फायदेमंद हो, इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। आइए जानते हैं इसके नुकसानों को।
भिंडी के नुकसान – Side Effects of Lady Finger in Hindi (Write Down Pointwise)
अगर भिंडी को सीमित मात्रा में लिया जाए, तो भिंडी के फायदे जरूर होंगे। वहीं, अधिक मात्रा में सेवन करने से भिंडी के नुकसान कुछ इस प्रकार देखने को मिल सकते हैं :
- हो सकते हैं त्वचा के घाव : भिंडी से निकलने वाले प्रोटियोलिटिक नामक एंजाइम के संपर्क में आने से त्वचा पर घाव हो सकते हैं (21)।
- गुर्दे की पथरी का कारण : भिंडी में ऑक्सालेट्स नामक यौगिक की सामान्य मात्रा होती है। शरीर में इसकी अधिकता होने से गुर्दे की पथरी हो सकती है। अगर आप गुर्दे की पथरी से पीड़ित हैं, तो भिंडी आपकी सेहत बिगाड़ सकती है (22)।
- पेट की समस्या : बहुत अधिक भिंडी खाने से कुछ लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। भिंडी कार्बोहाइड्रेट में समृद्ध होता है। इसके अधिक सेवन से दस्त, गैस, ऐंठन और आंतों में सूजन जैसी समस्या हो सकती है (23)।
- रक्त के थक्कों का खतरा बड़ाने में हो सकता है कारण : भिंडी में विटामिन-के पाया जाता है। यह शरीर में खून को गाढ़ा करने के काम आता है (24)। जो लोग रक्त को गाढ़ा करने वाली दवाओं का सेवन कर रहे हैं, उन्हें भिंडी यानी विटामिन-के का सेवन डॉक्टर से पूछकर करना चाहिए। दोनों के एक साथ लेने से शरीर में खून के थक्के बनने शुरू हो जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं।
संभव है कि आपने इससे पहले कभी भिंडी के इतने गुणों के बारे में नहीं जाना होगा। अब जब अगली बार आप भिंडी खाएं, तो भिंडी के गुण को जरूर याद कर लें। भिंडी आपके मुंह का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ आपकी सेहत के लिए भी लाभकारी साबित होगी। हम उम्मीद करते हैं कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद, जिन्हें भिंडी पसंद नहीं है, वो भी इसे खाना शुरू कर देंगे। आप भिंडी के फायदों के संबंध में कुछ अन्य जानकारी या सुझाव जानने के लिए नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हमसे जुड़े सकते हैं।
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